शुक्रवार, 12 जनवरी 2018

अमृतधारा जलप्रपात (Amritdhara Waterfalls)

अमृतधारा जलप्रपात (Amritdhara Waterfalls)
अमृतधारा जलप्रपात भारत के छत्तीसगढ़ राज्य के कोरिया ज़िले में स्थित है। सम्पूर्ण भारत में कोरिया को प्राकृतिक सौंदर्य के लिए जाना जाता है। इस ज़िले को प्रकृति ने अपनी अमूल्य निधियों से सजाया और सँवारा है। यहाँ चारों ओर प्रकृति के मनोरम दृश्य बिखरे पड़े हैं। इन्हीं में से एक ‘अमृतधारा जल प्रपात’ है, जो कि हसदो नदी पर स्थित है। यह प्रसिद्ध दर्शनीय स्थल उत्तर दिशा में स्थित है। यहाँ का दृश्य बहुत ही मनोरम है। बारिश में जल प्रपात वृहद् आकर ले लेता है। जलप्रपात के नजदीक ही कुछ रेस्ट हाउस है जो पर्यटकों के रुकने के लिए बनाया गया है। 

प्रपात की सुन्दरता
कोरिया ज़िला अपने पूरे घने जंगलों, पहाड़ों, नदियों और झरनों से भरा पड़ा है। अमृतधारा प्रपात कोरिया में सबसे प्रसिद्ध प्रपातों मे से एक है। छत्तीसगढ़ में कोरिया भारत में ब्रिटिश शासन के दौरान एक रियासत थी। अमृतधारा जल प्रपात एक प्राकृतिक झरना है, जो हसदो नदी से उत्पन्न होती है और जो महानदी नदी की सहायक नदी है। अमृतधारा प्रपात का जल 90 फीट की ऊंचाई से गिरता है। वह बिंदु जहाँ पानी गिरता है, वहाँ एक बड़ा ही प्यारा-सा बादल के जैसा माहौल चारों ओर बन जाता है, जिससे प्रपात की सुन्दरता में चार चाँद लग जाते हैं। झरना लगभग 10-15 फीट चौड़ा है।

यह झरना चिरमिरी से 17 किमी की दूरी पर स्थित है। यह झरना कोरिया जिले में आदर्श रूप से मनेंद्रगढ़-बैकंठपुर रोड पर जिला मुख्यालय बैकुंठपुर से 40 किलोमीटर की दुरी पर स्थित है। 

शिव मंदिर
अमृतधारा जलप्रपात से बिलासपुर मार्ग पर लगभग 50-60 किलोमीटर दूर कोटेश्वर नामक जगह है जहा प्राचीन मूर्तियाँ और मंदिर है जिसमे प्राचीन शिव मंदिर विष्णु मंदिर प्रमुख है। बुद्ध, गणेश, दुर्गा, शिव नंदी एवं अन्य मूर्तियाँ है। यहाँ मगर के आकार का प्राचीन शिलालेख भी है। गाँव वालो को अभी भी खुदाई के दौरान मूर्तियाँ मिलती रहती है जिसे लाकर वो मंदिर के पास रख जाते है।

वह स्थान जहां पर अमृत धारा झरना है, वहां एक प्राचीन शिव मंदिर है जो लगभग 400 साल पुराना है और कहा जाता है कि यहाँ का शिवलिंग का आकर स्वतः ही बढ़ रहा है! इस जगह के आस-पास एक बहुत प्रसिद्ध मेला हर साल आयोजित किया जाता है। मेले का आयोजन रामानुज प्रताप सिंह जूदेव, जो कोरिया राज्य के राजा थे, ने वर्ष 1936 में किया गया था। महाशिवरात्रि के उत्सव के दौरान इस जगह मे मेले का आयोजन होता है, जिस दौरान यहाँ लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ उपस्थित होती है।

पर्यटन स्थल
अमृतधारा अपनी अलौकिक छटा के लिए प्रसिद्ध है. पिकनिक व सैर-सपाटे के लिए भारी संख्या में लोग इस स्थान पर आते हैं। लोग यहाँ परिवार के साथ पिकनिक का अनुभव लेने आते है। पर्यटन स्थल तक जाने के लिए पक्की सड़क है। रैलिंग, पैगोडा रेस्ट हाउस का निर्माण भी कराया गया है। इसे देखने दूर-दूर से सैलानी प्रतिवर्ष आते रहते हैं। इस पर्यटन स्थल का ऐतिहासिक महत्व भी है। यहाँ हनुमान व भगवान शिव के मंदिर हैं, जो अपने प्रतिवर्ष लगने वाले मेलों के लिए भी प्रसिद्ध हैं।

इस जलप्रपात का पानी स्वास्थ्य की दृष्टि से लाभदायी होने के कारण इस जलप्रपात का अपना अलग महत्व है।

अमृत ​​धारा जलप्रपात कैसे पहुंचे

सड़क मार्ग से: अमृत ​​धारा जलप्रपात मनेन्द्रगढ़ से 15 किमी दूर स्थित है। रायपुर से बस और टैक्सी की सुविधा उपलब्ध है।

ट्रैन से: सबसे नज़दीकी रेलवे स्टेशन मनेन्द्रगढ़ है।

फ्लाइट से: रायपुर का स्वामी विवेकानंद एयरपोर्ट सबसे नज़दीक का एयरपोर्ट है, जो घरेलू फ्लाइट्स से अच्छी तरह जुडी हुई है।   

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