रविवार, 4 नवंबर 2012

दुनिया के 7 खतरनाक जंगी जहाज



देश की शान को हमेशा ऊंचा रखने वाले ये जंगी जहाज जब किसी देश के सामरिक बेड़े में शामिल होते हैं, तो दुश्मन देश के खेमों में खलबली मच जाती है, क्योंकि ये अपने साथ सिर्फ मौत का पैगाम लेकर चलते हैं...

जब-जब किसी देश की संप्रभुता और अखंडता खतरे में पड़ी, इन जांबाजों ने अपने दमखम का परिचय दिया। शीत युद्ध हो या खाड़ी युद्ध या फिर विश्व युद्ध, इन जंगी जहाजों ने दुश्मनों को लोहे के चने चबाने को मजबूर किया और अपनी जीत की इबारत लिखी, जो आज भी इतिहास के पन्नों पर स्वर्णाक्षरों में दर्ज है। इनकी जीत यूं ही नहीं संभव हो सकी, बल्कि इनकी स्पीड, भार वहन क्षमता और इनकी तकनीक इसमें मददगार रही।  

लोआ क्लास
संयुक्त राज्य अमेरिका का यह शिप दुनिया में नंबर वन स्थान रखता है, जो दुश्मनों के जंगी जहाजों के छक्के छुड़ा देने में महारत रखता है। इसका निर्माण न्यूयॉर्क नेवल शिपयार्ड ने किया था। इसकी कीमत लगभग 100 मीलियन यूएस डॉलर प्रति शिप है। यह 45 हजार से 58 हजार टन भार वहन विभिन्न परिस्थितियों में कर सकता है। इसकी लंबाई लगभग 262.5 से 271 मीटर तक होती है। इसका बीम 108 फिट है। इसका ड्राफ्ट 36 फिट है। इसकी स्पीड 31 नॉट है। इसकी रेंज 14,890 मिल है। 1939 और 1940 में इसके कारनामे दुनिया भर में लोगों के जेहन में आज भी ताजा है। 1940 से 1990 के बीच इस जंगी जहाज ने चार युद्ध लड़े और सभी में संयुक्त राज्य अमेरिका का सिर ऊंचा किया। कोरियन युद्ध के दरम्यान इसने उत्तर कोरिया के खिलाफ अमेरिका को इसने सीबोर्न आर्टिलियरी सहायता प्रदान की थी। 1968 में इसने वियतनाम युद्ध में वियतनाम आर्मी मिलिट्री के खिलाफ न्यू जर्सी को सुरक्षा प्रदान किया था। खाड़ी युद्ध के समय इराक को इसने काफी क्षति पहुंचाई थी। साथ ही शीत युद्ध के समय भी इसने काफी तबाही मचाई थी।

निमिट्ज क्लास
संयुक्त राज्य अमेरिका का यह जंगी जहाज दुश्मनों की तबाही मचाने के लिए बदनाम है। इसका निर्माण न्यूपोर्ट न्यूज शिपबिल्डिंग कंपनी ने किया था। यह सेना में तीन मई, 1975 को शामिल हुआ। इसकी गति लग•ाग 30 से नॉट है। इसकी रेंज असीमित है, अर्थात् यह असीमित दूरी तक मार कर सकती है। इसका बीम 252 फिट तक है। इसके फ्लाइट डेक का क्षेत्र फुटबॉल के तीन मैदान से भी बड़ा है। द्वितिय विश्व युद्ध में इसके योगदान को कभी नहीं भुलाया जा सकता। इस जंगी जहाज के फ्लीट कमांडर चेस्टर डब्ल्यू. निमिट्ज की सेवाएं आज भी लोगों के जेहन में ताजा हैं, जो नेवी के आखिरी फ्लीट एडमिरल भी रहे। इस जंगी जहाज की लंबाई 1092 फिट, अर्थात् 333 मिटर है और इसके भर वहन की क्षमता एक लाख टन है। यह विश्व की सबसे बड़ी कैपिटल शिप है। इसमें गैस टरबाइन या डीजल-इलेक्ट्रिक सिस्टम का प्रयोग प्रोपल्सन के लिए होता है। इसमें न्यूक्लिर पावर का प्रयोग होता है, जिसके प्रयोग से यह शिप बिना र्इंधन को दुबारा भरे 20 वर्षों तक चल सकता है। यह 50 वर्षों तक अपनी सेवा दे सकता है। 

क्वीन एलिजाबेथ
यह ब्रिटेन के रॉयल नेवी की शान है, जो 1915-16 में बेड़े में शामिल हुआ। इस जंगी जहाज का नाम ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ प्रथम के नाम पर पड़ा। विभिन्न स्थितियों में इसकी भर वहन क्षमता 27, 500 से लेकर 36, 500 टन तक है। इसकी लंबाई 196.82 मीटर है। इसका बीम 27.58 मीटर है और इसका ड्राउट 9.19 मीटर है। इसकी गति 24 नॉट है। यह नौ हजार किलोमीटर तक मार कर सकती है। यह जहाज रक्षा, गति और फायर पावर में बेजोड़ है। यह पहला जंगी जहाज है, जिसमें 380 एमएम का गन लगा है। जेन के 1919 संस्करण के जंगी जहाज से इसकी तुलना की जाती है। यह कैपिटल शिप्स का सबसे बेहतरीन नमूना है। दोनों विश्व युद्धों में इसने अपनी सेवाओं से ब्रिटिश नेवी का नाम ऊंचा किया, जिसे आज भी लोग याद करते हैं। 

क्रूजर
यह जंग का पर्याय है। यह वि•िान्न साइज में आता है। 20वीं शताब्दि की शुरुआत में कू्रजर का स्थान छोटे जंगी जहाजों ने ले लिया, जो बाट्लशिप से छोटा और डेस्ट्रॉयर से बड़ा होता है। 1922 में वॉशिंग्टन नेवल समझौता के तहत क्रूजर्स पर अनऔपचारिक सीमा तय किया गया, जिसमें यह तय किया गया कि जंगी जहाज 10 हजार टन क्षमता का भर वहन करने लायक बनाए जाएं, साथ ही उनमें आठ इंच गन की क्षमता हो। क्रूजर्स की यह सीमा द्वितिय विश्व युद्ध के अंत तक रही। अभी संयुक्त राज्य अमेरिका, रूस और पेरू तीन देश ऐसे हैं, जिनके पास कू्रजर्स आपरेट करने तकनीक है। हालांकि क्रूजर्स और डेस्ट्रॉयर के बीच अंतर की रेखा बहुत ही पतली है। क्रूजर्स की तुलना में डेस्ट्रॉयर के नए मॉडल्स प्राय: बड़े और बहुत शक्तिशाली होते हैं। 

यूएसएस नॉर्थ कैरोलिना (बीबी-55) 
यह जंगी जहाज यूएस की शान है। इसका यूएस नेवी में चौथा स्थान है। इसे एक अगस्त 1937 में आर्डर किया गया। इसका निर्माण न्यूयॉर्क नेवल शिपयार्ड ने किया था। इसकी कीमत लगभग 76, 885, 750 डॉलर है। इसे 13 जून, 1940 में लॉन्च किया गया और इसे सेना में नौ अप्रैल, 1941 को शामिल किया गया। इसका एक दूसरा नाम शोबोट है। इसकी लंबाई 222.1 मीटर है। इसका बीम 33 मीटर है। इसमें जो शक्ति इंस्टॉल्ड की गई है, वह 121 हजार एचपी है। इसकी रेंज 17, 450 एनएमआई है और इसका ड्राफ्ट 10.1 मीटर है। यह पहला नवनिर्मित अमेरिकी शिप था, जिसे द्वितीय विश्व युद्ध के दरम्यान बेड़े में शामिल किया गया। इसने अमेरिकी नेवी के लगभग सभी महत्वपूर्ण युद्धों में भग लिया और अपने शौर्य एवं पराक्रम से दुश्मनों को अपना लोहा मान ने के लिए बाध्य किया। इसके पराक्रम का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इसे युद्ध में जीत हासिल करने के लिए 15 स्टार्स से नवाजा गया है। आज यह अपनी सेवाएं नहीं दे रहा है और इसे उत्तरी कैरोलिना में विलिंग्टन के पोर्ट पर म्यूजियम शिप के रूप में रखा गया है।  

बिस्मार्क क्लास 
यह जर्मन नेवी की जहाज थी। इसका निर्माता कंपनी क्रीग्समैरिन थी। यह यूरोप के सबसे भरी कैपिटल शिप में से एक है। टिरपिट्ज को इसकी जुड़वा बहन कहा जाता है। यह बैट्लशिप टाइप का है। इसकी लंबाई 241.6 मीटर है। इसका बीम 36 मीटर, इसका ड्राफ्ट 9.3 मीटर, इसकी गति 30 नॉट और इसकी रेंज 8525 एनएमआई है। बिस्मार्क और टिरपिट्ज का बहुत ही संक्षिप्त कार्यकाल था, लेकिन जब तक इन्होंने अपनी सेवाएं दीं, दुश्मनों के खेमों में मातम पसरा रहा। बिस्मार्क ने सिर्फ एक ही आपरेशन में अपना योगदान दिया। अपने आपरेशन के दरम्यान इसने ब्रिटिश जंगी जहाज एचएमएस हूड को तो नष्ट किया ही, डेनमार्क खाड़ी युद्ध में एक नए जंगी जहाज प्रिंस आफ वेल्स को भी इसने नष्ट कर दिया। तीन दिन तक पीछा करने के बाद रॉयल नेवी ने शिप को नष्ट कर दिया। हालांकि इसके नष्ट होने के कारणों का ठीक से पता नहीं लग पाया।

एसेक्स क्लास
अमेरिकन नेवी के खास बेड़ों में से एक एसेक्स क्लास ऐसी जंगी जहाज है, जिसमें 24 वेसेल्स हैं और जो 20वीं शताब्दि के बड़े जहाजों में प्रमुख स्थान रखता है। इसकी निर्माणकर्ता कंपनी न्यूपोर्ट न्यूज शिपबिल्डिंग, फोर रिवर शिपयार्ड, ब्रुकलीन नेवी यार्ड, फिलाडेल्फिया नेवल शिपयार्ड और नोरफोक नेवल शिपयार्ड ने मिलकर किया है। यह सेना में 1942 में शामिल हुई, जबकि इसका निर्माण 1941 में हुआ था। अगर आप इसे खरीदते हैं, तो इसकी कीमत लगभग 68 से 78 मीलियन यूएस डॉलर होगी। इसकी लंबाई 250 मीटर, बीम 93 फिट, ड्राफ्ट 23 फिट, स्पीड 32.7 नॉट और इसकी रेंज 20 हजार एनएमआई है। द्वितीय विश्व युद्ध में इसने दुश्मनों में आतंक फैला रखा था। यह द्वितीय विश्व युद्ध के दरम्यान अमेरिकन नेवी के कॉमबैट शक्ति का रीढ़ था।


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