गुलाबी झील (पिंक लेक) (Pink Lakes) या हीलियर झील (Hillier Lake) या सलाइन लेक
मेलबर्न, ऑस्ट्रेलिया के वेस्टगेट पार्क में मौजूद हिलर लेक, जो पिंक लेक या सलाइन लेक के नाम से पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है। यह झील ऑस्ट्रेलिया के पश्चिमी भाग में मिडिल आइलैंड में स्थित है। ऑस्ट्रेलिया जाने वाले लोग इस झील को देखना नहीं भूलते। वैसे तो ये देश ग्रेट बैरियर रीफ के लिए जाना जाता है। इस झील का पानी गुलाबी होने के कारण ये दुनिया भर के पर्यटकों को अपनी तरफ आकर्षित करता है। दूर-दूर से लोग इस झील को देखने और बोटिंग करने आते हैं। इस झील का नाम असल में 'सलीना दे टोरेवियेजा' है। इस झील का रंग स्ट्रॉबैरी दूध की तरह दिखाई देता है।
यह एक रहस्य झील है और यहां तक कि विज्ञान समुदाय अभी भी इसके रंग के पीछे के कारण को ढूंढ रहे है और यह भी उल्लेख किया गया है कि गुलाबी झील में समुद्र की तुलना में 10 गुना ज्यादा नमक भी मौजूद है।
अन्य झीलों के मुकाबले छोटी
हालांकि हिलर लेक का क्षेत्रफल बाकी झीलों के मुताबिक काफी कम है। इस झील का क्षेत्रफल मात्र 600 वर्ग मीटर है, इसलिए ये दुनिया की सबसे छोटी और खूबसूरत झील में शामिल है। यह झील 600 मीटर (1970 फीट/2,000 फीट) लंबी और 250 मीटर (820 फीट) चौड़ी है। प्राकृतिक वनस्पतियों से घिरी इस झील को रेत के टीले से निर्मित एक संकीर्ण पट्टी समुद्र से अलग करती है। यह झील सफेद नमक के टुकड़ों, पेपरबर्क और नीलगिरी (नागफनी) के पेड़ों से घिरी हुई है। झील के चारों तरफ लगे पेपरबार्क और यूकेलिप्टस के पेड़ इसकी खूबसूरती को चार चांद लगाते हैं।
यह झील प्रशांत महासागर के पास मौजूद है, जिस वजह से इस झील का गुलाबी रंग और महासागर का नीला रंग बहुत शानदार व्यू बनाता है।
औद्योगिक क्षेत्र में है पिंक लेक
पिंक लेक, मेलबर्न के औद्योगिक क्षेत्र में मौजूद है। इसलिए लोगों को पहले लगता था कि यहां का पानी औद्योगिक कचरे से प्रदूषित होकर गुलाबी हो जाता है। लिहाजा काफी समय तक इस झील के पानी को खतरनाक माना जाता था। हालांकि बाद में वैज्ञानिकों ने जब झील के पानी का रंग गुलाबी होने की वजह तलाशी तो ये दुनिया के सबसे अनोखे नेचर टूरिज्म क्षेत्र में शामिल हो गया।
नुकसानदायक नहीं है पिंक लेक
इस झील के पानी में काफी मात्रा में नमक, एल्गी और बैक्टीरिया है। इसमें नमक की मात्रा जब काफी बढ़ जाती है तो इसका पानी पिंक हो जाता है। इसके रंग बदलने की तीन और मुख्य वजहें मानी जाती हैं और वो है यहां का उच्च तापमान, सूर्य की तेज रोशनी और झील में जमा होने वाला बारिश का पानी।
विशेषज्ञों के अनुसार एल्गी और बैक्टीरिया होने के बावजूद इस झील का पानी इंसानों और जानवरों के लिए नुकसानदायक नहीं है। इस वजह से काफी संख्या में लोग यहां तैराकी और बोटिंग का मजा लेने आते हैं। छोटी होने की वजह से एक साथ में कई लोग यहां बोटिंग नहीं कर सकते, इसलिए कुछ खुशनसीब लोगों को ही यहां बोटिंग का मौका मिलता है।
हीलियर झील में मौजूद डुनालीला सलीना माइक्रोगैनिज़्म की वजह से इसका रंग गुलाबी है। क्योंकि डुनालीला सलीना (Dunaliella salina) नाम का एक सूक्ष्मजीव और झील में मौजूद नमक (रेड हेलोफिलिक बैक्टिरिया) मिलकर रेड डाई बनाते हैं, जिससे हीलियर झील में मौजूद पानी गुलाबी दिखता है। बता दें, नमक में मौजूद लाल हेलोफिलिक में एक कैरोटीनॉइड होता है जो एक विशेष लाल रंग छोड़ता है।
इस झील के पानी का गुलाबी रंग स्थायी है, क्योंकि जब इसके पानी को कंटेनर में डाला जाता है तो उसका रंग नहीं बदलता है।
डेड सी की ही तरह हिलर लेक में भी नमक की मात्रा काफी ज्यादा है जो इसे एक सलाइन लेक बनाते हैं।
मैथ्यू फिलेंडर्स ने की खोज
कहा जाता है कि इस झील की मौजूदगी के रिकॉर्ड्स सबसे पहले 15 जनवरी, 1802 में (इंग्लैंड) ऑस्ट्रेलियन नैविगेटर (नाविक) (अन्वेषक) मैथ्यू फ्लिंडर्स (Flinders) के जर्नल्स में मिले थे। बस तभी से यह झील मशहूर हो गई।
ब्रिटिश यात्री मैथ्यू फ्लिंडर्स ने ऑस्ट्रेलिया के दक्षिण-पश्चिमी तट की खोज की, एक द्वीपसमूह की खोज की, और एक झील जिसका पानी का रंग गुलाबी था।
सोशल मीडिया पर छाईं खुबसूरत तस्वीरें
अपनी खूबसूरती की वजह से पिंक लेक सोशल मीडिया पर छाई हुई है। कुछ साल में ही ये लेक दुनिया भर में मशहूर हो चुकी है। पहली बार इस गुलाबी झील का पता 2012 की सर्दियों में चला था। हालांकि, इस झील को कई वर्ष पहले बनाया गया था। बताया जाता है कि हर साल सर्दियों के मौसम में इस झील का रंग गुलाबी हो जाता है। हालांकि सोशल मीडिया पर इस लेक की फोटो देखने वाले बहुत से लोगों को लगता है कि ऐसा संभव नहीं हो सकता और कैमरा फिल्टर के जरिए झील का रंग पिंक किया गया है।
साल 2012 से हीलियर झील रिचार्ज आर्किपेलागो नेचर रिजर्व (Recherche Archipelago Nature Reserve) के संरक्षित क्षेत्र में आता है।
पिंक लेक की भरमार है यहां
ऑस्ट्रेलिया में इस तरह की कई गुलाबी झील मौजूद हैं। विक्टोरिया के उत्तर-पश्चिम में नमक की कई झीलें मौजूद हैं, जिनका पानी खास सीजन में चमत्कारी रूप से गुलाबी हो जाता है। मुरेय सनसेट नेशनल पार्क (Murray Sunset National Park) में क्रॉसबी झील (Crosbie Lake), बेकिंग झील (Becking Lake), केन्योन झील (Kenyon Lake) और हार्डी झील (Hardy Lake) पर्यटकों को सबसे ज्यादा आकर्षित करती हैं। डिंबूला (Dimboola) के पास मौजूद गुलाबी झील भी काफी प्रसिद्ध है।
समुंद्री झील (Sea Lake) के पास मौजूद टाइरेल झील (Tyrrell Lake) विक्टोरिया की सबसे बड़ी नमक की झील है, जो पर्यटकों के लिए मुख्य आकर्षण है। पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया में भी इस तरह की कई पिंक झील मौजूद हैं। यहां एसपेरेंस (Esperance) के नजदीक मौजूद हिलर झील (Hillier Lake) और हट लगून (Hutt Lagoon Lake) झील सबसे ज्यादा प्रसिद्ध है। हट लगून हर साल सैकड़ों पर्यटकों को आकर्षित करती है। खास तौर पर चीनी यात्रियों के लिए इस झील की यात्रा करना स्टेटस सिंबल बन चुका है।
कैसे पहुंचे?
पिंक लेक तक पहुंचने के लिए आपको सबसे पहले एस्परेंस शहर तक का सफर करना होगा। यहां से पिंक लेक की दूरी करीब 130 किलोमीटर है, जहां आपको रोड जर्नी के ज़रिये पहुंचना होगा।
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