चेनानी-नाशरी सुरंग (Chenania-Nashri) जिसे पत्नीटॉप सुरंग के नाम से भी जाना जाता है, भारतीय राज्य जम्मू और कश्मीर के राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 44 (राष्ट्रीय राजमार्गों की संख्या पुनः निर्धारण से पूर्व नाम राष्ट्रीय राजमार्ग 1ए) पर स्थित एक सड़क सुरंग है।
यह भारत की सबसे लंबी सड़क सुरंग है जिसकी लंबाई 9.28 किमी (30,446.2 फीट) है। यह सुरंग 286 किलोमीटर लम्बे चार लेन के प्रस्तावित जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग का भाग है। यह एशिया की भी अपनी तरह की सबसे बड़ी सुरंग है। सबसे लंबी सड़क परिवहन सुरंग। यही नहीं यह देश की पहली पूरी तरह से एकीकृत सुरंग प्रणाली वाली सुरंग है।
इसका कार्य वर्ष 2011 में आरम्भ हुआ तथा उद्धघाटन 2 अप्रैल 2017 को किया गया। यह सुरंग इंफ्रास्ट्रक्चर लीजिंग एंड फाइनेंसियल सर्विसेज (IL&FS) लिमिटेड द्वारा रिकॉर्ड साढ़े पांच वर्षों में बनाई गई है।
सुरंग बनाने पर मूल अनुमानित लागत ₹ 2,520 करोड़ (यूएस $ 367.92 मिलियन) थी लेकिन परिवर्धित करने में कुल ₹ 3,720 करोड़ (यूएस $ 543.12 मिलियन) खर्च हुये। यह सुरंग एक प्रसिद्ध तकनीक न्यू ऑस्ट्रियन टनलिंग मेथड (NATM) का प्रयोग करके बनाई गई है।
इस सुरंग में यात्रियों और वाहनों की सुरक्षा का खास ध्यान रखा गया है। इस सुरंग से यात्रियों को जाम, भू-स्खलन और बर्फबारी से आजादी मिल जाएगी। यात्रियों की पसंद पटनी टॉप जगह इस सुरंग के ब्रेकथ्रू प्वाइंट के ठीक ऊपर है। इस सुरंग के बन जाने से दो घंटे की यात्रा में 10 मिनट में पूरी हो जाएगी। यह सुरंग चिनैनी से पत्नी टॉप के नजदीक नाशरी तक जाएगी।
एस्केप सुरंग की मदद से इमरजेंसी में निकल सकेंगे बाहर
इस सुरंग की लंबाई को देखते हुए इसमें फ्रेश हवा की व्यवस्था भी की गई है। इस सुरंग में इमरजेंसी में बाहर निकलने के लिए 29 एस्केप रूट भी बनाए गए हैं जो इमरजेंसी में ही प्रयोग होंगे। जो इंजीनियरिंग का एक बेहतरीन नमूना है। इसकी मदद से सुरंग में लैंडस्लाइड होने पर आसानी से निकला जा सकेगा। वहीं इन एस्केप रूट में जैसी कदम रखने के साथ लाइट भी खुद ही जल जाएगी। इस सुरंग में निगरानी के लिए सीसीटीवी कैमरे भी लगाए गए हैं।
मुख्य सुरंग का व्यास 13 मीटर है, जबकि समानांतर निकासी सुरंग का व्यास 6 मीटर है। मुख्य और निकासी सुरंगों में 29 स्थानों पर पार मार्ग बनाये गये हैं जो हर 300 मीटर की दूरी पर स्थिति हैं। यह देश की पहली पूर्ण रूप से एकीकृत सुरंग प्रणाली वाली सुरंग है। यह सुरंग अग्नि सुरक्षा और नियंत्रण सहित अत्याधुनिक सुविधाओं के साथ सभी सुरक्षा मानकों को पूरा करती है।
सुरंग में कई जगह क्रेन की व्यवस्था की गई है ताकि खराब गाड़ियों को फौरन हटाया जा सके। इसके अलावा मेडिकल इमरजेंसी की फैसिलिटी भी मिलेगी। यात्री सुरंग के अंदर भी अपना मोबाइल फोन उपयोग करने में सक्षम होंगे। बीएसएनएल, एयरटेल और आइडिया ने सिग्नल को चलाने के लिए सुरंग के अंदर सुविधाएं स्थापित की हैं।
दुनिया की छठी सड़क सुरंग में एबीबी सॉफ्टवेयर द्वारा सक्षम और नियंत्रित अनुप्रस्थ ट्रांसवर्स वेंटिलेशन सिस्टम है। Chenani-Nashri एक अत्याधुनिक एबीबी वेंटिलेशन प्रणाली पेश करेगी ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि इसके माध्यम से गुजरते समय उपयोगकर्ताओं तक ताज़ा हवा पहुंच रही है। चेनानी-नैशरी सुरंग, एक ट्रांसवर्स वेंटिलेशन सिस्टम के साथ, देश की पहली और दुनिया की छठी सड़क सुरंग है।
इसमें इंटिग्रेटेड ट्रैफिक कंट्रोल सिस्टम (आईटीसीएस), वीडियो निगरानी प्रणाली, एफएम रिब्रेडकास्ट सिस्टम, प्रवेश जांच-नियंत्रण प्रणाली और सक्रिय अग्निशमन प्रणाली जैसी सुविधाएं हैं। सुरंग के अंदर निगरानी के लिए 124 क्लोज-सर्किट टीवी कैमरे और एक रैखिक गर्मी का पता लगाने वाली प्रणाली, सुरंग के बाहर स्थित इंटीग्रेटेड टनल कंट्रोल रूम को सारी जानकारी देगा। यातायात उल्लंघन के मामले में, नियंत्रण कक्ष सुरंग के बाहर तैनात यातायात पुलिस को सूचित करेगा, जो मौके पर उल्लंघनकर्ताओं से निपटेंगे।
इस सुरंग में सुरक्षा के लिहाज से दो समानांतर ट्यूब बनाए गए हैं। मुख्य ट्यूब का व्यास 13 मीटर है ताक सुरक्षा ट्यूब या निकास ट्यूब का व्यास 6 मीटर है। सुरंग में हवा की आवाजाही, फर्स्ट एड बाक्स, हाट लाइन जैसी सुविधाए हैं।
कश्मीर का सफर होगा और आसान
सुरंग की सहायता से जम्मू और श्रीनगर के मध्य दूरी घटकर लगभग 30.11 किमी (98,786.1 फीट) रह गयी और यात्रा समय में दो घण्टे की कटौती हो गयी। इससे चेनानी तथा नाशरी के बीच सड़क मार्ग दूरी 41 किलोमीटर से घटकर 10.89 किलोमीटर रह जाएगी। यह चेनानी को नाशरी से उधमपुर में रामबन जिले में जोड़ती है।
पत्नीटॉप पर सर्दियों में बर्फबारी और हिमस्खलन के कारण राष्ट्रीय राजमार्ग 44 पर बाधा उत्पन्न होती थी तथा प्रत्येक शीतकाल में कई बार वाहनों की लम्बी कतार के कारण भी बाधा उत्पन्न होती थी - कई बार कई दिनों तक कतार में रहना पड़ता था। सुरंग पत्नीटॉप, कुद और बटोत को उपमार्गों से जोड़ती है जिससे राष्ट्रीय राजमार्ग 44 पर सर्दियों में ट्रैफ़िक जाम की समस्या को कम किया है।
इस सुरंग के दोनों मुख पर हल्के मोड हैं और यह सीधी बनायी गयी है। इस सुरंग के बनने से प्रतिदिन 27 लाख रुपये के ईंधन की बचत होगी। सुरंग पर प्रतिदिन 12 से 15 हजार वाहनों के आवागमन होने की संभावना है। इस पर 50 किमी की गति से वाहनों को चलने की अनुमति होगी, लेकिन किसी वाहन को बीच में खड़ा नहीं होने दिया जायेगा। सुरंग में पैदल चलने पर पूरी तरह प्रतिबंध है।
यह आपातकालीन स्थिति में इसके सामानांतर एक आपातकालीन सुरंग बनायी गयी है। इसमें प्रकाश की अत्याधुनिक तकनीक की व्यवस्था की गयी है। इसमें अग्निशमन उपकरण भी लगाये गये हैं और आपातकाल में फोन करने की व्यवस्था भी की गयी है।
इस राजमार्ग पर कुल 13 सुरंगों का निर्माण किया जा रहा है, जिसमें चार सुरंगे बन चुकी है और पांचवीं को श्री मोदी ने आज राष्ट्र को समर्पित किया। चेनानी-नाशरी सुरंग के बाद देश की दूसरी सबसे बड़ी सुरंग बनिहाल-काजीगुंड में बनायी जा रही है। यह सुरंग आठ किमी से अधिक लंबी होगी।
यह सुरंग 1200 मीटर की ऊंचाईं पर स्थित है और विश्वस्तरीय 'समन्वित सुरंग नियंत्रण प्रणाली' से लैस देश की पहली सुरंग है। इस प्रणाली के तहत वेंटिलेशन, अग्नि नियंत्रण, संकेत, संचार और बिजली व्यवस्था स्वचालित रूप से क्रियाशील हो जाएगी।
इस सुरंग से एक ओर से गुजरने के लिए बसों और ट्रकों को 190 रूपए का टोल देना होगा, जबकि दोनों से गुजरने पर 285 रूपए टोल देना होगा।
स्थिति
सुरंग निचले हिमालय परास में स्थिति है जिसकी ऊँचाई 1200 मीटर है।
सुरंग का दक्षिणी प्रवेश द्वार (अंत) 33°02′47″N 75°16′45″E / 33.0463°N 75.2793°E पर स्थित है और उत्तरी प्रवेश द्वार (अंत) का निर्देशांक 33°07′43″N 75°17′34″E / 33.1285°N 75.2928°E है।
सुरंग की खुदाई चेनानी कस्बे से लगभग 2 किमी (6,561 फीट 8 इंच) दूरी से आरम्भ हुई जो पत्नीटॉप से दक्षिण में स्थित है।
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