भूतों के विश्व-प्रसिद्ध अड्डे
भूतों के कई अड्डे प्रसिद्ध है। खेतों में मौजूद टीले से लेकर पीपल और नीम के पेड़ों तक, लेकिन ऐसी जगहों पर शायद उन भूतों के अड्डे होते है, जो पहले गरीबी में थे। आखिर कोई अमीर भूत इन जगहों पर अपना ठिकाना क्यों बनाएगा लेकिन यहां अमीर भूतों की बात की जा रही है, जिनके आशियाने भव्य और विशाल है। भूतों के पांच सबसे बेमिसाल आशियाने पेश है --
बोरले रेक्टोरी चर्च ब्रिटेन स्थित यह चर्च भूतों का मनपसंद ठिकाना माना जाता है। नये भूतों की एंट्री यहां मुश्किल होती है क्योंकि चर्च में पुराने भूतों की संख्या ही काफी है। रेक्टोरी चर्च को वहां के प्रसिद्ध बोरले चर्च के सामने 1863 में रेवरेंड हेनरी बुल के लिए बनवाया गया था। लेकिन कुछ ही बरस बाद यहां अजीबो-गरीब वारदातें शुरू हो गयी। यहां जो भी रहा, उसने इसके भीतर अजीबो - गरीब आकृति के हरकतों की बात की। 1939 में जनसमुदाय ने विरोध प्रदर्शन के दौरान इस चर्च को जला दिया। इसके बाद तो रहस्यमयी घटनाएं और बढ़ गइ। इतनी कि इसे खाली कर दिया गया। आज यहां भूतों के होने की जो बातों पर यकीन नही करते, यहां रात गुजारने पर उनके होने का यकीन करना पड़ सकता है।
रेहम हॉल इंग्लड के नॉरकोफ का रेहम हॉल भी अपने खास भूत के लिए विश्व प्रसिद्ध है। यहां ब्राउन लेडी नाम की भूतनी रहती है। जो पूरे ब्रिटेन और यहां तक कि यूरोपीय देशों में भी अपने कारनामों के लिए पहचानी जाती है। इस हॉल और ब्राउन लेडी पर 1936 में फिल्म भी बनी थी। जिसे भूतों की विश्वसनीय फिल्मों में से माना गया है। इस हॉल को देखने आज लाखों लोग आते है लेकिन शाम घिरते ही ये लोग यहां से निकलना कभी नही भूलते।
द व्हाइट हाउस यहां कई पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपतियों के भूत देखे गये है। इनका वश चले तो बराक ओबामा को वे यहां रहने न दें। लेकिन ये भूत लोकतंत्र में यकीन रखने वाले थोड़े सभ्य किस्म के है और सिर्फ दिखाई भर देते है। वाशिंगटन डीसी स्थित इस हाउस में एंड्रये जैक्सन, हैरिसन, अब्राहम लिंकन, रूजवेल्ट जैसे पूर्व राष्ट्रपतियों के भूत देखे गये है।
लंदन स्थित इस ऐतिहासिक इमारत में राजघराने के कई भूत रहते है। यहां थूमस ए बैकेट, हैनरी अष्टम और सर वाल्टर राले की आत्माएं कई बार देखने का दावा किया गया है।
टॉवर ग्रीन और टॉवर चेपेल रॉयल में भूतों को कई बार अपना सिर हाथ में लेकर घूमता देखा गया है। कहा जाता है यहां सबसे सक्रिय भूत उसका है कि जिसका सिर राजा की आा से काट डाला गया था। इस टॉवर में दिन में लोगों को तांता लगा रहता है लेकिन शाम घिरते ही यह जगह लोग खुद-ब-खुद खाली कर देते है। टावर के एक-एक हिस्से को संग्रहालय में तब्दील कर दिया गया है। कोहिनूर हीरा भी यही रखा गया है। कहा जाता है कि इस हीरे को पाने के लिए भूतों में भी मुकाबला होता है।
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