अंक तेरह (13)
दुनिया भर मे अंक तेरह को लेकर कई प्रकार के मिथक और भ्रम फैले हुए हैं 13 से जुड़ी हर चीज को लोग पूरी तरह से अशुभ मानते हैं। तेरह के अंक के साथ कई तरह के किस्से एवं कहानियां जुड़े हुए हैं और अंधविश्वास भी। तेरह तारीख को यदि शुक्रवार हो तो उसे और भी बेकार माना जाता है, इस दिन को फ्राईडे आॅन थर्टीन के रूप में देखा जाता है, इस दिन लोग कोई नया काम शुरू करने व कोई बड़ा फैसला लेने से कतराते हैं।अंक 13 में अनजाना भय, चेतावनी छिपी हुई है फिर भी अंक 13 को कुछ शुभ भी कहा जा सकता है। अंक 13 से प्रभावित व्यक्ति निरंतर कठिनाइयों से जूझते हुए, निरंतर संघर्ष करते हुए विजयश्री का वरण करते हैं। मानव जीवन भी एक संघर्ष है। मोक्ष प्राप्त हेतु जातक को विभिन्न योनियों से गुजरना प़डता है अर्थात् निरंतर मृत्यु से संघर्ष करते-करते ही मोक्ष प्राप्त संभव है।
तेरह के अंक को विज्ञान में भी एक फोबिया का नाम दिया गया है।
* वैसे तेरह से जुड़ी कुछ कहावतें भी हमारे देश में प्रचलन में है। मसलन, नौ नकद तेरह उधार, तीन बुलाए तेरह आए दे दाल में पानी, तीन में न तेरह में। इसके अलावा एक और राजस्थानी में कहावत है तीन-तेरह कर देना अर्थात् परेशान करना या बनाया काम बिग़ाड देना या फिर किसी का नुकसान कर देना।
* संयोग की बात यह भी यह है कि ताश के पत्तों में एक रंग के तेरह ही पत्ते होते हैं। अगर इक्के से गिना जाए तो तेरहवां पत्ता बादशाह और दुग्गी से गिना तो तेरहवां पत्ता इक्का होता है। 13 के अंक के सभी के लिए अपने-अपने मायने हैं।
* अधिकांश लोग आज भी तीन तेरह के भय से अंक तेरह को पश्चिमी सभ्यता में सामान्य रूप से सभी स्थानों पर अनलकी नंबर घोषित किया है।
* चौदहवीं शताब्दी के शुरूआत से अंक तेरह को एक बैडलक नंबर के तहर जाना गया।
* वैसे 13 को अपशकुनी मानने का प्रचलन भारत में भी है। 13 का डर यहां भी कम नहीं है। यदि किसी चंद्र पंक्ष में 13 दिन (तिथि क्षय के कारण) रह जाएं तो वह पक्ष अशुभ माना जाता है।
* इसी प्रकार किसी वर्ष में 13 महीनें हो जाएं अर्थात् अधिक मास आए तो अधिक मास को भी शुभ नहीं माना जाता है लेकिन आत्म कल्याण अर्थात् मोक्ष की चाह रखने वालों हेतु, यह पुरूषोत्तम मास शुभ है।
* महाभारत का 13 दिन तक का युद्ध तो कौरवों के पक्ष में रहा लेकिन फिर पांडवों का पल़डा भारी होने लगा।
* जैन धर्म में भी आचार-विचार एवं व्यवहार की शिथिलता बढ़ने लगी तो आचार्य भिक्षु ने तेरह साधु एवं तेरह श्रावकों के साथ तेरापंथ की स्थापना की। प्रारंभ में इन्हे भी विरोधियों का सामना करना प़डा लेकिन वर्तमान में तेरापंथ, जैन धर्म संप्रदाय के रूप में विख्यात है।
* ईसा मसीह ने भी अपने 13 शिष्यों के साथ जिस दिन भोजन किया, वही उनके जीवन का अंतिम दिन था लेकिन उसके तीन दिन पश्चात् ही वे पुन: जीवित हो उठे अर्थात् 13 सदस्यों के साथ भोजन कर कुछ प्रसिद्धि हेतु जीवन संघर्ष कराया फिर तीन दिन पश्चात् ही उनकी प्रसिद्धि प्रारंभ हुई। ईसा मसीह को सूली पर चढ़ाने से पहले उनके आखिरी भोजन में कुल तेरह लोग शामिल हुए थे, जिसके बाद कुछ पुराने चर्चों ने इसे मनहूस करार देकर वर्जित मान लिया।
* इतना ही नहीं पश्चिम देशों में होटलों में तेरहवीं मंजिल नहीं होती है। होटलों में तेरह नम्बर का कमरा भी नहीं होता। इतना ही नहीं हवाई जहाज में तेरह नम्बर की पंक्ति भी नहीं होती।
* पश्चिमी देशों में 13 तारीख के अंक को इतना अशुभ व दुर्भाग्यशाली माना जाता है कि इस साल 13 सितम्बर (2013) को अंधविश्वास को नकारने के लिए डिफाय सुपरस्टिशन डे मनाते हैं।
* अंक तेरह का प्रतीक, यह एक नर कंकाल है जिसके हाथ में हसिया एक धारदार हथियार है और वह किसानों की फसलों को काटकर उनका नुकसान कर रहा है, इसलिए इसे एक बुरा संकेत माना गया है, अंक तेरह को लेकर लोगों में एक अनजान सा भय रहता है।
* अटल बिहारी वाजपेयी के जीवन से भी 13 का गहरा संबंध रहा। अटल बिहारी वाजपेयी 1996 में जब पहली बार प्रधानमंत्री बने थे तो उनका कार्यकाल मात्र 13 दिन का ही रहा था। इसके बाद 1998 में जब वे दोबारा प्रधानमंत्री बने तो 13 तारीख को ही शपथ ली। दूसरा कार्यकाल भी तेरह माह का रहा। यह भी संयोग है कि सहयोगी दलों की संख्या भी तेरह ही थी। और उनके सहयोग से उन्होंने तेरहवें प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली थी। इतना ही नहीं उनको पराजय भी तेरह तारीख को झेलनी पड़ी। इस तरह उनका चौथी बार प्रधानमंत्री बनने का सपना भी तेरह तारीख को ही टूटा था। इतना ही नहीं वाजपेयी के कार्यकाल में तथा भाजपा के समर्थन में राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम ने भी तेरहवें राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली थी।
* विब्सटन चर्चिल का जीवन भी अनिश्चितताओं से भरा रहा।
* वीर दुर्गादास का जन्म भी 13 अगस्त को हुआ। पिता ने दुर्गादास व उनकी पत्नी को निकाल दिया अर्थात् बचपन में पिता का साथ नहीं मिला और फिर कालांतर में अपने स्वामी की रक्षा हेतु कितना संघर्ष करना प़डा। अपने स्वामी को राजसिंहासन दिला दिया लेकिन स्वामी से इस सेवक का रिश्ता अच्छा नहीं रहा। अंतिम दिनों में उसे स्वामी से अलग स्वैच्छिक रूप से होना प़डा। वहीं 22 तारीख को मृत्यु हुई अर्थात् जन्म व मृत्यु पर 4 का प्रभाव हावी रहा। इनका लक्ष्य राज दिलाना भी पूर्ण हुआ।
* रचनाकार रांगेय राघव, साहित्यकार चंद्रधर शर्मा गुलेरी और संगीतकार जयकिशन की पुण्यतिथि 13 सितम्बर को ही आती है। वीर दुर्गादास का जन्म 13 तारीख को ही हुआ था। प्रसिद्ध गायक किशोर कुमार का निधन भी तेरह तारीख को ही हुआ था।
* मुम्बई में दो प्रमुख आतंकी हमलों के लिए भी 13 तारीख का ही चयन किया गया था।
* क्रिकेट की दुनिया में 13 का अंक बेहद ही अशुभ माना जाता है। शायद ही कोई खिलाड़ी होगा जो 13 नम्बर की टीशर्ट पहनता है। इसके अलावा 13 पर आउट होने वालों की फेहरिस्त भी खासी लम्बी है। 13 पर आउट होने के पीछे एक बहुत बड़ा मनोविज्ञान है। खिलाड़ी इस स्कोर पर पहुंचते खुद को असुरक्षित महसूस करता है और जल्दी से इसे पार पाने के प्रयास में आउट हो जाता है।
* अत: 13 अंक का भय एक अनावश्यक तथ्य है। सत्य तो यह है कि आप 13 के अंक से खेलना शुरू करें और कुछ दृढ़ निश्चय एवं लक्ष्य रखकर, अंतिम क्षण तक संघर्ष करें, आपकी जीत सुनिश्चित है।
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