हाईगेट कब्रिस्तान (Highgate Cemetery)
हाईगेट कब्रिस्तान का इतिहास
हाईगेट कब्रिस्तान उत्तरी लंदन में एक कब्रिस्तान है। जिसमें लगभग 170,000 लोगों को दफनाया गया है। यह काफी बड़ा और विशाल है। इस कब्रिस्तान में कई गेट है। दुनिया भर में सबसे बडे कब्रिस्तान के अलांवा यह कार्ल मार्क्स की कब्र के लिए भी दुनिया भर में विख्यात है। इस कब्रिस्तान को सन 1839 में शुरू किया गया था। उस समय लंदन एक विचित्र संकट से जुझ रहा था।लंदन में उस समय मृत्यु दर ज्यादा थी और आये दिनों लोगों की भारी संख्या में मौत हो रही थी। लोगों की हो रही लगातार मौतों के बावजूद भी लंदन में उन्हे दफनाने के लिए कोई जगह नहीं बची थी। इसी समस्या से उबरने के लिए लंदन के उत्तरी छोर में इस हाईगेट कब्रिस्तान का निर्माण किया गया। इस कब्रिस्तान के निर्माण के पहले जगह की किल्लत के चलते लोग मूर्दो को अपने घर के आस पास ही गलियसारों में दफन कर दे रहे थे जो कि बहुत ही भयावह स्िथती थी। रास्तों में दफन मूर्दो से भयानक बदबू आती थी। इस समस्या से उबरने के लिए अधिकारियों ने इस कब्रिस्तान का निर्माण कराया था।
हाईगेट की संरचना और आकार
हाईगेट उस समय दुनिया का सबसे बड़ा मानव निर्मित कब्रगाह था। यह कब्रिस्तान 37 एकड़ जमीन में फैला हुआ है और उत्तरी लंदन के बीचों बीच बनाया गया है। इस कब्रिस्तान में एक घंटा घर और ट्यूडर शैली का प्रयोग किया गया है। इसकी इमारतों में शानदार लकडियों का इस्तेमाल किया गया है। इस कब्रिस्तान मे मिश्र की शैली का भी पुरा प्रयोग किया गया है। इस कब्रगाह के लिए भी आया जिसके लिए इसका निर्माण किया गया था, पहली बार इस कब्रिस्तान में 26 मई 1839 को लिटील विंडमिल स्ट्रिट की एलिजाबेथ जैक्सन को दफनाया गया, और इसी के साथ सिलसिला शुरू हुआ जो आज तक जारी है।कब्रिस्तान में वैम्पायर्स
इस कब्रिस्तान से होकर जाने वाली सड़क पर लोगों को कई बार भूतों का अहसास हुआ। हाईगेट कब्रिस्तान और इसके आस-पास हुई कई घटनाओं की वजह से भी यहां रूहों की मौजूदगी मानी जाती है। इस कब्रिस्तान में कई बार कब्रों से लाशों के गायब होने का मामला भी सामने आया है। अभी तक वैम्पायर्स के बारें में दुनिया भर में केवल अटकलें ही लगायी जाती है। इस कब्रिस्तान में बहुत से लोगों ने वैम्पायर्स (खून पीने वाला पिशाच) को देखने का दावा किया है और उन्हे महसूस किया गया है। जो कि आये दिन इस कब्रिस्तान में घुमते रहते है। लेकिन अभी तक उन्होंने किसी को नुकसान नहीं पहुंचाया है। लोगों का मानना है कि वे अपनी ही दुनिया में मस्त रहते हैं।यह कब्रिस्तान बहुत ही बड़ा है और इसमें न जाने कितने लोग दफन है। जहां पर एक साथ जमीन में इतने लोग दफन होंगे वहां रूहों और आत्माओं का दिखना तो लाजमी ही होगा। इस कब्रिस्तान में भी बहुत सी ऐसी रूहे है जो गाहें बगाहें लोगों को दिख जाती है। कई बार लोगों को इसका आभास होता है और उनके साथ कोई हादसा हो जाता है।
कार्ल मार्क्स की कब्र |
सबसे पहला मामला जो प्रकाश में आया था वो था सन 1970 में जब स्कूल की दो छात्राओं ने कब्रिस्तान के एक किनारें एक वैम्पायर कों बैठा देखने का दावा किया था। उन दोनों छात्राओं का कहना था कि जब वो स्कूल से लौट रही थी और जब वो कब्रिस्तान के पास पहुंची तो उस समय शाम हो गयी थी और हल्का हल्का अंधेरा शुरू हो गया था। उसी समय उन्हे कुछ अजीब सी आवाज सुनायी दी जो कि कब्रिस्तान के तरफ से आ रही थी। उस समय जब उन्होने कब्रिस्तान की तरफ देखा तो वहां एक आदमी जैसा कोई बैठा और कब्र से शव को निकाल कर उनका खुन पी रहा था।
इसके अलांवा इस हादसें के एक हफ्ते बाद ही एक और मामला प्रकाश में आया जहां एक प्रेमी जोड़ ने भी एक वैम्पायर को देखन की बात कहीं। उनका कहना था कि वो दोनों कब्रिस्तान के तीसरे गेट की तरफ से रात में गुजर रहे थे उसी वक्त उन्होने एक बहुत ही बड़े आदमी को देखा जो कि सामान्य लंबाई से बहुत ज्यादा था उसका चेहरा अंधेरे के कारण देख नहीं पाया गया लेकिन उसके चेहरे का आकार और बनावट मनुष्यों से अलग थी। उनका कहना था कि शायद उस अजीब से साये ने उन्हे देख लिया था और वो उन्ही के तरफ धिमें धिमें बढ रहा था। इतना देख दोनों वहां से भाग गये।
इस तरह की कई घटनाए है जो कि हाईगेट कब्रिस्तान में देखने को मिली है। कई बार लोगों ने इस महसूस किया है। इस कब्रिस्तान से होकर जाने वाले सड़क पर कई बार लोगों की दुर्घटनाए भी हुयी है। आज भी इस कब्रिस्तान में आसानी से रूहों और आत्माओं को महसूस किया जा सकता है।
वैसे दुनिया में कब्रिस्तान का नामभर सुनकर लोगों को भूत प्रेत और आत्मा का खयाल आ जाता है। लेकिन यहां का माहौल कुछ अजीब ढंग से है। क्योंकि आज तक किसी को कोई खंरोच नहीं आई है, वे सिर्फ चहल-कदमी करते हुए दिखाई देते हैं। इसलिए लोगों का मानना है कि इनकी अपनी अलग दुनिया है, अलग साम्राज्य है, इनका किसी से कोई लेना-देना नहीं है।
इसके अलांवा इस हादसें के एक हफ्ते बाद ही एक और मामला प्रकाश में आया जहां एक प्रेमी जोड़ ने भी एक वैम्पायर को देखन की बात कहीं। उनका कहना था कि वो दोनों कब्रिस्तान के तीसरे गेट की तरफ से रात में गुजर रहे थे उसी वक्त उन्होने एक बहुत ही बड़े आदमी को देखा जो कि सामान्य लंबाई से बहुत ज्यादा था उसका चेहरा अंधेरे के कारण देख नहीं पाया गया लेकिन उसके चेहरे का आकार और बनावट मनुष्यों से अलग थी। उनका कहना था कि शायद उस अजीब से साये ने उन्हे देख लिया था और वो उन्ही के तरफ धिमें धिमें बढ रहा था। इतना देख दोनों वहां से भाग गये।
इस तरह की कई घटनाए है जो कि हाईगेट कब्रिस्तान में देखने को मिली है। कई बार लोगों ने इस महसूस किया है। इस कब्रिस्तान से होकर जाने वाले सड़क पर कई बार लोगों की दुर्घटनाए भी हुयी है। आज भी इस कब्रिस्तान में आसानी से रूहों और आत्माओं को महसूस किया जा सकता है।
वैसे दुनिया में कब्रिस्तान का नामभर सुनकर लोगों को भूत प्रेत और आत्मा का खयाल आ जाता है। लेकिन यहां का माहौल कुछ अजीब ढंग से है। क्योंकि आज तक किसी को कोई खंरोच नहीं आई है, वे सिर्फ चहल-कदमी करते हुए दिखाई देते हैं। इसलिए लोगों का मानना है कि इनकी अपनी अलग दुनिया है, अलग साम्राज्य है, इनका किसी से कोई लेना-देना नहीं है।
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