आसमान से फिंगरप्रिंट (अंगूठे या उंगली की छाप) जैसा दिखता है ये आइलैंड जिसे फिंगरप्रिंट द्वीप (Fingerprint Island) या मेज़ द्वीप (Maze Island) भी कहा जाता हैं।
दुनिया में हजारों आइलैंड हैं, जो किसी न किसी वजह से मशहूर हैं। वैसे आमतौर पर आइलैंड अपनी खूबसूरती के लिए जाने जाते हैं, लेकिन कुछ ऐसे भी आइलैंड हैं, जो सिर्फ खूबसूरती ही नहीं बल्कि अनोखी वजहों से भी मशहूर हैं। ऐसा ही एक आइलैंड क्रोएशिया में भी है, जो सबसे अनोखा है और वो इसलिए कि यह आसमान से बिल्कुल किसी बड़े से फ़िंगरप्रिंट जैसा दिखता है। जो गूगल अर्थ (Google Earth) की पिक्चर्स में साफ तौर पर अंगूठे की छाप जैसा नज़र आ रहा है।
क्रोएशिया आइलैंड
भारत से लगभग 7800 km दूर हैं एक island द्वीप जो कि अपनी आकृति के कारण काफी सुर्खियों में रहता हैं। इसकी आकृति arial view से किसी व्यक्ति के फिंगरप्रिंट के समान दिखती हैं।
क्रोएशिया कुदरती चमत्कार का नमूना है। यहां अगर दिल के आकार का आइलैंड है, तो वहीं उंगलियों की छाप जैसा भी एक द्वीप है। एड्रियाटिक समुद्र में स्थित क्रोएशियाई द्वीपसमूह में 79 द्वीप, 525 आइलेट्स ओर लगभग 642 पत्थर हैं और आसपास के 1246 द्वीप को मिलाया जाए तो यह 3300 वर्ग किमी का भूभाग में स्थित हैं।
ये आइलैंड समुद्र के चारों तरफ से घिरा हुआ है। एड्रियाटिक सी (Adriatic Sea) पर बने इस आइलैंड को बैव्लजेनिक (Bavljenac) या बैल्जेनिक (Baljenac) द्वीप के नाम से जाना जाता है। 0.14 वर्ग किलोमीटर के इलाके में बसे इस आइलैंड के बारे में कहा जाता है कि इसका इस्तेमाल खेती के लिए किया जाता था।
ओवल शेप के इस पूरे आइलैंड पर पत्थर की दीवारों का जाल बिछा हुआ है और यहीं वजह है कि ऊपर से देखने पर यह ऐसा लगता है जैसे फिंगरप्रिंट हो। कहते हैं कि इस आइलैंड पर मौजूद पत्थर की दीवारों को अगर एक साथ मिला दिया जाए, तो यह करीब 23 किलोमीटर लंबी हो सकती है।
18वीं शताब्दी की दीवारें
क्रोएशियन नेशनल टूरिस्ट बोर्ड (Croatian National Tourist Board) के अनुसार इस द्वीप का इस्तेमाल पड़ोस के कैप्रिजे आइलैंड (Kaprije island) के किसान खेती के लिए करते थे। यहां रहने वाले लोग पूरी तरह से वेजिटेरियन होते थे। Kaprije द्वीप के किसानों ने Baljenac को साफ़ किया और फ़िग और साइट्रस फलों के पेड़, अंगूर के बाग लगाए। हवा से फसल को बचाने के लिए और ज़मीन को विभाजित करने के लिए उन्होंने पत्थर की दीवारें बनाईं।
कहा जाता है कि पत्थर की इन दीवारों का निर्माण नेबरिंग और कैप्रीसिया के किसानों द्वारा (19वी सदी) सन् 1800 में किया गया है। जो कि भूल भुलैया का भी कम करती हैं। कोई पर्यटक अगर कुछ समय टहल ले तो वह अपने रास्ते से भटक जाएगा। ड्राई स्टोन वॉलिंग टेक्निक से बनाई गई इन दीवारों को बड़ी ही सावधानी से एक दूसरे से लॉक किया गया है। पत्थरों की स्टैकिंग और इंटरलॉकिंग करके ये दीवारें खड़ी की गईं। आज इस द्वीप पर फलों के पेड़ नहीं बचे लेकिन वो दीवारें बच गईं।
इस आइलैंड को साल 2018 में संरक्षित कर दिया गया था। यह यूनेस्को की धरोहर स्थलों की सूची (इंटैंजिबल कल्चरल हैरिटेज ऑफ़ ह्यूमैनिटी सूची) में शामिल है। Baljenac, Sibenik Archipelago के 249 द्वीपों में से एक है। यहां टूरिस्ट बोर्ड पर लिखा गया है कि ये जगह कठिन परिश्रम और सभ्यता का नमूना है।
अब यहां काफी लोग घूमने के लिए आते हैं और इस जगह को देख कर और यहां के इतिहास को जानकर हैरान रह जाते हैं। ये आइलैंड पर्यटकों के पहली पसंद बन चुका है। घूमने आने वाले लोग इस खूबसूरत से आइलैंड कि सुंदरता को अपने कैमरे में कैद करके अपने साथ अपने देश ले जाते हैं।
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