बुधवार, 14 फ़रवरी 2018

नागमण‌ि (Nagmani)

नागमण‌ि (Nagmani)

कथा कहान‌ियों में आपने गजमुक्ता और नागमण‌ि के बारे में काफी कुछ पढ़ा या सुना होगा। लेक‌िन क्या वास्तव में नागों के पास कोई मण‌ि होती भी है या यह स‌िर्फ कोरी कल्पना मात्र है।

आज के समय में यदि कोई हमें नागमणि के बारे में बताए तो हम यकीन नहीं करेंगें। परन्तु पौराणिक कथाओं में नागमणि के होने का उल्लेख मिलता है। हमारे धार्मिक ग्रंथों जैसे रामायण और महाभारत में भी नागमणि का जिक्र किया गया है। मणि अपने आप में ही एक रहस्य है। कहते हैं जिसके पास मणि होती है वह बहुत बशक्तिशाली हो जाता है। यह एक तरह का चमकता हुआ पत्थर होता है। रामायण में उल्लेख आता है कि रावण ने कुबेर से चंद्रकांत नाम की मणि छीन ली थी तथा महाभारत में भी मणि के बारे में उल्लेख मिलता है कि अश्वत्थामा के पास मणि थी। जिसके बल पर वह शक्तिशाली और अमर हो गया था। मान्यता है कि चिंतामणि नाम की मणि को स्वयं ब्रह्माजी धारण करते हैं। कौस्तुभ मणि को भगवान विष्णु धारण करते हैं तथा रुद्रमणि को भगवान शंकर धारण करते हैं। इसी तरह और भी कई मणिया है जिसके चमत्कारों का उल्लेख पुराणों में है।

मणियों के महत्व के कारण ही तो भारत में 1 राज्य का नाम मणिपुर है। शरीर में स्थित सात चक्रों में से एक मणिपुर चक्र भी होता है। मणि से संबंधित कई कहानियां और कथाएं समाज में प्रचलित हैं। इसके अलावा पौराणिक ग्रंथों में भी मैं भी मणि के किस्से भरे पड़े हैं।

लेक‌िन क्या वास्तव में नागों के पास कोई मण‌ि होती भी है या यह स‌िर्फ हमारी कल्पना मात्र है।

भारतीय लोकजीवन में नागमणि

नागमणि को भगवान शेषनाग धारण करते हैं। भारतीय पौराणिक और लोक कथाओं में नागमणि के किस्से आम लोगों के बीच प्रचलित हैं। नागमणि सिर्फ नागों के पास ही होती है। नाग इसे अपने पास इसलिए रखते हैं ताकि उसकी रोशनी के आसपास इकट्ठे हो गए कीड़े-मकोड़ों को वह खाता रहे। हालांकि इसके अलावा भी नागों द्वारा मणि को रखने के और भी कारण हैं।

नागमणि का रहस्य आज भी अनसुलझा हुआ है। आम जनता में यह बात प्रचलित है कि कई लोगों ने ऐसे नाग देखे हैं जिसके सिर पर मणि थी। हालांकि पुराणों में मणिधर नाग के कई किस्से हैं। भगवान कृष्ण का भी इसी तरह के एक नाग से सामना हुआ था।

छत्तीसगढ़ी साहित्य और लोककथाओं में नाग, नागमणि और नागकन्या की कथाएं मिलती हैं। मनुज नागमणि के माध्यम से जल में उतरते हैं। नागमणि की यह विशेषता है कि जल उसे मार्ग देता है। इसके बाद साहसी मनुज महल में प्रस्थित होकर नाग को परास्त कर नागकन्या प्राप्त करता है।

नागमणि के चमत्कार : नागमणि के बारे में कहा जाता है कि यह जिसके भी पास होती है उसकी किस्मत बदल जाती है। कहते हैं कि नागमणि में अलौकिक शक्तियां होती हैं। उसकी चमक के आगे हीरा भी फीका पड़ जाता है। मान्यता अनुसार नागमणि जिसके भी पास होती है उसमें भी अलौकिक शक्तियां आ जाती हैं और वह आदमी भी दौलतमंद हो जाता है। मणि का होना उसी तरह है जिस तरह की अलादीन के चिराग का होना। हालांकि इसमें कितनी सच्चाई है, यह कोई नहीं जानता।

नागमण‌ि (Nagmani) : वृहत्ससंह‌िता में

सर्पमण‌ि ज‌िसे नागमण‌ि भी कहते हैं यह व‌िशेष नाग के स‌िर पर स्‍थ‌ित होती है। ज्योत‌िषशास्‍त्र के एक प्रमुख ग्रंथ वृहत्ससंह‌िता में जो उल्लेख म‌िलता है उसके अनुसार संसार में मण‌िधारी नाग मौजूद हैं।

चुंक‌ि ऐसे नागों का म‌िलना दुर्लभ होता है इसल‌िए कहा जाता है मण‌िधारी नाग नहीं होते हैं। अब सच जो भी है लेक‌िन वृहत्ससंह‌िता में नागमण‌ि के बारे में कई रोचक बातें बताई गई हैं। जो इस बात को सोचने पर व‌िवश करता है क‌ि क्या वास्तव में नागमण‌ि होता है। वृहत्संह‌िता में नागमण‌ि के बारे में कई बातें कही गई हैं।

1. नागमण‌ि में इतनी चमक होती है क‌ि जहां यह होती है वहां आस-पास तेज रोशनी फैल जाती है।

2. नागमण‌ि अन्य म‌ण‌ियों से अध‌िक प्रभावशाली और अलौक‌िक होती है। नागमण‌ि मोर के कंठ के समान और अग्न‌ि के समान चमकीली द‌िखती है।

3. यह मण‌ि ज‌िसके पास होती है उस पर व‌िष का प्रभाव नहीं होता है। यह रोग से मुक्त होते हैं।

4. वराहम‌िह‌िर बताते हैं क‌ि ज‌िस राजा के पास यह मण‌ि होती है वह शत्रुओं पर व‌िजय प्राप्त करने वाले होते हैं।

5. इनके राज्य में समय से वर्षा होती और प्रजा खुशहाल रहती है। वराहम‌िह‌िर इस तरह की बात इसल‌िए ल‌‌िखते हैं क‌ि उन द‌िनों राजे महाराजे हुआ करते थे।

मणियों भी कई तरह की मणि होती हैं जैसे पारस मणि, नीलमणि, नागमणि, कौस्तुभ मणि, चंद्रकांता मणि, स्यमंतक मणि, स्फटिक मणि, लाजावर्त मणि, उलूक मणि.

प्रमुख मणियां 9 मानी जाती हैं- घृत मणि, तैल मणि, भीष्मक मणि, उपलक मणि, स्फटिक मणि, पारस मणि, उलूक मणि, लाजावर्त मणि, मासर मणि...

*घृत मणि की माला धारण कराने से बच्चों को नजर से बचाया जा सकता है.
*इस मणि को धारण करने से कभी भी लक्ष्‍मी नहीं रूठती.
*तैल मणि को धारण करने से बल-पौरूष की वृद्धि होती है.
*उपलक मणि को धारण करने वाला व्यक्ति भक्ति व योग को प्राप्त करता है.
*भीष्मक मणि धन-धान्य वृद्धि में सहायक है.
*उलूक मणि को धारण करने से नेत्र रोग दूर हो जाते हैं.
*लाजावर्त मणि को धारण करने से बुद्धि में वृद्धि होती है.
*मासर मणि को धारण करने से पानी और अग्नि का प्रभाव कम होता है.

मणिधारी सांप और नागमणि रहस्य ?

सांपों से जुड़ी एक मान्यता है कि कुछ सांप मणिधारी होते हैं यानी इनके सिर के ऊपर एक चमकदार, मूल्यवान और चमत्कारी मणि होती है। यह मान्यता हमारी इसलिए भी हावी होती है कुछ फिल्मो और धारावाहिक में हमने यह देखा है। जीव विज्ञान के अनुसार, यह मान्यता भी पूरी तरह से अंधविश्वास है, क्योंकि दुनिया में अभी तक जितने भी प्रकार के सांपों के बारे में जानकारी प्राप्त हुई है, उनमें से एक भी सांप मणिधारी नहीं है। तमिलनाडु के इरुला जनजाति के लोग जो सांप पकड़ने में माहिर होते हैं वे भी मणिधारी सांप के होने से इंकार करते हैं।

ये बात तो आपने भी सुनी होगी की नागमणि एक ऐसी दिव्य मणि होती है की वो जिस को मिल जाए तो वो आदमी रातो रात आमिर हो जाता है, वो असीम शक्तियों को प्राप्त कर लेता है। इसको लेकर यह भी बोला जाता है की यह जब खुले में रखी जाती है तो अंधकार में सूर्य के समान प्रकाश उत्पन्न कर देती है। पर आज तक यह किसी को मिली नही है।

नागमणि एक मोती (PEARL) के आकार की होती है और ये जिन साँपो में मिलती है वो इंडोनेशिया-मलेशिया में पाया जाता है और इसको कोबरा पर्ल और नेचुरल पर्ल के नाम से जाना जाता है और इनका आकर और डिजाईन कुछ कुछ फिश पर्ल से मिलता है।

आपने कुछ कहानियाँ भी सुनी होंगी जो इन से मिलती है की नागमणि उन सापों को मिलती है जो 1000 सालो तक जिंदा रहता है और उस साँपो को सब नागराज बोलते हैं वो सभी साँपो का राजा होता है अब बात आती है की नागमणि दिखती कसी है?

नागमणि देखने में बहुत छोटी से एक मोटी की तरह होती है कुछ लोगो का तो ये भी बोलना है की नागमणि वैसे होती है जैसे चावल का एक दाना ओर कुछ का कहना है की नागमणि एक बड़े मोती की तरह होती है। अगर देखा जाए तो दोनो बात कुछ हद तक एक दूसरे से जुड़ी हुई हैं वो इसलिए की जैसे जैसे नागमणि की उमर बढ़ती है वैसे वैसे ही उसका आकार बढ़ता है लोगो का मानना है की नागमणि में इतनी चमक होती है के एक अँधेरे कमरे में रोशनी का प्रकाश कर देती है।

जैसे जैसे उसकी उमर बढ़ती है उसकी रोशनी भी बढ़ती चली जाती है वैसे तो नागमणि को लेकर सबकी अलग अलग बाते हैं। कुछ लोग मानते है की जब स्वाती नक्षत्र में बारिश होती है तो जो बारिश की बूंदे सांप के मूह मे चली जाती है तो मणि बन जाती है और कुछ का मानना है जब स्वाती नक्षत्र में ओस पड़ती है तो उस पानी से नागमणि बनती है पर सच तो कुछ और ही है अब बात आती है की अगर ये सब सच नई है तो आख़िर सच है ? क्या सच मे नागमणि होती है ? या ये बस केवल एक कहानी है ओर अगर होती है तो सच क्या है। ये बाते हम काफ़ी टाइम पहले से सुनते आ रहे है की नागमणि होती है तो फिर आज तक हम इस बात का सच क्यों पता नही कर सके ? क्यू नहीं कोई देख पाया आज तक नागमणि ? कुछ लोगो ये भी मानते है की नाग अपनी मणि को आपने सिर पर रख कर जब ओस की बूँद को पिता है और उस समय इसको कोई आदमी देख ले तो वो आदमी कभी भी ग़रीब नई रहता। लोग ये भी बोलते है की जब कोई नाग 100 सालो तक किसी को नहीं डसता है तब जा कर उसको नागमणि मिलती है पर अगर ये बात है तो फिर नाग बिने कुछ खाए ज़िंदा कैसे रहता होगा। मेने तो ये भी सुना है की जब नाग बहुत बूढ़ा हो जाते हैं की चल भी नही सकते तब उसको नागमणि मिलती है जिसकी मदद से वो अपना खाना हासिल कर पता हैं।

पर असल मे सच कुछ और है वो सच जो अभी तक आपने नहीं सुना होगा नागमणि के बारे मे। ये बात सच है की नागमणि होती है और ये भी सच है की ये उन नागो के पास होती है जो सांप नहीं चल पाते पर क्यू?

वैज्ञानिक कारण :-

वैज्ञानिक का कहना है कि नागमणि कोई चीज नहीं होती, वैज्ञानिक का मानना है कि जब कोई सांप लंबे समय तक अपना विष बाहर नहीं निकलता है। तो विष उसके सिर में एक गांठ की तरह जमा हो जाती है। जो एक पत्थर जैसा दिखाई देता है। इस पत्थर की मदद से विश्व के प्रभाव को कम किया जा सकता है।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें