गुरुवार, 9 अगस्त 2018

नाज़का लाइन्स (Nazca Lines), पेरू


नाज़का लाइन्स (Nazca Lines) - पेरू

नाज़का लाइनें, नाज़का रेगिस्तान, पेरू की राजधानी लीमा से 400 किमी साउथ में स्थित एक सूखे पठार के जमीन में नक्काशीदार डिजाइन और चित्रों की एक श्रृंखला हैं। वे कुछ 50 मील (500 वर्ग किलोमीटर) के क्षेत्र को कवर करते हैं और माना जाता है कि नाज़का इंडियंस द्वारा आज से 2500 साल पहले कालक्रम 200 BC (ईसा पूर्व) और 700 BC के बीच बनाया गया था। जो की आज से बहुत पहले का समय है।

दक्षिण अमेरिका के देश पेरू के रेगिस्तानी इलाकों में आसमान से देखने पर धरती पर दैत्याकार चित्र बने हुए नजर आते हैं या कहें तो लकीरें दिखाई देती हैं। ऐसा लगता है जैसे किसी चित्रकार ने इन्हें धरती पर बनाया है। इसमे कुछ लाइन सीधी है तो कुछ टेड़ी, पहली बार जब इन चित्रों को देखा गया तो एकबारगी तो पूरा विश्व चकित रह गया था।

80 किमी से भी अधिक क्षेत्रफल में फैले भूभाग में सैकडों रेखाचित्रों का संग्रह हैं -नाज्का रेखाएं। इन रेखाओं में पेड़-पौधे, कई तरह के जानवर बनाए गए हैं जैसे फिश, मंकी, स्पाइडर, पक्षी, बन्दर आदि इसके अलावा कई ज्यामितीय रेखाएं भी हैं, जिनमें त्रिभुज, चतुर्भुज आदि सदृश्य संरचनाएं शामिल हैं। कई तो ह्यूमन की तरह फिगर्स बने हुए हैं। इसके अलावा वहां सतह पर सीधी रेखाएं भी दिखलाई पड़ती हैं। यहां 800 स्ट्रेट लाइंस हैं जिनमें 300 ज्योमैट्रिक डिजाइन बने हुए हैं जिनमें से 7 एनिमल और प्लांट की डिजाइन हैं। इनमें से कुछ तो 370 मीटर लंबे हैं।

Local लोग मानते हैं कि ये रेखाएं यहां हजारों साल पहले रहने वाले नाज़का इंडियंस ने बनाई हैं। इसीलिए इन्हें नाज्का रेखाएं या नाज़का ड्राइंग्स कहते हैं। जब इन लाइन को जमीं से देखते है तो ऐसा लगता है कि वो ऐसे natural बन गयी हो लेकिन 1920 के दशक में पहली बार इन्हें हवाई जहाज से देखा गया था तब साफ़ पता चला की ये कोई मामूली लाइन्स नहीं है। नीचे से देखने पर ये लाइनें आपस में उलझी हुईं बेतरतीब लाइनें मालूम होती थीं। और ये लाइन्स आपस में मिलकर बहुत सी आक्रति को बनती है। लेकिन बाद में पता चला की ये लाइन्स natural नहीं इंसानों ने बनायीं है। जिस ढंग से नाज्का की रेखाओं को बनाया गया है, वो आसमान से ही नहीं बल्कि अंतरिक्ष से भी नजर आती हैं।

इसके बारे में ऐसा भी कहा जाता है कि यहां दूसरे ग्रह से आईं UFO उतरे थे, जिसके चलते सतह पर इतनी संरचनाएं बनी थीं। एक मान्यता ये भी है कि नाज्का सभ्यता के लोगो का संबंध एलियन्स यानी दूसरे ग्रहों के वासियों से भी था। इस मान्यता को मानने वाले लोग एक इंसान की आकृति का प्रमाण देते है जो एक स्पेस सूट पहनकर हाथ हिलाता हुआ दिखाई देता है। इसके अलावा एक ऐसी संरचना को भी इस बात का प्रमाण मानते है जो किसी स्पेस शीप के उतरने के लिए बनाए गए रनवे की तरह दिखाई देती है। इसके लिए प्रमाण देते है कि ये नाज्का की रेखाएं एलियन्स को रास्ता दिखाने और अपने स्पेस शीप को सही तरिके से धरती पर उतारने के लिए किया गया था।

वेबसाइट रैंकर के अनुसार, फेमस नाज्का लाइंस के बारे में ये नई थ्योरी सामने आई है कि ये बड़े डिजाइन एलियंस को अट्रेक्ट करने के लिए बनाए गए हैं जिन्हें स्पेस से भी देखा जा सकता है। ये पैटर्न ऐसे बने हैं जिन्हें सिर्फ स्पेस से ही देखा जा सकता है। ये डिजाइन बिल्कुल लोगों के द्वारा बनाए हुए हैं और ये Extra-terrestrials के लिए एक सिग्नल था कि यहां लाइफ है।

ये रेखाएं समानांतर जमीन के ऊपरी सतह को खोदकर (लाल पत्थर को हटा के) नीचे के पत्थर जो कि ऊपरी सतह से अलग दिखाई देते से बनाई गईं हैं।

ये लाइन्स जो figers बनाती है ये कोई छोटी मोटी figers नहीं होते, सबसे बड़े figers तो 1200 फूट लम्बे है और जिन्हें जमीन से उन्हें देखा भी नहीं जा सकता। हर आकृति पूरी तरह से गणित ज्यामितिय आकृति और खगोलिय संरचनाओं को दर्शाति है।

Nazca Lines को क्यों बनाया गया ये तो हमें नहीं पता लेकिन Nazca के लोग बहुत ही धार्मिक थे वे भगवान को मानते थे शायद उन्ही के लिए बनाया गया हो। कुछ लोग इन्हें किसी धार्मिक अनुष्ठान की निशानी मानते हैं कहते हैं तत्कालीन सभ्यता यह विश्वास करती थी की आकाश से देवता इन्हें देख सकेंगे। फिर भी इनकी रहस्यमयता बरकरार है।

इस अनुमान की पुष्टि में वैज्ञानिको ने एक गुब्बारे का निर्माण भी किया उनका ये मानना था कि नाज्का संस्कृति के लोग ऐसे गुब्बारे बनाने में सक्षम थे, किन्तु उस काल में ऐसे किसी गुब्बारे के निर्माण करने का कोई प्रमाण नहीं मिलता। अगर ऐसा है तो ये बात ही नाज्का की इन लकीरों को रहस्यमयी बनाती है।

अभी तक यह पता नहीं चल पाया है कि 600 से 800 फीट तक लंबे इन आकारों को ऐसे वीरान स्थान पर बनाने का उद्देश्य क्या रहा होगा, किसके द्वारा और क्यों किया गया? ये किस लिए बने तथा इन्हें बनाने वाले कौन थे यह आज तक पता नहीं लग सका। हजारों की संख्या में बने ये चित्र यह तो बताते हैं कि इनका कोई न कोई मकसद तो जरूर रहा होगा।

विश्व विरासत सूची में शामिल ये रचनायें जहाँ अभी भी कई रहस्यों को अपने में समेटे हुए हैं, इन आकृतियों का उद्देश्य चाहे जो भी रहा हो मगर एक सवाल तो मन में उत्पन्न कर ही देती हैं कि इन्हे क्यों और किस के लिए बनाया गया। इन बातों को हम जान पाये ये भविष्य में ही शायद संभव हो हम केवल यही आशा कर सकते है।

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