गुरुवार, 18 जनवरी 2018

अंक - 7 (सात) (Number Seven)

अंक - सात (7) (Number Seven)

सभी अंकों का अपना महत्व है किन्तु '7' अंक की महत्ता प्राचीन काल से ही महत्त्वपूर्ण है। अंक ‘7’ को भाग्यशाली, सुखदाता, समृद्ध, सफलता और प्रसन्नता देने वाला माना गया है। इसका कारण संभवत: यह होगा कि संसार के अनेक महत्वपूर्ण और प्रसिद्ध तथ्यों के साथ 7 का अंक जुड़ा हुआ है। यदि आपसे 1 से 10 के बीच का एक नंबर चुनने को कहा जाए तो किसे चुनेंगे ? मनोवैज्ञानिक शोध कहते हैं कि ज्यादातर लोगों का जवाब 7 होता है। आम समाज में कोई न बहुत नीचे रहना चाहता है, न सबसे ऊपर। परीक्षा में सौ फीसदी अंक कम आते हैं, जबकि 70-80 फीसदी सर्वाधिक। इसका अर्थ है आप औसत से कुछ ऊपर की योग्यता रखते हैं। यह है मनोविज्ञान की बात, लेकिन अंक सात कई वजहों से ख़ास है, जानिए क्यों।

इन्द्रधनुष के सात रंग :-
बारिश के बाद सूर्य का प्रकाश (धूप) आने पर कई बार आसमान में रंगों का प्रतिबिंब दिखाई देता है। इसके बाहरी हिस्से में लाल, भीतरी हिस्से में बैंगनी रंग दिखता है। कभी-कभी एक इंद्रधनुष के पीछे दूसरा भी नज़र आता है, जिसमें रंगों का क्रम उलट जाता है। लाल-बैगनी के अलावा इंद्रधनुष के अन्य रंग हैं, नारंगी, पीला, हरा, नीला और इंडिगो। थॉमस यंग ने 1804 में इंद्रधनुष को सबसे पहले परिभाषित किया था।

* सूरज के रथ में घोड़ों की संख्या भी सात बताई गयी है जो सूर्य के प्रकाश से मिलने वाले सात रंगों में प्रकट होते हैं। आकाश में इंद्रधनुष के समय वे सातों रंग स्पष्ट दिखाई देते हैं।

* वैज्ञानिकों के अनुसार मनुष्य की आंख केवल सात रंगों की ही पहचान कर सकती है।

विश्व के सात आश्चर्य :-
दुनिया के सात आश्चर्य तो हमेशा से ही सभी की जिज्ञासा का केंद्र रहे हैं। प्राचीन आश्चर्यो में मिस्र में गिजा के विशाल पिरामिड, बेबीलोन के हैंगिंग गार्डन, ओलंपिया में ज्यूइस की मूर्ति, आर्टिमिस का मंदिर, रोडस का कॅलसस, एलेक्जेंड्रिया का लाइट हाउस और हलीकार्नसस का मॉसोलियम है।

यूनेस्को की नई सूची में मैक्सिको का चेचेन इत्जा, ब्राजील के ′रियो डि जनेरियो′ में स्थित 130 फुट ऊँची ′क्राइस्ट द रिडीमर′ प्रतिमा, रोम (इटली) का कोलोसियम, 2000 साल पुराना जॉर्डन का पेट्रा शहर, आगरा का ताजमहल, चीन की दीवार, दक्षिण अमरीका में एंडीज पर्वतों के बीच स्थित माचू पिच्चू शहर और मध्य अमेरिका में स्थित चिचेन इत्जा इसमें शामिल किया गया है।

सात समुद्र (महासागर) :-
दुनिया में महासागरों की संख्या भी 7 ही है। यह सात महासागर हैं - उत्तरी प्रशांत महासागर, दक्षिणी प्रशांत महासागर, उत्तरी अटलांटिक महासागर, दक्षिणी अटलांटिक महासागर, हिंद महासागर, दक्षिणी महासागर और आर्कटिक महासागर।

फ़िल्म 'तकदीर' का गीत सात समंदर पार से, गुडियों के बाज़ार से अच्छी-सी गुडिया लाना.. पापा जल्दी आ जाना.. सुपरहिट हुआ।

विश्व के 7 महाद्वीप :-
विश्व के महाद्वीपों की बात करे तो इनको भी 7 महाद्वीपों में बाँटा गया है जिनमें अफ़्रीका, अमेरिका उत्तर, अमेरिका दक्षिण, आस्ट्रेलिया, एशिया, अंटार्कटिका एवं यूरोप।

सात सद्गुण और सात दुर्गुण
कई संस्कृतियों में मनुष्य के सद्गुणों और दुर्गुणों की संख्या भी 7 ही बतायी गयी है। मनुष्य के इन 7 सद्गुणों को दो भागों में बाँटा गया है, जिनमें से पहले चार ग्रीक से लिये गये हैं। इन चारों को हम प्रत्येक समाज में लागू कर सकते हैं - विवेक, न्याय, संयम और साहस, जबकि 3 धार्मिक सद्गुण ईसाई धर्म से लिए गए हैं - दयालुता, विश्वास, आशा।

* महान दार्शनिक दांते ने भी अपनी प्रसिद्ध रचना “दि डिवाइन कॉमेडी” में मनुष्य के 7 सद्गुण-दुर्गुण का उल्लेख किया है, जो कि निम्नलिखित हैं :-
सात सद्गुण - विनम्रता, उदारता (प्रशंसा), क्षमाशीलता, परिश्रम, दयालुता, संयम, पवित्रता।
सात दुर्गुण - ईर्ष्या, क्रोध, आलस्य, लालच, भोग, आसक्ति, कामुकता।

* प्राचीन ग्रंथ पंचतंत्र के अनुसार संसार में सात प्रकार की बुराइयां हैं।

* ग्रंथो के अनुसार इंसान में बुराइया भी सात प्रकार की होती है।

सेवन इयर इच
इस मुहावरे को 1899 में गढ़ा गया था। माना गया कि विवाह के सात वर्ष के उपरांत दांपत्य में नीरसता आ जाती है। मशहूर एक्ट्रैस मर्लिन मुनरो की फ़िल्म सेवन इयर इच काफ़ी चर्चित रही। हालांकि दांपत्य में नीरसता का यह समय अब दस वर्ष कर दिया गया है।

* प्रसन्नता प्रकट करने के लिए वह कह उठता है कि वह सातवें आसमान पर पहुंच गया है।

* भाषा की बात करें तो गलती हो जाने पर, माफी देने की सूरत में सात खून ही माफ़ किए जाते हैं और उलाहना देने की नौबत आने पर कहा जाता है कि डायन भी सात घर छोड़कर वार करती है।

सात अंक के कुछ जाने माने महत्व

* 7 दिनों में संसार की रचना - सभी धर्मों में अंक सात को जड़ अंक माना जाता है। क्योंकि ईश्वर (भगवान) ने संसार (धरती) की रचना सात दिनों के भीतर की थी।

* भगवान के सिंहासन को जिन पवित्र आत्माओं ने घेरा हुआ है उनकी संख्या भी सात है और भगवान की प्रार्थना के सात भाग हैं।

* भगवान की प्रार्थना करने लिए भी सात तरीके बताये गए है जिन तरह से भगवन की प्राप्ति की जा सकती है।

* 7 परिक्रमा

* 7 गुण (विश्वास, आशा, दान, निग्रह, धैर्य, न्याय, त्याग)

* 7 पाप (अभिमान, लोभ, क्रोध, वासना, ईर्ष्या, आलस्य, अति भोजन)

* 7 उपहार आत्मा के (विवेक, प्रज्ञा, उपदेश, भक्ति, ज्ञान, शक्ति, ईश्वर का भय)

* शरीर में ऊर्जा के 7 केंद्र माने गए हैं। इन केंद्रो को चक्र कहा जाता है। इनके नाम हैं - मूलाधार, स्वाधिष्ठान, मणिपुर, अनाहत, विशुद्ध, आज्ञा और सहस्रार चक्र। ये चक्र ही हमें जीवनदायिनी शक्ति प्रदान करते हैं।

* स्नान के भी सात प्रकार बताये जाते हैं - मन्त्र स्नान, मौन स्नान, अग्नि स्नान, वायव्य स्नान, दिव्य स्नान, मसग स्नान और मानसिक स्नान।

* सुबह सवेरे सात पदार्थों के दर्शन।

* ह्वयू. एस. वैज्ञानिक अध्ययन के अनुसार मनुष्य के सोने की अवधि आम तौर पर 7 घंटा है।

* नेटबॉल, हैंडबॉल और वाटर पोलो में हमेशा 7 खिलाडी होते हैं।

* जीवन की सात क्रियाएँ अर्थात - शौच, दंत धावन, स्नान, ध्यान, भोजन, भजन और शयन।

* शरीर में सात प्रकार की धातुएँ हैं - रस, रक्त, मांस, मेद (वसा), अस्थि, मज्जा एवं शुक्र।

* सात का अभिवादन अर्थात - माता, पिता, गुरु, ईश्वर, सूर्य, अग्नि और अतिथि।

* तंत्र ग्रन्थों में भी वेद, वैष्णव, शैव, अक्षिण, बाम, सिद्धान्त एवं कुल ये 7 आचार बताये गये हैं।

* 7 तंत्र-मंत्र

शादी में सात फेरे

* भारतीय संस्कृति (हिन्दू धर्म) एवं परम्परा में अग्नि (अग्रि) के 7 फेरे और 7 वचन लेने के बाद ही विवाह (शादी) की रस्म पूर्ण होती है, और पति-पत्नी कम से कम 7 जन्मों तक एक दूसरे का साथ निभाएंगें ऐसी कल्याणोक्ति हर कोई देता है। मान्यता है कि 7 फेरे जीवन की पूर्णता को दर्शाते हैं। इसमें जप, तप, व्रत, नियम, दान, कर्म एवं स्वाध्याय, ये 7 बिंदु ही विवाह परंपरा को पूरा करते हैं।

शास्त्रों में सप्तपदी नाम से वर्णित सात फेरों (7 Digit Secret) को विवाह में बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। पहला फेरे का वचन भोजन से जुडा होता है। दूसरे फेरे का वचन शक्ति, आहार, संयम औ वैवाहिक जीवन से जुड़ा होता है। तीसरे फेरे का वचन धन से जुड़ा होता है। चौथे फेरे का वचन आत्मिक सुख, पांचवां फेरा पशुधन संपदा और अंतिम सातवा फेरा दोनों जोड़े ताउम्र एक साथ चलने का वचन होता है। इन सातों फेरे के वचन दिलाने के बाद ही शादी संपन्न मानी जाती है।

* गीता में 700 लोक हैं तथा कृष्ण की बाँसुरी में 7 स्वर बताये गये हैं।

* भारतीय शास्त्रीय नृत्य को भी 7 श्रेणियों में विभाजित है - ओडिसी, कत्थक, कथकली, कुचीपुड़ी, भरत नाट्यम, मणिपुरी एवं मोहिनी अट्टम ये सात नृत्य हैं।

धर्म में 7 का स्थान :-

* संसार में सात मुख्य धर्म और उनके ग्रंथ हैं। हिंदुओं के वेद, जैविकों के अंग, बौद्धों के त्रिपिटिक, ईसाइयों की बाईबल, मुसलमानों की कुरान, चीनियों की पंच राजा और सिखों का ग्रंथ साहिब।

* बाईबल की एक प्रसिद्ध कहानी के नायक सैमसन के विवाह का कार्यक्रम सात दिन तक चला था। सैमसन ने अपनी अपार शारीरिक शक्ति का रहस्य अपनी पत्नी को सातवें दिन बताया था कि शक्ति उसके बालों में है। उसके बालों को काटने से पहले सैमसन को सात डायनों ने जकड़ रखा था। सैमसन के बालों के साथ गुच्छे काटे गए थे जिससे उसकी अपार शक्ति का नाश हो गया था।

* ईसाई धर्म के भी अंक 7 को महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त है। मदर मेरी के दुखों की संख्या सात थी। ईसा मसीह की पहचान करने वाले यूनान के संत सात थे। ईसा मसीह ने अंतिम शब्द सात बोले थे। बाइबिल में आप सात चर्च के बारे में पढ़ेंगे।

* जुडाइज्म में 7 को 'टौराह' का संकेत मानते हैं, जो आध्यात्मिकता और सृजन का एकीकरण है।

* प्रत्येक 7 साल में 7 बार मुबारक दिन (योवेल) आता है।

* डेविड जीस का सातवां बेटा है।

* ब्रेस्लोव परंपरा में 'द 7 कैंडेल्स' की संकल्पना है, जिसमें चेहरे के सात अंग - 2 आंख, 2 नासिकाएं, 2 कान और 1 मुंह को रखा गया है।

* इस्लाम धर्म में 7 जमीन और 7 आसमान की परिकल्पना है। इस्लाम के पवित्र ग्रंथ कुरान में भी सात स्वर्गों के बारे में बताया गया है।

* सूर-ए-फातिहा की 7 आयतें हैं।

* बौद्ध धर्म में मनुष्य के जीवन को दुखों का घर कहा गया है। महात्मा बुद्ध ने दुखों की संख्या सात बताई है।

* जापान के लोगों के अनुसार प्रसन्नता और सौभाग्य (सुख समृद्धि) के देवताओं की संख्या सात है। 

* स्काटलैंड में प्राचीन मान्यता के अनुसार सातवें बच्चे, यदि वह लड़की हो, उसके अंदर अपार शक्ति आ जाती है जिसके बल पर वह बड़ी से बड़ी और भयानक बीमारी का इलाज कर सकती है।

हिन्दू धर्म और वेद पुराण में सप्त संख्या का महत्त्व :-

* सप्त ऋषि :- आकाश में जो सप्तर्षि तारा मण्डल नज़र आता है वे सात ऋषियों (सप्तर्षि) के नाम पर है जो ब्रह्मा के मानस पुत्र कहलाते हैं जिनके नाम इस प्रकार हैं - (1) मरीचि, (2) अंगिरा, (3) अत्रि, (4) पुलद, (5) केतु, (6) पुलस्त्य और (7) वशिष्ठ।

* हिंदू धर्म में 7 ऋषियों की परिकल्पना है।
ऋषियों को 7 श्रेणियों में बाँटा गया है ब्रम्हर्षि, देवर्षि, महर्षि, परमर्षि, काण्डर्षि, ऋतुर्षि तथा राजर्षि।

* गोत्र विश्वामित्र, जमदग्नि, भारद्वाज, गौतम, अत्रि, वशिष्ठ, कश्यप इन सप्त ऋषियों और आठवें ऋषि अगस्त्य की संतानों को गोत्र कहते है।

* विष्णु पुराणों अनुसार सातवें मन्वन्तर में सप्तऋषि इस प्रकार रहे हैं - वसिष्ठ, कश्यप, अत्रि, जमदग्नि, गौतम, विश्वामित्र और भारद्वाज। जीवन के हर छड़ मे आशीर्वाद प्रदान करने वाले ऋषि भी सात।

 * शिव पुराण की रचनाओं को 7 खण्डों में बाँटा गया है तथा वेदों के प्रथम प्रवक्ता के रूप में व्यास, भेल, कण्व, वशिष्ठ, सुश्रुत, ऋतुपर्ण और जैमिनी यह सात ऋषि बताये जाते हैं।

* तुलसीदास कृत रामचरितमानस को भी 7 खण्डों में बाँटा गया है - बालकाण्ड, अयोध्या काण्ड, अरण्य काण्ड, किष्किन्धा काण्ड, सुन्दर काण्ड, लंका काण्ड उत्तर काण्ड में भारतीय धर्म एवं दशन का प्रतिपादन किया गया है।

* सप्त (सात) छंद :- (1) गायत्री, (2) वृहत्ती, (3) उष्ठिक, (4) जगती, (5) त्रिष्टुप, (6) अनुष्टुप और (7) पंक्ति।  

* सप्त (सात) योग :- (1) ज्ञान, (2) कर्म, (3) भक्ति, (4) ध्यान, (5) राज, (6) हठ, (7) सहज।

* सप्त (सात) भूत :- (1) भूत, (2) प्रेत, (3) पिशाच, (4) कूष्मांडा (कूष्माण्डा), (5) ब्रह्मराक्षस, (6) वेताल और (7) क्षेत्रपाल।

* सप्त (सात) वायु :- (1) प्रवह, (2) आवह, (3) उद्वह, (4) संवह, (5) विवह, (6) परिवह, (7) परावह।

* सप्त (सात) लोक :- (1) भूर्लोक / भू:, (2) भूवर्लोक / भुव:, (3) स्वर्लोक / स्व:, (4) महर्लोक / मह:, (5) जनलोक / जन, (6) तपोलोक / तप, (7) सत्यलोक (ब्रह्मलोक) / जप हैं।

* हम पुराणों की बात करें तो सम्पूर्ण ब्रम्हाण्ड को 7 उपरी तथा 7 निचले लोकों में विभाजित किया गया है। जिसमें सबसे उपर सत्यलोक या ब्रह्मलोक है।

* सप्त (सात) पर्वत :- (1) सुमेरु, (2) कैलाश, (3) मलय, (4) हिमालय, (5) उदयाचल, (6) अस्ताचल / हस्ताचल, सपेल? माना जाता है कि (7) गंधमादन भी है।

सप्त द्वीप (सात द्वीप) और सप्त सागर (सात समुद्र) :-
विष्णू पुराण के वर्णन में पृथ्वी सात द्वीपों में बंटी हुई हैै - (1) जम्बूद्वीप (2) प्लक्षद्वीप (पलक्ष द्वीप) (3) शाल्मलद्वीप (शालमाली द्वीप) (4) कुशद्वीप (5) क्रौंचद्वीप (6) शाकद्वीप (शंकर द्वीप) (7) पुष्करद्वीप

* शाक, क्रोग्य, शाल्मलि, गोमेद

ये सातों द्वीप चारों ओर से क्रमशः (1) लवण का सागर (2) इक्षुरस का सागर (3) सुरा का सागर (4) घृत का सागर (5) दधि का सागर (6) क्षीर का सागर (7) स्वादु (मीठे जल) का सागर के सात समुद्रों से घिरे हैं।

सभी द्वीप एक के बाद एक दूसरे को घेरे हुए हैं और इन्हें घेरे हुए सातों समुद्र हैं। जम्बु द्वीप इन सब द्वीपों के मध्य में स्थित है।

(2) दुधी (दधि) सागर (4) पायान सागर (5) मधु सागर (6) मदिरा सागर (7) लहू सागर

* 7 ताल (नैनीताल, भीमताल, नौकुचियां ताल, राम ताल, सीता ताल, लक्ष्मण ताल और सात ताल)

• सप्त पुरी (सप्त पुरियां) :- देश के सात प्राचीन नगरों को 7 पवित्रतम पुरियों की संज्ञा दी गयी है - (1) अयोध्या, (2) मथुरा, (3) माया (हरिद्वार), (4) काशी, (5) कांची (कांचीपुरम) / गया, (6) अवंतिका (उज्जयिनी / उज्जैन) और (7) द्वारका।

सप्त नदी :- (1) गंगा (2) गोदावरी (3) यमुना (4) सिंधु (5) सरस्वती (6) कावेरी (7) नर्मदा
* भारत एक आस्था का देश है। यहाँ प्राचीन काल से ही प्रकृति को विशेश महत्व प्राप्त है और देश में प्रवाहित - विपाशा (व्यास), शतद्रु (सतलुज), चन्द्रभागा (चिनाव), सरस्वती, इरावती (रावी), विस्तार (झेलम), तथा सिन्धु को 7 देव नदियों में गिना जाता है।

सप्त दिवस :- सप्ताह के सात दिन -
वर्ष एवं महीनों के काल खंडों को सात दिनों के सप्ताह में विभाजित किया गया है। सप्ताह के दिनों की संख्या भी 7 होती है। आधुनिक रोमन कैलेण्डर में सप्ताह को 7 दिन में बांटा गया है, जबकि प्राचीन समय में विभिन्न संस्कृतियों-सभ्यताओं में 3 से 8 दिन का हफ्ता माना जाता था। इसमें बाज़ार के समीकरण फिट नहीं बैठते थे। रोम में पहली बार 7 दिन का सप्ताह बनाया गया। 7 दिन के नाम सूर्य, चंद्रमा सहित पांच अन्य ग्रहों मंगल, बुध, बृहस्पति, शुक्र, शनि के नाम पर रखे गए। हालाँकि, भारतीय काल गणना में तो प्रारम्भ से ही सप्ताह को सात वारों (दिनों) में बाँटा गया है। सप्ताह के सात दिन - (1) सोमवार, (2) मंगलवार, (3) बुधवार, (4) गुरुवार, (5) शुक्रवार, (6) शनिवार, (7) रविवार।

सप्त ग्रह :- 7 ग्रह (9 ग्रहों में राहु और केतु का अस्तित्व नहीं हैं) - क़रीब 1800 ईसा पूर्व के इतिहास में भी अंक सात को वर्णन मिलता है। जिसमें सौर मण्डल में सात ग्रहों का ज़िक्र किया गया है - (1) सूर्य (2) चन्द्र (3) मंगल (4) बुध (5) ब्रहस्पति (6) शुक्र (7) शनि

• सप्त पाताल (सात पाताल) :- (1) अतल, (2) वितल, (3) सुतल, (4) तलातल, (5) महातल, (6) पाताल तथा (7) रसातल।  

नितल
गभस्तिमान

सप्त सुर - संगीत के सात स्वर :-
सात स्वरों यानी संगीत से कौन परिचित नहीं होगा और 7 स्वरों में प्रत्येक ध्वनि तथा ब्रम्हाण्ड का संगीत समाया हुआ है।

संगीत के सात स्वर (सुर)
स्वर - पूरा नाम - आधार (पशु-पक्षी)
(1) सा - षड्ज - मोर
(2) रे - रिषभ / ऋषभ् - वृषभ
(3) ग - गांधार / गंधर्व - बकरी
(4) म - मध्यम - फाख्ता / बगुला
(5) प - पंचम - कोयल / पपीहा
(6) ध - धेवत / जेवत - घोड़ा
(7) नी - निषाद - हाथी

गणित पर 7 का राज :-
* 7 है चौथा प्राइम नंबर।

* 7 माना जाता है दूसरा सबसे भाग्यशाली प्राइम नंबर।
* 7 है तीसरा ल्यूका प्राइम नंबर।

* 7 कैरॉल नंबर होने के साथ-साथ काइनिया नंबर भी है।

विज्ञान में 7 का महत्व :-
* 7 है नाइट्रोजन का एटॉमिक नंबर।

* पीरियॉडिक टेबल के 7 ग्रुप में मिलती है हैलोजन।

खगोलशास्त्र पर भी 7 का वर्चस्व :-
* सोलर सिस्टम के 7 सदस्य - सूर्य, चंद्र, मंगल, शुक्र, बुद्ध, वृहस्पति और शनि ग्रह हैं।
* उरसा मेजर समूह में भी 7 तारे हैं।
* एटलस और प्लेडियास की भी 7 पुत्रियाँ थीं।
चैलेंजर एवं कोलंबिया नासा अंतरिक्ष यान दुर्घटना में 7 अंतरिक्ष यात्री मारे गये थे।

तकनीकी में 7 का महत्व :-
* रूस से कजाकिस्तान की अंतरराष्ट्रीय डायरेक्ट फोन कॉल सेवा का कोड 7 है।
* अमेरिकन और कैनेडियन फोन नंबरों की संख्या 7 है। 
* गुणवत्ता के 7 उपकरण माने जाते हैं।
* ओएसआई मॉडलों के भी 7 स्तर होते हैं।
* किल 7 लॉजिक गेट होते हैं।

क्लासिक में 7 का महत्व :-
* रोम की 7 पहाड़ियां हैं।
* प्रगतिशील कला की 7 विधाएं हैं।
* रोमन इतिहास के 7 बादशाह हैं।

साहित्य के क्षेत्र में / कहानियों में
साहित्य के क्षेत्र में भी अंक 7 ने महत्वपूर्ण स्थान बनाया हुआ है।
* वे पुस्तकें जिन के साथ 7 का अंक जुड़ा हुआ है, बहुत प्रसिद्ध हुई हैं। इस संदर्भ में ‘सातवां आदमी’ और ‘हम सात’ का नाम लिखा जा सकता है।
* इयान फलेमिंग के जगत प्रसिद्ध जासूसी उपन्यास के नायक को 007 सीक्रेट नंबर के नाम से पुकारा जाता है जिसका असली नाम तो जेम्स बांड है।
शरलॉक होम्स (Sherlock Holmes) के जासूसी उपन्यासों के नायक जेम्स बॉन्ड (James Bond) का सीक्रेट नंबर है 007 (जीरो-जीरो-सेवन)।

* हिंदी के प्रसिद्ध कवि हरिवंश राय बच्चन की प्रसिद्ध कविता का नाम ‘सतरंगिनी’ है।
* संस्कृति के कवि कालिदास ने केवल सात कृतियों की रचना की। ये कृतियां हैं शकुंतला, मालविकाग्नि मित्र, विक्रमोर्वशी, कुमारसंभव, ऋतुसंहार और मेघदूत।  
* जान रस्किन ने ‘आर्किटैक्ट के सात लैंप’ लिखा तो कवि वर्ड्सवर्थ ने अपनी जग प्रसिद्ध कविता का नाम ‘हम सात’ रखा।
* जे. के. रॉलिंग (J. K. Rowling) की विश्वविख्यात रचना हैरी पॉटर (Harry Potter) के 7 खंड प्रकाशित हुए हैं। अंतिम व सातवाँ खंड 2007 में प्रकाशित हुआ। पहले ही दिन यू. एस. में इसकी सात मिलियन प्रतियाँ बिकीं और हैरी का जन्म भी जुलाई यानी वर्ष के सातवें माह में हुआ।

* सिंदबाद जहाजी अपनी कहानियों में सात समुद्री अभियानों पर जाता है।

* रुडयार्ड किपलिंग ने 1896 में 'दि सेवन सीज' नामक कविताओं की शृंखला रची थी, जिसे उन्होंने मुंबई को समर्पित किया।

मनुष्य के जीवन में :-
* मनुष्य के जीवन में भी सात के अंक का महत्वपूर्ण स्थान है। मनुष्य के दूध के दांत सात वर्ष की आयु में टूटते हैं।
* जीव विज्ञान के मुताबिक हर सात साल की अवधि में मनुष्य का शरीर पूरी तरह बदल जाता है। सात साल में वह एक शिशु से एक बालक में बदलता है, उसके बाद सात से चौदह की उम्र में बालक से किशोर (सुवावस्था) और फिर चौदह से इक्कीस साल की उम्र में किशोर से युवा (युवावस्था) में बदल जाता है। यह क्रम लगातार उसके युवा से अधेड़ और उसके बाद (70 वर्ष की आयु में) बूढ़े (वृद्धावस्था) हो जाने तक चलता ही रहता है।
* मनुष्य की आयु को सात भागों में बांटा गया है।

* ज्योतिष शास्त्र की शाखा अंक ज्योतिष शास्त्र अनुसार :-
दुनिया में सबसे ज्यादा अंक ज्योतिष में 7 अंक शुभ और देविया शक्ति वाला माना जाता है। ज्योतिष शास्त्र अनुसार सप्ताह में 7 दिन होते है। स्वर्ग तक जाने में 7 सीढिया मानी जाती है इंद्रधनुस में 7 रंग होते है। ज्योतिष शास्त्र अनुसार माना जाता है की पृथ्वी से भौतिक रूप में 7 ग्रह ही नज़र आते है। जिनके द्वारा ही मानव जीवन की किस्मत लिखी जाती है। मानव के अंदर 7 चक्र होते है वही 7 अंक को शिव अंक भी माना जाता है। इतने गुण होने के कारण ही अंक 7 को देविया शक्ति अंक माना गया है। यदि आपको अपने किसी कार्य में 7 अंक बार - बार नज़र आ रहा है तो ज्योतिष शास्त्र अनुसार माना जाता है की कोई देविया शक्ति जल्द ही आपकी मदद करने वाली है।

कुछ लोग अपने वाहन के लिए अथवा फोन के लिए सात का अंक लेने के लिए अपार धन खर्च करने को तैयार हो जाते हैं। किसी महत्वपूर्ण कार्य पर जाते समय यदि उनको कोई वाहन ऐसा मिल जाए जिसकी नंबर प्लेट का अंक सात हो अथवा जोड़ 14 अथवा 21 हो तो वे उसको अच्छा शगुन मानते हैं। उन्हें तब विश्वास हो जाता है कि उनको कार्य में सफलता मिलेगी।

आजकल संख्या विज्ञान बहुत प्रसिद्ध होता जा रहा है, जो लोग व्यापार अथवा किसी अन्य कार्य में अपना सर्वस्व दांव पर लगा देते हैं वे ज्योतिष पर विश्वास करते हैं। भ्रम तभी विश्वास बन जाता है जब वह तीन-चार बार सच सिद्ध होता है। अंक 7 भी संभवत: इसी कारण भाग्यशाली माना जाने लगा होगा क्योंकि जीवन के प्राय: सभी क्षेत्रों में संसार की अनेक प्रसिद्ध घटनाओं के साथ 7 का अंक जुड़ा हुआ है। वैसे भी विश्वास और श्रद्धा किसी मुक्ति को नहीं मानते।

* भारतीय संस्कृति में सात की संख्या मानव जीवन के लिए बहुत विशिष्ट मानी गई है। देखा जाए तो सात का अंक सबसे पसंदीदा और फेवरेट होने की कई वजहें हैं। सात स्वर्ग, जैसे कई कारण हैं जिससे लोगों का विश्वास सात अंक पर कुछ ज्यादा है।

शोधपत्र

अगर आप राह चलते किसी भी व्यक्ति से एक से दस के बीच में से कोई अंक चुनने को कहें तो एक तिहाई संभावना इस बात की होती है कि वह सात कहेगा। यह बात प्रयोगों से भी साबित हुई है। जून, 2015 में न्यूकैसल यूनिवर्सिटी ने ‘नंबर्स फेस्टिवल’ आयोजित किया था। इस आयोजन का उद्देश्य गणित के प्रति लोगों की समझ बढ़ाना था। यहां जब लोगों से एक से दस के बीच उनका पसंदीदा अंक पूछा गया तो एक बड़े हिस्से ने सात को चुना। इस चयन की वजह पूछने पर उनमें से ज्यादातर लोग यह बता पाने की स्थिति में नहीं थे। उन्हें बस एक अंक चुनना था और सहज प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने सात को चुन लिया। अब सवाल है कि इन आम लोगों के मन में सात के प्रति यह अनजाना झुकाव कैसे पैदा हुआ?

सात एक ऐसा अंक है जो ज्यादातर धार्मिक मान्यताओं के अनुसार शुभ या भाग्यशाली समझा जाता है और कई धार्मिक प्रतीकों, कर्मकांडों और रस्मों का हिस्सा है। यह एक बड़ी वजह मानी जा सकती है कि लोग अकसर सात के अंक को वरीयता देते नजर आते हैं. मनोवैज्ञानिक जॉर्ज ए मिलर ने सन 1956 में ‘द मैजिकल नंबर सेवेन, प्लस ऑर माइनस टू’ शीर्षक से प्रकाशित हुए एक शोधपत्र में लोगों के अंक सात चुनने की आदत का विश्लेषण किया था। उनके मुताबिक ज्यादातर लोगों को लगता है कि सात उन्हें यूं ही पसंद आ जाता है। लेकिन इस ‘यूं ही’ की बुनियाद भी शायद इसी तथ्य में है कि सात एक ऐसा अंक है जो हमसे बार-बार टकराता रहता है। यह अंक हमारी धार्मिक मान्यताओं से लेकर हमारी कहावतों तक में शामिल है। इसलिए लोगों के लिए सात का अंक चुनना हमेशा सुविधाजनक लगता है। इसलिए जाने-अनजाने वह हमें पसंद आने लगता है।

जीव विज्ञान बताता है कि इंसानी दिमाग की तात्कालिक स्मरण शक्ति इतनी ही होती है कि वह किन्हीं सात चीजों को एक समय में याद रख पाए। इसका मतलब है कि अगर किसी व्यक्ति को अलग-अलग तरह की अनगिनत वस्तुएं दिखाई जाएं तो इस बात की संभावना ज्यादा होगी कि वह उनमें से सिर्फ सात को याद रखे और उनके नाम दोहरा पाए। सन 2008 में तीन अमेरिकी न्यूरोलॉजिस्टों मिग्लॉयर, नोवारा और टिगोलो ने स्मरण शक्ति पर एक प्रयोग किया था। इससे पता चला कि दिमाग में कोई जानकारी सबसे अच्छी तरह से तब सुरक्षित होती है जब मस्तिष्क में मौजूद डेंड्राइट (सूचना इकट्ठा करने वाले विशेष तंतु) में होने वाले स्पंदनों को संख्या सात हो। दूसरे शब्दों में कहा जाए मस्तिष्क में किसी सूचना के लिए हुए सात स्पन्दनों के बाद हम उसे सबसे अच्छे तरीके से याद रख पाने में सफल होते हैं।

मनोविश्लेषकों के मुताबिक सात को चुनने के पीछे एक कारण यह भी हो सकता है कि एक से दस अंकों के बीच इसे चुनना कई परिस्थितियों में किसी भी समझदार व्यक्ति के लिए बेहद सुविधाजनक होता है। मान लीजिए आपसे आपके किसी गुण के आकलन के लिए 1-10 में से किसी अंक का चयन करने के लिए कहा जाता है। ऐसे में यदि आप पांच चुनते हैं तो वह आपको बिलकुल साधारण बना देता है। लेकिन पांच से कम किसी अंक को चुनना खुद को कमतर आंकना कहा जाएगा। वहीं दूसरी तरफ यदि आठ और नौ का चयन किया जाए तो दस के ज्यादा नजदीक होने की वजह से इनके साथ उत्कृष्टता का भाव और उससे जन्मा दबाव जुड़ा होता है। ऐसे में सात ऐसा अंक बचता है जो आपको औसत और सर्वश्रेष्ठ के बीच में बिठा देता है। सात का इतना सुविधाजनक होना भी उसके पसंदीदा अंक होने का एक कारण माना जा सकता है।

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