बुधवार, 28 नवंबर 2012

आर्शीवाद बाल स्वास्थ्य गारन्टी योजना

आर्शीवाद बाल स्वास्थ्य गारन्टी योजना

Ashirwad Bal Swasthya Guarantee Yojana


उत्तर प्रदेश में राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन (एनआरएचएम) के अंतर्गत स्कूली बच्चों के बेहतर स्वास्थ्य को लेकर शुरू की गई ‘आशीर्वाद बाल स्वास्थ्य गारंटी योजना’ से राज्य के एक लाख स्कूलों के कक्षा एक से लेकर दसवीं तक के लगभग दो करोड बच्चे (6 वर्ष से 18 वर्ष उम्र तक के स्कूली छात्र-छात्राओं) लाभान्वित होंगे। इस योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्र के बच्चों के गंभीर बीमारी का नि:शुल्क इलाज मुहैया कराया जाएगा। सभी सरकारी, प्राइमरी और पूर्व माध्यमिक, हाईस्कूल विद्यालयों को इस योजना में सम्मिलित किया गया है। प्रोग्राम के संचालन के लिए शासन ने 844 स्कूलों के लिए एक करोड़ सत्ताइस लाख तीन सौ छियालीस रूपये का बजट भी जारी कर दिया है। पूरे प्रदेश में योजना की शुरूआत 14 नवंबर बाल दिवस (भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पं. नेहरू के जन्म दिन) से एक साथ होनी थी पर शुरू नहीं हो सकी। योजना के तहत शासन द्वारा चिकित्सकों की भर्ती की जानी थी। जिसके लिए जिले में साक्षात्कार भी किए गए। स्वास्थ्य मंत्री अहमद हसन ने जून 2012 में प्रदेश के सभी जिलों को बाल स्वास्थ्य अधिकारी गारंटी योजना का प्रारूप तैयार करने के निर्देश दिए थे। प्रत्येक विद्यालय से एक शिक्षक / प्रधानाध्यापकों को नोडल अधिकारी के रूप में मनोनीत कर उनका परीक्षण कराया जाएगा।

इस योजना का उद्देश्य नवजात और बच्चों के स्वास्थ्य की देखरेख के उचित मानदंड स्थापित करना है। इसके तहत 14 साल से कम उम्र के स्कूली बच्चों के स्वास्थ्य परीक्षण के लिए राज्य के सभी 820 ब्लॉकों में 2 डॉक्टरों और 2 पैरा मेडिकल कर्मचारी की टीम गठित की जाएंगी। एमबीबीएस डॉक्टर की पर्याप्त संख्या न होने के कारण इस योजना के तहत आयुष और बीडीएस की डिग्री प्राप्त डॉक्टरों की नियुक्ति भी की जाएगी। प्रत्येक ब्लाक में दो-दो टीम होंगी, जिसमें एक डाक्टर, एक महिला स्वास्थ्य कर्मी, एक नेत्र सहायक, एक दंत सहायक होंगे। सभी टीमों को पहले योजना संबंधी प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। इसके उपरांत टीम एक-एक कर प्रत्येक विद्यालय जाएगी। ये टीमें वर्ष में दो बार प्रत्येक विद्यालय में परीक्षण शिविर आयोजित कर, बच्चों के स्वास्थ्य की जांच तथा उपचार करेंगी। इन्हें बच्चों के लंबाई, वजन और खान-पान का रिकार्ड रखना होगा तथा दांतों व आंखों की जांच भी की जाएगी। स्वास्थ्यकर्मी बच्चों में खून की कमी दूर करने के लिए आयरन की गोलियां और क्रीमिनाशक भी बांटेंगे। जांच में यदि बीमारी गंभीर पाई जाती है तो बच्चे को विशेषज्ञ को दिखाया जाएगा। फिर भी हालत में सुधार न हाने पर बच्चे को बड़े अस्पताल में रेफर किया जाएगा, जहां उस रोग के बेहतर इलाज की पूरी व्यवस्था होगी। बीमार बच्चों के लिए अलग वार्ड की व्यवस्था होगी। ऐसे बच्चों का कार्ड भी बनेगा। चार फोल्ड के इस कार्ड के जरिए उन्हें इलाज की मुकम्मल व्यवस्था दी जाएगी। बच्चे की जांच और उसे रेफर करने की जिम्मेदारी स्वास्थ्य विभाग की होगी। बच्चे के इलाज में जो भी खर्च आएगा, उसे सरकार वहन करेगी। यह योजना इस समय महाराष्ट्र और तमिलनाडु में चल रही है।

क्या होगा योजना के तहत
- योजना में सबसे पहले आशा, आंगनवाड़ी कार्यकत्री और एएनएम गांव-गांव में घूमकर बच्चों का डाटा बैंक तैयार करेंगी।
- इसमें आयोडीन, फोलिक एसिड की कमी और आंख आदि की जांच की जाएगी।
- बच्चों की बीमारी की रिपोर्ट तैयार कर हेल्थ कार्ड बनाया जाएगा, जिससे बच्चे का नियमित इलाज किया जा सके।
- चिकित्सक और पैरामेडिकल टीम को रिपोर्ट भेजी जाएगी।
- जिले में एक चिकित्सक और पैरामेडिकल स्टाफ की प्रशिक्षित टीम एंबुलेंस के साथ सामुदायिक और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर तैनात की जाएगी।
- बच्चों की बीमारी की जांच कर उसे विशेषज्ञ चिकित्सकों को दिखाया जाएगा।
- स्थिति गंभीर होने पर बच्चे को बीमारी के बेहतर इलाज के लिए किसी भी जगह रेफर किया जा सकेगा।
- इलाज में आने वाले खर्च को एनआरएचएम के तहत प्रदेश सरकार द्वारा वहन किया जाएगा।

इससे पहले भी बच्चों के स्वास्थ्य की देखरेख के लिए स्कूल हेल्थ एवं 'सलोनी' जैसी योजनाएं चलाकर उनकी जांच व दवाएं देकर स्वास्थ्य सुरक्षा की जा रही थी। अब उन योजनाओं को आशीर्वाद बाल स्वास्थ्य गारण्टी योजनाओं में समाहित कर नए सिरे से कार्य प्रारम्भ किया जा रहा है। बच्चों का शैक्षिक स्तर सुधारने के लिए ‘शिक्षा का अधिकार कानून’ के बाद अब उनके बेहतर स्वास्थ्य के लिए भी विशेष योजना शुरू करने की तैयारी है।




उत्तर प्रदेश के चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री श्री अहमद हसन ने कहा है कि बाल स्वास्थ्य गारंटी योजना को सक्रिय व सुचारू रूप से चलाने के लिए अरबन हेल्थ पोस्ट की स्थापना पर अतिशीघ्र जोर दिया जाये। जनपदों के मुख्य चिकित्सा अधिकारी आगामी 15 दिसम्बर तक इस कार्य की व्यवस्था सुनिश्चित कर लें। स्वास्थ्य मंत्री अपने कार्यालय कक्ष में विभागीय अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक कर रहे थे। स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि गरीब जनता के इलाज के लिए 5000 चिकित्सकों की भर्ती की जायेगी। श्री हसन ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि आगामी जनवरी में 102 नवम्बर की एम्बुलेंस सेवा शुरू कर दी जाये तथा फरवरी माह में मोबाइल हॉस्पिटल सेवा का शुभारम्भ कर दिया जाये।

राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के तहत उत्तर प्रदेश में आशीर्वाद बाल स्वास्थ्य गारंटी योजना लागू की गई थी। योजना के क्रियान्वयन के लिए जनपद में सीएमओ की अध्यक्षता में एक समिति का गठन कर संविदा पर एमबीबीएस व आयुष चिकित्सकों सहित अन्य पैरा मेडिकल स्टाफ की भी भर्ती की गई थी।
प्रमुख सचिव स्वास्थ्य संजय अग्रवाल के मौखिक आदेश उन्हें प्राप्त हो गए हैं। योजना 25 नवम्बर से लागू होगी। इसके तहत जनपद के प्रत्येक ब्लाक से 120 विद्यालयों का चयन होगा। नौ में से प्रत्येक ब्लाक पर एमबीबीएस-बीडीएस व आयुष चिकित्सक तथा स्टाफ नर्स की एक-एक टीम बनाई गई है।


कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें