1. नास्त्रेदमस : 14 दिसंबर 1503 को फ्रांस में जन्मे नास्त्रेदमस ने अपनी भविष्यवाणियां 100 छंदों के अनेक शतकों में की हैं। ऐसे शतकों की संख्या 12 है जिनमें से अंतिम 2 शतकों के अनेक छंद उपलब्ध नहीं हैं। इन शतकों को 'सेंचुरी' कहा गया है। नास्त्रेदमस की इस कालगणना के अनुसार हम चन्द्रमा की द्वितीय महान चक्र अवधि से गुजर रहे हैं, जो सन् 1889 से शुरू हुई है और सन् 2243 में समाप्त होगी। नास्त्रेदमस के अनुसार, यह अवधि मनुष्य जाति के लिए रजत युग है। नास्त्रेदमस ने ये भविष्यवाणियां लगभग 499 वर्ष पहले की थीं।
नास्त्रेदमस के अनुसार तीसरे महायुद्ध की स्थिति सन् 2012 से 2025 के मध्य उत्पन्न हो सकती है। तृतीय विश्वयुद्ध में भारत शांति स्थापक की भूमिका निबाहेगा। सभी देश उसकी सहायता की आतुरता से प्रतीक्षा करेंगे। नास्त्रेदमस ने तीसरे विश्वयुद्ध की जो भविष्यवाणी की है उसी के साथ उसने ऐसे समय एक ऐसे महान राजनेता के जन्म की भविष्यवाणी भी की है, जो दुनिया का मुखिया होगा और विश्व में शांति लाएगा। लेकिन यह महान व्यक्ति कहां जन्म लेगा इस बात को लेकर मतभेद हैं। हालांकि ज्यादातर जानकार मानते हैं कि दुनिया का 'मुक्तिदाता' भारत में ही जन्म लेगा। कहीं ऐसा तो नहीं कि उस 'महापुरुष' ने जन्म ले लिया हो और वह राजनीति में सक्रिय भी हो। वह राजनेता होगा या धर्मयोद्धा, यह कहना मुश्किल है।
2. बाबा वेंगा (Baba Vanga) : बुल्गारिया की भविष्यवक्ता बाबा वेंगा इन दिनों चर्चाओं में हैं। वेंगा को‘नास्त्रेदमस फ्रॉम द बाल्कन’ के नाम से जाना जाता है। उन्होंने जितनी भी भविष्यवाणियां की हैं, वे सभी सच हुई हैं।
बाल्कन ने पिछले दिनों फ्रांस और अमेरिका में 9/11 आतंकी हमले से लेकर सुनामी, फुकुशिमा हादसे और आईएसआईएस जैसे आतंकी संगठनों के सामने आने की भविष्यवाणियां की थीं, जो सच निकलीं।
कौन हैं बाबा वेंगा ? : बुल्गारिया में पैदा हुई मूल नाम वेंगेलिया पांडेवा दिमित्रोवा ने 12 साल तक सामान्य जिंदगी जी। इसके बाद एक रहस्यमयी तूफान में उनकी दृष्टि चली गई। कई दिनों बाद वो परिवार को मिलीं लेकिन उनकी आंखों में मिट्टी भर गई थी, लेकिन इसके बावजूद वो काफी कुछ देखती थीं और भविष्यवाणियां कर लोगों की मदद करती थीं।
बाबा वेंगा को रूस और यूरोप में काफी लंबे समय तक एक संत के तौर पर सम्मानित किया गया। 1996 में उनकी 85 साल की उम्र में मौत हो गई। वेंगा ने 50 साल में करीब 100 भविष्यवाणियां कीं। इनमें से ज्यादातर सच साबित हुईं। इनकी कई भविष्यवाणियां क्लाइमेट और नेचुरल डिजास्टर से संबंधित थीं।
3. प्रोफेसर कीरो (Cheiro) : कीरो का जन्म नवंबर 1866 में इंग्लैंड के ब्रे नामक स्थान पर हुआ था। 17 वर्ष की उम्र में कीरो मुंबई आ पहुंचे और यहां ख्यात ज्योतिषी वेदनारायण जोशी से मिले और उनसे परामर्श करके वे हिमालय, कश्मीर, लद्दाख और वाराणसी गए तथा ज्योतिष शास्त्र का गहन अध्ययन किया। 3 वर्ष में वे ज्योतिष, तंत्र आदि का ज्ञान प्राप्त करके वापस लौटे।
* कीरो ने यह भविष्योक्ति मृत्यु के मुख में जा रहे युवराज एडवर्ड सप्तम के लिए की थी। कीरो ने उनको कहा था - '1 माह बाद अगस्त 1902 में आपका राज्याभिषेक होगा और मृत्यु तो 69 वर्ष की आयु तक नहीं होगी। आपको अब स्वस्थ होना ही पड़ेगा।' इतना आत्मविश्वास एवं यथार्थयुक्त उनका कथन था कि सुनने वाला तो दंग ही रह गया। कीरो की भविष्यवाणी के अनुसार ही एडवर्ड सप्तम मृत्यु मुख से वापस आकर स्वस्थ हुए और 69 वर्ष की आयु तक जीवित भी रहे।
* सन् 1931 में ही कीरो ने भविष्यवाणी की थी, 'इस दशक के अंत में एक विश्वयुद्ध होगा। इंग्लैंड भारत को स्वतंत्र कर देगा (युद्ध के बाद) किंतु हिन्दू एवं मुसलमानों के बीच इस शताब्दी का भीषणतम नरसंहार होगा। अमेरिका, जापान के साथ युद्ध करेगा जिसके भयंकर परिणाम होंगे।'
* 16 वर्ष पूर्व भारत की आजादी की बात बता दे, जब किसी को तनिक भी आशा या विश्वास नहीं था, कितना सही एवं नैपुण्यपूर्ण कार्य था। कीरो ने जेल अधिकारियों की अनुमति प्राप्त कर डॉ. मेयर की हस्तरेखाओं का अध्ययन करके बताया था कि हाई कोर्ट के तुरंत मृत्युदंड दिए जाने के आदेश के बावजूद तुम जिंदा बच जाओगे। तुम अभी 44 वर्ष के हो और तुम्हारी मौत तुमसे 15 वर्ष की दूरी पर है। 15 वर्ष बाद तुम अपनी शैया पर बीमारी से मरोगे। ऐसा ही हुआ। न्यायालय ने मृत्युदंड के आदेश में कानूनी त्रुटि पाकर मेयर का मृत्युदंड का आदेश रोक दिया।
* 'लड़की की शादी पूर्व ओर के किसी देश के शासक से होगी, मगर इसकी आयु बहुत कम है' यह भविष्यवाणी कीरो ने श्रीमती लीटर के समक्ष उनकी पुत्री के हाथ की छाप का अध्ययन कर की थी। सचमुच में उस युवती का विवाह वायसराय लॉर्ड कर्जन के साथ हुआ किंतु उसकी शीघ्र मृत्यु भी हो गई।
* कीरो से ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ ने पूछा था कि भारत की आजादी का ऐसा कोई दिन बताइए जिस समय हम भारत को आजाद करें और वह समय भारत के लिए बुरा सिद्ध हो। प्रोफेसर कीरो ने रानी के अनुरोध के चलते अर्द्धरात्रि का वक्त बताया, लेकिन साथ ही कहा कि भारत को संसार की कोई ताकत रोक नहीं सकती। विशुद्ध धर्मावलंबी नीति का एक शक्तिशाली व्यक्ति सारे देश को जगा देगा। उसकी आध्यात्मिक शक्ति दुनियाभर की तमाम भौतिक शक्तियों से अधिक समर्थ होगी जिसका असर सारे संसार में पड़े बिना नहीं रह सकता। भारत का भविष्य उज्ज्वल होगा।
इसके कुछ दिन बाद कीरो अध्ययन कर रहे थे तो उन्हें पता चला कि भारत का भविष्य बहुत उज्ज्वल है। वे फिर महारानी एलिजाबेथ के पास गए और कहा कि आजादी के 50 वर्षों के अंदर अगर कोई महापुरुष भारत में खड़ा हो गया तो भारत को कभी कोई गुलाम बना ही नहीं सकेगा और अगर 50 सालों में कोई महापुरुष खड़ा न हुआ और भारत को किसी ने गुलाम बना लिया तो फिर इसे कोई आजाद करा ही नहीं सकेगा।
कीरो ने सन् 1925 में लिखी अपनी पुस्तक में भविष्यवाणी की है कि 20वीं सदी अर्थात सन् 2000 ई. के उत्तरार्द्ध में सन् 1950 के पश्चात उत्पन्न संत ही विश्व में 'एक नई सभ्यता' लाएगा, जो संपूर्ण विश्व में फैल जाएगी। भारत का वह एक व्यक्ति सारे संसार में ज्ञानक्रांति ला देगा।
कीरो अपनी भविष्यवाणी में लिखते हैं, 'भारत का सूर्य बलवान है एवं कुंभ राशि में है इसलिए भारत की प्रगति को दुनिया की कोई ताकत नहीं रोक सकती है। यहीं पर एक चेतना पुरुष का जन्म होगा जिसकी आध्यात्मिक क्षमता, समस्त विश्व की भौतिक क्षमता से कई गुना ज्यादा होगी। वह गुरु-शिष्य परंपरा का पालन करेगा। उसके अनुयायी हर धर्म, जाति व संप्रदाय के होंगे।'
4. पीटर हरकौस (Peter Hurkos) : हॉलैंड एक छोटा-सा देश है, लेकिन यहां बहुत विख्यात लोग रहते हैं। उन्हीं में से एक महान भविष्यवक्ता पीटर हरकौस की प्रसिद्धि दूर-दूर तक थी। उन्हें ज्योतिष का तो ज्यादा ज्ञान नहीं था लेकिन वे अंतरदृष्टि संपन्न व्यक्ति थे। उन्हें अतीन्द्रिय दर्शन की यह अद्भुत क्षमता एक दुर्घटना में अनायास ही प्राप्त हुई थी।
दुर्घटना में वे ठीक हो गए थे। वे जिस दिनों अस्पताल में थे उन्हीं दिनों ठीक होकर जा रहे एक व्यक्ति को उन्होंने रोका। वह पास आकर खड़ा हुआ तो पीटर ने कहना शुरू किया - 'मित्र मेरी बात मानो तो तुम अभी बाहर मत निकलो, जर्मन जासूस तुम्हें ढूंढ रहे हैं और तुम्हें देखते ही वे गोली मार देंगे।' पीटर की बात अनसुनी कर वो शख्स आगे बढ़ गया। वह एक ब्रिटिश जासूस था। कुछ ही देर बाद बाहर गोलियां चलने की आवाज सुनाई दीं। सचमुच वह व्यक्ति भून दिया गया था।
इस शताब्दी के महानतम भविष्यवक्ता पीटर हरकौस ने अपनी भविष्यवाणी में लिखा है कि 'भारत में आध्यात्मिकता तथा धार्मिकता की जो लहर उठेगी, वह सारे विश्व में छा जाएगी।'
5. जीन डिक्सन (Jean Dixon) : अमेरिका की भविष्यवक्ता जीन डिक्सन अपनी अचूक भविष्यवाणियों के लिए विख्यात है। जीन जब सिर्फ 6 साल की बच्ची थी, तब एक दिन उसकी मां ने यों ही बात-बात में बच्चों से पूछा कि तुम्हारे पिता तुम लोगों के लिए क्या लाएंगे? तो जीन ने दो पल रुककर जवाब दिया कि वो एक सुन्दर सा सफेद कुत्ता मेरे लिए लाएंगे। कहते हैं कि जब यह वार्ता हो रही थी तब उनके पिता एक हजार मील दूर थे।
हालांकि बच्ची की इस बात पर सभी हंसने लगे लेकिन जब पिता घर लौटकर आए तो सचमुच एक सफेद कुत्ता उनके साथ था। यह देखकर पूरा घर आश्चर्य से भर उठा था। जीन डिक्सन की यह अंतरदृष्टि क्षमता बड़े होने पर और भी बढ़ती गई।
उन्हें प्रसिद्धि तब मिली, जब उन्होंने खुद सन् 1644 में तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति रुजवेल्ट के देहावसान की तिथि उनके दफ्तर में जाकर दे दी थी। जीन डिक्सन ने कुछ हिचकिचाहट के साथ कहा कि 'मैंने आपसे ही संबंधित एक घटना देखी है।' जीन को रुकते देख राष्ट्रपति रुजवेल्ट भांप गए और बोले - 'आप संकोच क्यों कर रही हैं संभव है? आपने मेरी मृत्यु से संबंधित घटना देखी हो, तो आप अवश्य बताने की कृपा करें ताकि मैं अपने शेष कर्तव्य को भली-भांति निभा सकूं।' डिक्सन ने बहुत हिचकते हुए बताया - 'आगामी वर्ष के मध्य में आपकी मृत्यु अवश्यंभावी है।'
यह दूसरे विश्वयुद्ध का दौर था। 1645 के मध्य में रुजवेल्ट का अंत हो गया। कुछ समय बाद उपराष्ट्रपति टू्र मैन ने एक क्लब में एक समारोह में श्रीमती डिक्सन से यों ही पूछा - 'क्या आप मेरे भविष्य के बारे में कुछ बता सकती हैं?' जीन डिक्सन बोली - 'जरूर, आप शीघ्र ही राष्ट्रपति बनने वाले हैं।' थोड़े ही समय बार टू्र मैन सचमुच राष्ट्रपति बन गए। इस घटना के बाद जब स्वयं टू्र मैन ने जीन डिक्सन की शक्ति की चर्चा की तो सारा अमेरिका उन्हें जानने लगा। जॉन कैनेडी की राष्ट्रपति के रूप में जीत तथा 4 साल के भीतर ही उनका हत्या की भविष्यवाणी डिक्सन ने सन् 1656 में ही कर दी थी।
भारत के संबंध में श्रीमती डिक्सन ने नेहरू के निधन तथा शास्त्रीजी के नेहरू का उत्तराधिकारी चुने जाने की भविष्यवाणी भी बहुत पहले कर दी थी। निक्सन ने यह भी कहा था कि भारत में 1685 के बाद तीव्र घटना चक्र गतिशील होगा और वह भौतिक, आध्यात्मिक तथा राजनीतिक दृष्टि में तीव्रता से प्रगति करेगा।
6. जूल्स वर्ने (Jules Verne) : विश्वविख्यात भविष्यवक्ता जूल्स वर्ने एक लेखक भी थे। उन्होंने भी विश्व राजनीति के बारे में कई भविष्यवाणियां की थीं, जो सच साबित हुईं। उन्होंने अधिकतर भविष्यवाणियां विज्ञान संबंधी की हैं। भारत संबंधी कुछ भविष्यवाणियां इस प्रकार हैं -
* जूल्स के अनुसार भारत और पाकिस्तान के बीच जंग छिड़ेगी। बांग्लादेश बनेगा। अंत में पाकिस्तान एक छोटे से टापू जैसा रह जाएगा। इसका कुछ भाग अफगानिस्तान ले लेगा और कुछ में स्वतंत्र बलूचिस्तान बन जाएगा।
* भारत, चीन की ली गई भूमि वापस ले सकेगा। इसी समय तक तिब्बत भी स्वतंत्र हो जाएगा। बाद में चीन एटम बम बनाएगा।
* संपन्न देशों को हर्षल, प्लूटो आदि ग्रहों की भी विस्तृत जानकारी मिल जाएगी और मनुष्य शुक्र तथा मंगल ग्रह तक पहुंच जाएगा।
* भारत अत्यधिक शक्तिशाली बनकर उभरेगा। विश्व में उसका सम्मान बढ़ता चला जाएगा।
* सारी पृथ्वी, विशेषकर शहरी क्षेत्र भयंकर पर्यावरण प्रदूषण से ग्रस्त हो जाएंगे। नई-नई बीमारियां फैलेंगी, जो डॉक्टरों की समझ से परे होंगी।
* जूल्स वर्ने को 19वीं सदी के सबसे प्रगतिशील लेखक के तौर पर शुमार किया जाता है। वे चन्द्रमा के मॉड्यूल से लेकर सौर परिक्रमा तक की बातें करते हैं। उनकी किताब में वे इलेक्ट्रिक पनडुब्बियों की बातें करते हैं और वे पनडुब्बियां उनकी किताब लिखने के लगभग 90 वर्ष बाद आधिकारिक तौर पर अस्तित्व में आईं।
7. प्रो. हरार : इसराइल के प्रसिद्ध ज्योतिष और भविष्यवक्ता प्रोफेसर हरार ने कहा था कि अरब के प्रधान शाह मुहम्मद की यात्राओं की तैयरियां पूरी हो जाने पर भी 3-3 बार वे यात्रा न कर सकेंगे। सचमुच यही हुआ। पहली बार घोड़े से गिर पड़ने के कारण शाह का पैर फ्रैक्चर हो गया था, दूसरी बार मौसम की खराबी के कारण विमान न उड़ पाने के कारण और तीसरी बार पड़ोसी देश द्वारा हमला कर देने के कारण शाह मुहम्मद को यात्राएं स्थगित करना पड़ी थीं।
हरार ने भारत के संबंध में भारत-पाक युद्ध की तारीख लगभग 2 साल पहले ठीक-ठीक बता दी थी। इसी तरह उन्होंने एक नए देश बांग्लादेश के उदय की भविष्यवाणी भी कर दी थी। 1980 से 2000 तक का वक्त भारत के लिए सबसे बेहतरीन होगा। 1985 तक भारत में अनेक वैज्ञानिक शस्त्रों का निर्माण होगा और वो एक प्रचंड शक्ति बनकर उभरेगा। इसराइल और भारत एक अच्छे दोस्त बन जाएंगे।
प्रोफेसर हरार का जन्म इसराइल के एक यहूदी परिवार में हुआ था। अपनी अचूक व शत-प्रतिशत भविष्यवाणियों के लिए वे विश्वविख्यात हैं। उनका कहना है कि किसी दिव्य पुरुष का जन्म भारतवर्ष में हुआ है और वह 1970 तक आध्यात्मिक क्रांति की जड़ें बिना किसी लोक-यश के भीतर ही भीतर जमाता रहेगा और उसके बाद उसका प्रभुत्व सारे एशिया और विश्व में हो जाएगा तथा उसके कथन को सुनने और मानने को बाध्य होगा। संभवत: यह भविष्यवाणी ओशो के संबंध में है। ओशो के कारण ही विश्व में आध्यात्मिक क्रांति का एक नया सूत्रपात हुआ है, जो धर्मों की सीमा से परे है।
8. एंडरसन : अमेरिका के एक प्रसिद्ध भविष्यवक्ता एंडरसन ने भविष्यवाणी की है कि भारत के छोटे से देहात में जन्मा एक परम धार्मिक व्यक्ति मानव इतिहास का सबसे महत्वपूर्ण व्यक्ति बनेगा। जनता उसे बहुत मानेगी। वह व्यक्ति समस्त विश्व के लिए आदर्श संविधान का निर्माण करेगा।
संविधान के अनुसार सारे संसार की एक भाषा, एक संघीय राज्य, एक सर्वोच्च न्याय पालिका, एक झंडा आदि का विधान होगा। इस व्यक्ति के प्रभाव से सारे विश्व में एक अपूर्व सुख-शांति छा जाएगी व मनुष्यों में संयम, सदाचार, त्याग, नीति, मानवता, सहिष्णुता आदि गुणों को जीवन में उतारने की होड़ जग जाएगी। भारतवर्ष का महापुरुष अपने अपूर्व प्रेम व महानता से सारे विश्व को परम सुखदायी स्वरूप में परिवर्तित कर देगा।
9. डॉ. जूलबर्न : फ्रांस के भविष्यवक्ता डॉ. जूलबर्न के अनुसार भारतवर्ष में किसी एक ऐसे रहस्यमयी व्यक्ति का जन्म हो चुका होगा, जो आज तक के इतिहास का सबसे अधिक समर्थ व्यक्ति सिद्ध होगा। उसके बनाए विधान सारे संसार में लागू होंगे। यह व्यक्ति सन् 1962 से पूर्व ही जन्म ले चुका होगा। उस व्यक्ति को भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में भी रहा होना चाहिए।
उसके अनुयायियों की बड़ी संख्या भी है। उसके अनुयायी एक समर्थ संस्था के रूप में प्रकट होंगे और देखते ही देखते सारे विश्व में अपना प्रभाव जमा लेंगे और असंभव दिखने वाले परिवर्तनों को आत्मशक्ति के माध्यम से सरलता व सफलतापूर्वक संपन्न करेंगे। इस परिवर्तन को कोई रोक नहीं सकेगा। उल्लेखनीय है कि ओशो रजनीश ने भी एक विधान बनाया है। कैसा होना चाहिए समाज, राष्ट्र और अन्य सभी व्यवस्था को लेकर उन्होंने अपने विचार व्यक्त किए हैं। साम्यवाद, धर्म और पूंजीवाद के बीच एक नया रास्ता बनाया है।
10. गेलार्ड क्राइसे : गेलार्ड क्राइसे ने कहा है कि मैं देख रहा हूं कि पूर्व के अतिप्राचीन देश भारत, जहां साधु और संतों की पूजा होती है, वहां के लोग सीधे, सच्चे और ईमानदार होते हैं, उस देश से एक प्रकाश उठता आ रहा है। वहां किसी ऐसे महापुरुष का जन्म हुआ है, जो सारे विश्व की कल्याण की योजनाएं बनाएगा। तमाम संसार के लोग उधर देखेंगे और उनकी बात मानेंगे। सब राजनीतिक नेता एक मंच पर इकट्ठे होने के लिए विवश होंगे। इन सब बातों का प्रमाण इसी शताब्दी (20वीं) के अंत तक मिलने लगेगा और फिर सारा संसार एक सूत्र में बंधता चला जाएगा।
भविष्यवक्ता ऑर्थर चाल्र्स क्लार्क लिखते हैं, ‘जिस प्रकार इस समय संयुक्त राष्ट्र संघ का मुख्यालय अमेरिका में है, उसी प्रकार संयुक्त गृह राज्य संघ का मुख्यालय मंगल ग्रह या गुरु पर हो सकता है। सन् 1981 तक भारत अपने आप में शक्तिशाली हो जाएगा तथा वहां से एक ऐसी जबरदस्त विचार क्रांति उठेगी, जो पूरे विश्व को प्रभावित करेगी। भारत का धर्म और अध्यात्म पूरा विश्व स्वीकार करेगा।'
अमेरिका के भविष्यवक्ता चाल्र्स क्लार्क के अनुसार - 20वीं सदी के अंत से पहले एक देश विज्ञान की उन्नति में सब देशों को पछाड़ देगा, परंतु भारत की प्रतिष्ठा विषेशकर इसके धर्म और दर्शन से होगी जिसे पूरा विश्व अपना लेगा। यह धार्मिक क्रांति 21वीं सदी के प्रथम दशक में संपूर्ण विश्व को प्रभावित करेगी और मानव को आध्यात्मिकता पर विवश कर देगी।
साभार -
1. विश्व की आश्चर्यजनक भविष्यवाणियां : लेखक - नरेन्द्र शर्मा, प्रकाशक - पवन पॉकेट बुक्स, दिल्ली।
2. अमर भविष्यवाणियां : लेखक - डॉ. नारायणदत्त श्रीमाली, प्रकाशक - मयूर पेपरबैक्स, नई दिल्ली।
3. नास्त्रेदमस की संपूर्ण भविष्यवाणियां, लेखक - अशोक कुमार शर्मा, प्रकाशक - डायमंड पॉकेट बुक्स, नई दिल्ली।
4. इक्कीसवीं सदी एवं भविष्यवेत्ताओं के अभिमत : लेखक - पं. श्रीराम शर्मा 'आचार्य'। अखिल विश्व गायत्री परिवार, हरिद्वार।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें