गुरुवार, 4 जनवरी 2018

आधुनिक इंजीनियरिंग की 10 ऐसी कृतियां जो उत्कृष्टता की मिसाल हैं

आधुनिक इंजीनियरिंग की 10 ऐसी कृतियां जो उत्कृष्टता की मिसाल हैं

मनुष्य अपने अस्तित्व में आने के बाद से ही किसी-न-किसी वस्तु का आविष्कार और खोज करता रहा है ताकि, वह अपनी और अपनी आगे आने वाली पीढ़ियों के लिए एक बेहतर और सुगम संसार का निर्माण कर सके। जब बात इंजीनियरिंग या अभियांत्रिकी की आती है, तो हम देखते हैं कि किस प्रकार मनुष्य ने एक से बढ़कर एक इमारतें और ढांचों का निर्माण किया है. यहां हम आपके समक्ष आज कुछ ऐसे ही बेहतरीन और जबर्दस्त इंजीनियरिंग के मार्फ़त खड़े किए गए पुल, रेलवे, स्पेसक्राफ्ट, सुरंगें और ऐसी गगनचुंबी अट्टालिकाएं का जिक्र करने जा रहे हैं, जिन्हें देखने के बाद आप ख़ुद ही कहेंगे। जहांपनाह, तुस्सी ग्रेट हो. तोहफ़ा क़बूल करो...

1. अकाशी कायको पुल

इस जबर्दस्त कृति को पर्ल पुल भी कहा जाता है, आधुनिक इंजीनियरिंग का यह बेजोड़ नमूना है. यह पुल जापान में स्थित है. इस पुल में कोई पिलर नहीं है और यह दुनिया का केबल के सहारे खड़ा रहने वाला सबसे बड़ा पुल है.1,991 मीटर अर्थात् (6,532 फीट) का स्प्रिंग की मदद से टिका हुआ पुल सन् 1998 में बन कर तैयार हुआ था. अकाशी स्ट्रेट के ऊपर बना यह पुल कोबे शहर को होंशु वाया इवाया को अवाजी द्वीप से जोड़ता है. यह पुल होंशु-शिकोकु राजमार्ग का हिस्सा है।

2. मिलाउ वायाडक्ट

फ्रांस के दक्षिणी भाग में स्थित यह पुल या सेतु तारों के सहारे से टिका हुआ पुल है. यह सेतु पूरी दुनिया का सबसे बड़ा सेतु है, जहां एक स्तंभ की ऊंचाई 343 मीटर अर्थात् (1,125 फीट) तक की है. अब आप कल्पना करिए कि इस पुल से आस-पास और नीचे का नज़ारा कैसा लगता होगा. यह पुल सन् 2004 में बन कर तैयार हुआ था. इस पुल को सन् 2006 में IABSE Outstanding Structure Award भी मिल चुका है, जो ख़ुद में ही इसे विशेष बनाता है.

3. यूएसएस जॉर्ज एच. डब्ल्यू. बुश (सीवीएन-77)

यूएसएस जॉर्ज एच. डब्ल्यू. बुश के निर्माण की शुरुआत सन् 2001 में हुई था और यह सन् 2009 में बन कर तैयार हुई थी. इसकी लागत 6.2 बिलियन डॉलर आई, अर्थात् 6.2 अरब डॉलर. अब आप रुपयों में ख़ुद ही अनुमान लगा लीजिए. यह वर्जिनिया के नोरफोक नेवल स्टेशन पर खड़ी रहती है. इसकी लंबाई 1,092 फीट है जो लगभग 100,000 टन जल का विस्थापन करती है, जो इसे दुनिया का सबसे बड़ा युद्धक बेड़ा बनाती है (हालांकि यह यूएसएस इंटरप्राइज से कुछ छोटी है) मगर इसमें कई ऐसी नई तकनीकों को इस्तेमाल किया गया है जो पहले कभी नहीं इस्तेमाल हुए हैं. इसकी अधिकतम स्पीड 30 नॉट है और इस पर दो न्यूक्लियर रियेक्टर भी हैं. और इस बेड़े की सबसे ख़ास वजह यह है कि, एक बार इंधन भरा लेने के बाद इसे 20 वर्षों तक बिना किसी इंधन के चलाया जा सकता है. है न हैरत वाली बात?

4. उत्तर यूरोपीय गैस पाइपलाइन

यूरोप के उत्तरी भाग में स्थित यह समुद्र के बीच से जाने वाली गैसीय पाइपलाइन रूस के वाइबोर्ग से शुरु होकर जर्मनी के ग्राइफ्सवाल्ड तक जाती है. समुद्र के भीतर सो होकर गुजरने वाली यह दुनिया की सबसे बड़ी गैसीय पाइपलाइन है, जो लैंगेल्ड पाइपलाइन को पीछे छोड़ देती है. इस प्रोजेक्ट में दो समानांतर पाइपलाइनें बिछी हैं. पहली लाइन मई 2011 से बिछनी शुरु हुई और नवम्बर 2011 में बन कर तैयार हो गई, वहीं दूसरी लाइन अक्टूबर 2011 से ही शुरु हो कर 2012 तक शुरु कर दी गई. 1,122 किलोमीटर की यह गैसीय पाइपलाइन इंजीनियरिंग और मनुष्य के अदम्य इच्छाशक्ति का सबसे बेहतरीन नमूना है.

5. बीजिंग का राष्ट्रीय स्टेडियम

बीजिंग राष्ट्रीय स्टेडियम दुनिया का सबसे बड़ा इस्पातिक निर्माण है. इसे बर्ड नेस्ट अर्थात् चीड़िया का घोंसला भी कहते हैं. यह ढांचा स्टेडियम के बजाय किसी कलाकार की नुमाइश ज़्यादा लगती है. स्विट्ज़रलैंड के वास्तुकारों जैक्स हेरजॉग और पियरे दे म्यूरॉन द्वारा बनाई गयी इस कृति को सन् 2008 में चीन में सम्पन्न हुए ओलम्पिक्स और पैरालम्पिक्स के लिए बनाया गया था.

6. बाइलौंग एलिवेटर

यह एलिवेटर दुनिया का सबसे ऊंचा और भारी एलिवेटर कहा जा सकता है, जिसे किसी बिल्डिंग या इमारत के इतर इस्तेमाल किया जाता है. बाइलौंग एलिवेटर एक ग्लास एलिवेटर है जो एक भारी चोटी पर लगा है जो चीन के झांगझियाजी इलाके में स्थित है. यह 330 मीटर अर्थात् 1,070 फीट ऊंची लिफ़्ट जिससे बेहतरीन नज़ारे दिखते हैं को नीचे से ऊपर जाने में मात्र दो मिनट लगते हैं. हंड्रेड ड्रैगन एलिवेटर के नाम से मशहूर इस लिफ़्ट को 1999 से 2002 के बीच निर्मित क्या गया था. यह एलिवेटर एक बार में 50 लोगों को ढो सकता है. जो दिन भर में कम से कम 18,000 लोगों को ढोता है.

7. पाम द्वीप

आधुनिक इंजीनियरिंग की सबसे ग़ज़ब सफ़लता के तौर पर चर्चित यह द्वीप मानव द्वारा निर्मित सबसे बड़ा द्वीप है, जिसे संयुक्त अरब अमीरात के दुबई में बनाया गया है. इस कृत्रिम द्वीप पर 1500 विला हैं, और सारे के सारे कृत्रिम समुद्री तटों पर स्थित हैं. इन द्वीपों को पाम जूमैरा, पाम जेबेल अली और पाम दाइरा के नाम से जाना जाता है. यहां पेश नज़ारा आसमानी है तो कल्पना कीजिए वहां ज़मीन का वास्तविक नज़ारा कैसा होगा.

8. यूरोटनल (यूरोसुरंग)

मानव द्वारा निर्मित इस इंजीनियरिंग के दिलचस्प और अद्भुत निर्माण के बारे में जान कर आप दंग रह जाएंगे. यह सुरंग इंग्लैंड और फ्रांस को जोड़ती है. दिलचस्प तो यह कि यह सुरंग जल के बीच से होकर गुजरती है. इस सुरंग की लम्बाई 31 मील है, जिसका 23 मील हिस्सा जल के भीतर है. है न कितनी अद्भुत बात!

9. थ्री गॉर्गेस बांध

थ्री गॉर्गेस डैम एक हाइड्रोइलेक्ट्रिक डैम है जो चीन के यांगत्ज़े नदी पर बनाया गया है. थ्री गॉर्गेस डैम इस दूनिया का सबसे बड़ा पावर स्टेशन है जिसकी क्षमता (22,500 मेगावॉट) तक बिजली उत्पादन की है. इस डैम से न सिर्फ़ बिजली का उत्पादन होता है बल्कि, इसे बड़े जहाजों के ठहराव और बाढ़ से बचाव व नियंत्रण हेतु भी इस्तेमाल किया जाता है. इस बांध का निरमाण 1994 में शुरु हुआ था और इसे 2008 में व्यवसायिक रूप से इस्तेमाल हेतु शुरु कर दिया गया.

10.पैन स्टार्स

पैन स्टार्स Pan- STARRS का एक्रनिम Panoramic Survey Telescope & Rapid Response System है. हवाई विश्वविद्यालय के खगोलिय इंस्टीट्यूट के लिए निर्मित इस मशीन को गर एक बड़ा डिजिटल कैमरा कहा जाए जिससे पूरे आसमान व अंतरिक्ष की तस्वीरें खींची जा सकती है. इसमें छोटे-छोटे कई आईने लगे हुए हैं. इसे गर एक बड़ी और जबरदस्त दूरबीन कहें तो अतिशयोक्ति नहीं होगी. इसका मुख्य काम पृथ्वी की तरफ़ आने वाले धुमकेतुओं और अंतरिक्ष से आने वाले खतरों के प्रति मानव को आगाह करना है. इसकी मदद से ही हम पृथ्वी पर से ही आकाशगंगा में चल रही गतिविधियों का सटीक आकलन कर सकते हैं.

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