गुरुवार, 8 नवंबर 2012

क्या आपने ऐसी इमारतें देखी हैं ?

क्या आपने ऐसी इमारतें देखी हैं ?


ये ऑस्ट्रेलिया के मेलबर्न में बना 'द क्लाउड हाउस' है। इस तस्वीर को खींचा है मैक्ब्राइड चार्ल्स रयान ने। ये क्लाउड हाउस एक दो मंज़िला एडवर्ड युगीन घर के आगे का हिस्सा है।



ये तस्वीर अफ्रीकी इंजीनियरों द्वारा बनाए गए सोवूटो थियेटर की है। ये थियेटर दक्षिण अफ्रीका के काफी समृ्द्ध इलाके जाबूलानी में बनाया गया है। इस थियेटर को बनाने का मकसद दक्षिण अफ्रिका में कला और संस्कृति से जुड़ी गतिविधियों के लिए एक जगह सुनिश्चित करना था।



ये तस्वीर न्यूज़ीलैंड के वाईहेका द्वीप में बने एक खुले भवन की है, जिसे मातियातिया की खाड़ी के पास के एक खुले आंगन में बनाया गया है।



ये तस्वीर जापान के कदारे में बने यूरीहोंझो सिटी कल्चरल सेंटर की है। इस कल्चरल सेंटर में एक थियेटर, एक लाईब्रेरी, एक कम्यूनिटी सेंटर और इसके अंदर एक जगह इकट्ठा होने के लिए गलियारा भी है।



ये तस्वीर दक्षिण अफ्रीका में बने बुसान सिनेमा सेंटर की है। ये सिनेमा सेंटर कूप हिम्मेब्लाउ नाम के वास्तुकार का पहला प्रोजेक्ट है। इसमें इमारत में निजी और सार्वजनिक जगह एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं।



स्वीडन के स्टॉकहोम में बनी ये इमारात स्वेन हैरी कला संग्रहालय है। इसके निचले तले पर व्यावसायिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। इसके पेंटाहाउस में कला संग्रहालय बनाया गया है और इमारत के बीचोंबीच एक हॉल है।



ये ईरान की राजधानी तेहरान से लगभग एक किलोमीटर की दूरी पर बने 'आरवाईआरए' स्टूडियो है। ये एक स्काई रिसॉर्ट है, जिसे साल 2008 में बनाया गया था।



ये तस्वीर मैसाचूसेट्स के सरकारी अस्पताल के प्रांगण में बनी पॉल रस्सेल एमडी संग्रहालय की है। इस संग्रहालय में आयुर्विज्ञान इतिहास और उसमें हो रहे नए बदलावों के बारे बताया जाता है।



लंदन के डॉकलैंड्स में बने साउंडफार्म शेल को बीएफएलएस ने बनाया है। इस केंद्र में शास्त्रीय संगीत और ऑर्केस्ट्रा से जुड़ी प्रदर्शनों पर काम किया जाता है।


ये तस्वीर सिंगापुर के केप्पल-बे में बन रही एक रिहायशी इमारत रिफ्लेक्शंस की है जिसे 93,000 स्क्वायर मीटर बड़ी जगह पर बनाया गया है।



ये तस्वीर है वांकी ट्रिपल वी गैलरी की, जो चीन के तटवर्ती इलाके तियानज़िन के सीमा के पास डोंग जिआंग-बे के तट पर बनी है।



ये तस्वीर स्पेन स्थित ईगुज़नी इल्युमिनाज्यॉन के मुख्यालय की है। इल्यूमिनाज्यॉन नाम की इस संस्था में तकनीकी और विद्युत प्रणाली के विकास पर शोध होता है।






कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें