रविवार, 4 नवंबर 2012

दुनिया के अद्भुत फूल-पौधे



टाइटेनियम फूल

दुनिया में पौधों या वनस्पतियों की लगभग 375,000 प्रजातियां हैं. आये दिन नयी-नयी प्रजातियों की खोज भी हो ती रहती है. 
पौधे अपने रूप, रंग, आकार और खुशबू में तरह-तरह की भिन्नता लिए होते हैं. आम पौधों तथा फूलों से यूं तो सभी का परिचय होता है लेकिन कई पौधे और फूल ऐसे भी होते हैं जिन्हें ज्यादातर लोग अपने जीवन में शायद ही कभी देख पाते होंगे. ऐसे ही कुछ अद्भुत पौधे तथा उनके फूल-

टाइटेनियम 

सुमात्रा के वर्षा वनों में पाये जाने वाले पौधे का यह फूल भले ही बहुत आकर्षक है लेकिन इससे निकलने वाली गंध सड़ी हुई मछलियों जैसी होती है.
हालांकि टाइटेनियम का पौधा सिर्फ सुमात्रा में पाया जाता है लेकिन अब यह दुनिया के कई देशों में उगाया जाता है तथा इसकी खेती की जाती है.

10 फुट की ऊंचाई
 तक बढ़ने वाला यह पौधा कैला लिली के पौधे जैसा दिखता है.
मनुष्यों को भले ही टाइटेनियम के फूल की गंध पसंद नहीं लेकिन अनेक कीट-पतंगे इसकी दुर्गध से खिंचे चले आते हैं.
इसी दुर्गध के चलते इसे ‘कॉर्प्स’ फ्लावर’यानी शव पुष्प भी कहा जाता है.

रैफ्लीसिया 

रैफ्लीसिया प्रजाति के पौधे का यह दुनिया का सबसे बड़ा फूल है. यह खूबसूरत तो है लेकिन इससे सड़े हुए मांस की दुर्गध निकलती है. रैफ्लीसिया के फूल से निकलने वाली दुर्गध के कारण इसे भी ‘शव-पुष्प’ कहा जाता है.
इसका जन्म स्थान सुमात्रा के वर्षा वन है. हाल ही में इसके जैसी प्रजाति मलयेशिया के गुनांग गेडिंग नेशनल पार्क में पायी गयी.

ड्
रेकैंकुल वुल्गारिस 

इसे ‘स्टिंक लिली’ या ड्रैगनवार्ट भी क
हा जाता है. इस पौधे को यह नाम इसके बड़े आकार के चलते मिला है.
यह पौधा मुख्य रूप से बाल्कन, ग्रीस और क्रेट में पाया जाता है, हालांकि शोधकर्ता इस पौधे को यहां से विभिन्न देशों में ले गये.
अब कई देशों में इसकी खेती की जाती है.

नेपेंथिस 

यह पौधा इंडोनेशिया और आस्ट्रेलिया के साथ ही मलय द्वीप समूह में उच्च आद्र्रता वाले तथा सामान्य वर्षा वाले क्षेत्रों में पाया जाता है.
इसे ‘मंकी कप’ भी कहा जाता है. इसका यह नाम तब पड़ा जब बहुत से लोगों ने बंदरों को इस पौधे के फूल का रस पीते हुए देखा. 
इस पौधे का पहली बार जिक्र 1658 में मिलता है जिसमें इसकी पत्तियों को साढ़े तीन फुट ऊंची बताया गया जिनके बीच एक खोखला फूल होता है. 
यह खोखला फूल एक द्रव से भरा होता है जिसे पौधा ही तैयार करता है. इस द्रव को कई बार स्तनपायी जीव पी लेते हैं लेकिन इसका उद्देश्य कीटों को फंसाना है. 
इस फूल का ढक्कन भी होता है. जब कोई कीट पतंगा इसमें गिरता है, तो फूल का ढक्कन बंद हो जाता है.

विक्टोरिया अमैजोनिका 

आप सोचते होंगे कि लिली पैड और वाटर लिली बड़ी वनस्पतियां नहीं, बल्कि हथेली जितने आकार की होती होंगी. लेकिन सच तो यह है कि इसकी प्रजाति विक्टोरिया अमैजोनिका इतनी बड़ी होती है कि औसत लंबाई का मनुष्य इसके ऊपर लेट सकता है.

ये पानी में पत्थर जैसे हैं जिनके ऊपर आप पैर रखकर गुजर सकते हैं. विक्टोरिया अमैजोनिका अब तक पाया गया सबसे बड़ा वाटर लिली है.

इसकी जड़ें 26 फुट तक लंबी होती हैं. इसकी पत्तियों और फूलों का व्यास 10 फुट से भी ज्यादा होता है. यह पौधा न सिर्फ बड़ा है बल्कि रंग भी बदलता है.

जब इसके फूल पहली रात को खिलते हैं तो ये पूरी तरह सफेद होते हैं और अगले दिन गुलाबी. इसकी खूबसूरती के चलते ही इसे ब्रिटेन की महारानी का नाम ‘विक्टोरिया अमैजोनिका’ दिया गया.


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