बुधवार, 27 मार्च 2013

बड़ा है तो बेहतर है


बड़ा है तो बेहतर है

कद से इंसान की ही नहीं, दूसरी चीजों की भी पहचान बनती है. ऊंची चीजें देश या शहर का लैंडमार्कबन जाती हैं और पर्यटकों को भी आकर्षित करती हैं.

ग्रैंड कैन्यन
अमेरिका के एरजिना राज्य में कोलोराडो और उसकी सहायक निदयों द्वारा करोड़ों वर्षो के अंतराल पर चट्टानों की परतों को काट-काट कर बनायी गयी यह दुनिया की सबसे बड़ी घाटी (कैन्यन) है. ग्रैंड कैन्यन का निर्माण तब हुआ जब कोलोराडो पठार पृथ्वी की भीतरी हलचलों के कारण ऊपर उठ रहा था. ग्रैंड कैन्यन की लंबाई 446 किलोमीटर और गहराई 6,000 फीट से भी ज्यादा है. पृथ्वी का 2 अरब वर्षों का भूगिर्भक इतिहास इसमें मौजूद है.


विशाल फेरी व्हील
सिंगापुर स्थित ‘सिंगापुर फ्लायर’ नामक फेरिस झूला इस समय दुनिया का सबसे ऊंचा झूला है। इसका निर्माण 2005 से 2008 के बीच हुआ। इसके संचालक इसे ‘ऑब्जव्रेशन व्हील’ कहते हैं। यह 42 मंजिल जितना ऊंचा है। इसकी कुल ऊंचाई 165 मीटर (541 फीट) है। यह चीन के ‘स्टार ऑफ नानचिंग’ से 5 मीटर ऊंचा और ‘लंदन आई’ से 30 मीटर ऊंचा है। इस झूले से पूरे शहर तथा इससे बाहर इंडोनेशियाई द्वीपों का शानदार नजारा दिखायी देता है। इस फ्लायर में ‘ट्रांसपेरेण्ट बॉक्स’ से सिंगापुर को देखना अत्यंत रोमाचंक अनुभव है। 




ग्रेट वाल ऑफ चाइना
चीन की महान दीवार को दुनिया के महानतम आश्चयरे में से एक माना जाता है. ‘यूनेस्को’ ने 1987 में इसे विश्व विरासत घोषित किया. एक विशालकाय आड़े-तिरछे ड्रैगन की तरह चीन की यह ग्रेट वाल पर्वतों, पठारों, मैदानों, रे गिस्तानों और घास के मैदानों से होकर गुजरती है. यह पूर्वी चीन से पश्चिमी चीन तक करीब 8,851 किलोमीटर लंबी है. इसका इतिहास 2000 वर्षो से ज्यादा पुराना है. इसके कुछ हिस्से खंडहर होकर गायब भी हो चुके हैं, फिर भी यह शानदार वास्तुशिल्प और ऐतिहासिक महत्व के चलते दुनिया के सबसे ज्यादा आकर्षक स्थलों में शुमार है.

सबसे बड़ी कुल्हाड़ी
कनाडा के न्यू ब्रन्सविक शहर स्थित सड़क किनारे बनी यह कुल्हाड़ी 15 मीटर (49 फीट) ऊंची है. इसका वजन 55 टन है. इस कुल्हाड़ी का सिरा 7 मीटर (33 फीट) चौड़ा है. इस कुल्हाड़ी के कंक्रीट मंच का व्यास 10 मीटर (33 फीट) है. इसका निर्माण 1991 में वुडस्टॉक कंपनी द्वारा किया गया. इस कुल्हाड़ी के सिर पर टाइम कैप्सूल अंकित है.


सबसे ऊंचा पुल ‘द मिलाउ’
पश्चिमी फ्रांस में मिलाउ के नजदीक टार्न नदी घाटी पर बना केबल आधारित सड़क पुल दुनिया का सबसे ऊंचा पुल है. फ्रांसीसी इंजीनियर माइकल विलरेजेक्स और ब्रिटिश आर्किटेक्ट नार्मन फोस्टर द्वारा डिजाइन किये गये इस पुल की अपने आधार से अधिकतम ऊंचाई 343 मीटर (1,125 फीट) है. यह पुल दुनिया के सबसे ऊंचे पुलों में 12वां है. यह 14 दिसम्बर 2004 को तैयार हुआ. 16 दिसम्बर को यह यातायात के लिए खोला गया.


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