शनिवार, 26 जनवरी 2019

उत्तर प्रदेश (यू पी) दिवस

उत्तर प्रदेश दिवस का महत्त्व व इतिहास क्या है (24 January UP Diwas Mahatv history)

उत्तर प्रदेश (यू पी) दिवस का महत्त्व व इतिहास क्या है और क्यों मनाया जाता है (24 January, UP Diwas 2019 Significance, history) :

जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है उत्तर प्रदेश दिवस, मतलब उत्तर प्रदेश के नागरिक उस राज्य के स्थापना दिवस को या किसी खास दिन को अपने राज्य के लिए उत्साह से एक साथ मिलकर मनाईगें। भारत में कई राज्य अपने राज्य के एक खास दिन को अपनी तरह से मनाते है, जैसे मध्य प्रदेश स्थापना दिवस, राजस्थान स्थापना दिवस, बिहार स्थापना दिवस आदि। यह वह दिन होता है जिस दिन राज्य के नागरिक वहाँ की संस्कृति और पंरम्परा से फिर परिचित होते हैं और उन्हें वहाँ की आगामी योजनाओं को जानने का अवसर मिलता है। इस दिन का आयोजन वहाँ की सरकार द्वारा किया जाता है। साल 2018 से योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) सरकार ने जनवरी के महीने में उत्तर प्रदेश दिवस को मनाने की घोषणा की है। उत्तर प्रदेश में यह आयोजन सूचना विभाग, संस्कृति विभाग और पर्यटन विभाग मिलकर करेंगे।

उत्तर प्रदेश दिवस कब मनाया जायेगा  (UP Diwas 2019 Date) :

जैसा कि हम सभी को ज्ञात है उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सरकार ने कई अहम् फैसले जैसे अयोध्या में दीपावली मनाना, रामजी की बहुत बड़ी प्रतिमा स्थापित करना आदि लिए है। इसी सूची में एक फैसला और शामिल है, जिसे आगे आने वाले सालो में याद तो रखा जायेगा और मनाया भी जायेगा, वह है उत्तर प्रदेश दिवस मनाये जाने का फैसला। साल 2018 से हर साल 24 जनवरी को उत्तर प्रदेश दिवस के रूप में मनाया जायेगा।

इतिहास

राज्य को वैदिक काल में ब्रहमर्षि देश या मध्य देश कहा जाता था। मुगल काल में इसे क्षेत्रीय स्तर पर विभाजित किया गया।

विभिन्न उत्तर भारतीय वंशों 1775, 1798 और 1801 में नवाबों, 1803 में सिंधिया और 1816 में गोरखों से छीने गए प्रदेशों को पहले बंगाल प्रेज़िडेन्सी के अन्तर्गत रखा गया, लेकिन 1833 में इन्हें अलग करके पश्चिमोत्तर प्रान्त (आरम्भ में आगरा प्रेज़िडेन्सी कहलाता था) गठित किया गया। 1856 ई. में कम्पनी ने अवध पर अधिकार कर लिया और आगरा एवं अवध संयुक्त प्रान्त (वर्तमान उत्तर प्रदेश की सीमा के समरूप) के नाम से इसे 1877 ई. में पश्चिमोत्तर प्रान्त में मिला लिया गया। 1902 ई. में इसका नाम बदलकर संयुक्त प्रान्त कर दिया गया। सन 1902 में नार्थ वेस्ट प्रॉविन्स का नाम बदल कर यूनाइटेड प्रोविन्स ऑफ आगरा एण्ड अवध कर दिया गया। साधारण बोलचाल की भाषा में इसे यूपी कहा गया। सन् 1920 में प्रदेश की राजधानी को इलाहाबाद से लखनऊ कर दिया गया। प्रदेश का उच्च न्यायालय इलाहाबाद ही बना रहा और लखनऊ में उच्च न्यायालय की एक न्यायपीठ स्थापित की गयी।

24 जनवरी को उत्तर प्रदेश स्थापना दिवस क्यों मनाया जाता है (Why Celebrate UP Diwas) :

उत्तर प्रदेश के स्थापना दिवस 24 जनवरी को यादगार बनाने के लिए इस दिन को एक खास दिन कहकर मनाने का फैसला लिया गया है। इसकी एक और वजह शायद ही कुछ लोगो को पता होगा कि आजादी के पहले प्रदेश यूनाइटेड प्रोविन्स ऑफ आगरा एंड अवध के नाम से जाना जाता था। 1 अप्रैल, 1937 में इसका नाम बदलकर यूनाइटेड प्रोविंस (यूपी/ संयुक्त प्रांत) किया गया। उत्तर प्रदेश को वर्ष 1937 से 1950 तक सयुक्त प्रांत के नाम से जाना जाता था। आजादी के बाद उत्तर प्रदेश 24 जनवरी 1950 को अस्तित्व में आया जब भारत के गवर्नर जनरल ने यूनाइटेड प्राविंसेज (आल्टरेशन ऑफ नेम) ऑर्डर 1950 पारित किया। इसके तहत यूनाइटेड प्राविंसेज को उत्तर प्रदेश नाम दिया गया। इसलिए इस दिन को यादगार के रूप में मानाने का फैसला योगी सरकार द्वारा लिया गया। 

उत्तर प्रदेश दिवस का इतिहास (UP Diwas History) :

जैसे हर एक दिन के पीछे एक कहानी जुड़ी होती है, वैसे ही उत्तर प्रदेश दिवस के पीछे भी एक खास इतिहास है। आपको यह जानकर आश्चर्य होगा, कि उत्तर प्रदेश दिवस उत्तर प्रदेश से कई वर्ष पूर्व महाराष्ट्र में मनाया जाता आ रहा है। साल 1989 में 24 जनवरी को सर्वप्रथम महाराष्ट्र में उत्तर प्रदेश दिवस के रूप में मनाया गया था। इस आयोजन के पीछे अमरजीत मिश्र के भरसक प्रयास शामिल थे। उन्होंने इस दिन को उत्तर प्रदेश में मनाने के लिए भी प्रयत्न किये, परंतु उनके यह प्रयत्न सफल नहीं हुए। जब केंद्रीय मंत्री राम नाईक उत्तर प्रदेश के राज्य पाल बने, तो अमरजीत मिश्र ने अपना प्रस्ताव उनके समक्ष रखा और वे भी उनसे सहमत हो गये।

राज्यपाल ने दिया था पिछली सरकार को सुझाव

राज्यपाल राम नाईक ने सार्वजनिक मंचों से लेकर मुख्यमंत्री से मुलाकात तक में यूपी दिवस के आयोजन का मसला उठाया था। उन्होंने कहा था कि उत्तर प्रदेश को यह गौरव हासिल है कि इसकी पुण्य धरती ने नौ प्रधानमंत्री दिए हैं, लेकिन उन्हें यह अफसोस है कि प्रदेश में ही यूपी दिवस सरकारी स्तर पर नहीं मनाया जाता। उन्होंने 1 मई को मनाए जाने वाले महाराष्ट्र दिवस सहित दूसरे राज्यों की नजीर देते हुए वर्ष 2014 में तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से 24 जनवरी 2015 को यूपी दिवस के तौर पर मनाने का आग्रह किया था। हालांकि, पिछली सरकार ने इस दिशा में कदम नहीं बढ़ाया। इसके बाद जब प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की सरकार आई, उन्होंने यह बात फिर उठाई और इस बार उन्हें सफलता मिल गयी। और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस प्रस्ताव को स्वीकार कर दिया।

देश के अन्य राज्यों द्वारा स्थापना दिवस मनाये जाने का उल्लेख करते हुए नाईक ने कुछ समय पहले कहा था, ''मुझे यकीन है कि विदेश में रह रहे सभी उत्तर भारतीय उत्तर प्रदेश दिवस मनाना शुरू करेंगे। ठीक उसी तरह जैसे वे राम नवमी और जन्माष्टमी मनाते हैं।''

उत्तर प्रदेश दिवस कैसे मनाया जायेगा (How to Celebrate) :

इस कार्यक्रम में हर साल उस राज्य के मुख्यमंत्री मुख्य अतिथी होते है। इस साल मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथी होंगे। इस कार्यक्रम में प्रदेश के राज्यपाल जिनका इस कार्यक्रम को मनाने में महत्वपूर्ण भूमिका है, भी शामिल होंगे। इसके लिए कार्यक्रम की रूपरेखा बनाई जाएगी और मंत्रियों और अधिकारियों की एक समिति बनाई जाएगी। यह कार्यक्रम उत्तर प्रदेश के लखनऊ में मनाना तय हुआ है, इसी के साथ इसे उत्तर प्रदेश के अलावा अन्य राज्यों में भी मनाया जायेगा। इस कार्यक्रम के द्वारा यहाँ के लोगो को यहाँ कि सांस्कृतिक धरोहर से पहचान कराने का प्रयत्न किया जायेगा। साथ ही नये युवा वर्ग को विकास में शामिल करने का प्रयास किया जायेगा।

महाराष्ट्र में होता है आयोजन

यूपी में स्थापना दिवस मनाने की परंपरा भले ही शुरू नहीं हो पाई हो, लेकिन महाराष्ट्र में पिछले 30 सालों से इसका आयोजन हो रहा है। यूपी से गए यहां के लोगों ने 1987 में ही यूपी दिवस कार्यक्रम मनाने की नींव डाली थी। हालांकि इसको लेकर उनको बहुत बार राजनीतिक विरोध भी झेलना पड़ा। उत्तर भारतीयों को खास तौर पर निशाने पर लेने वाले राज ठाकरे की महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना ने इसका काफी विरोध भी किया था। हालांकि, आयोजनों का सिलसिला चलता रहा। यूपी का राज्यपाल बनने के बाद राम नाईक भी यूपी दिवस के कार्यक्रम में वहां बतौर मुख्य अतिथि शिरकत कर चुके हैं।

मुंबई में उत्तर प्रदेश दिवस का राज ठाकरे द्वारा विरोध :

राज ठाकरे ने मुंबई में उत्तर प्रदेश दिवस मनाने को लेकर विरोध प्रदर्शन किया था, उन्होंने साल 2009 में कहा था कि वे मुंबई में उत्तर प्रदेश दिवस नहीं मनाने देंगे। परंतु कांग्रेस पार्टी के नेता मुन्ना त्रिपाठी ने अपने विचार प्रकट करते हुए कहा था, कि हम यह आयोजन यहाँ आयोजित करेंगे और इससे मुंबई वासियों को कोई दिक्कत नही आने देंगे। उन्होंने इस आयोजन में राज ठाकरे को भी आमंत्रित किया था।

यह कार्यक्रम अँधेरी में बीएमसी मैदान पर आयोजित किया गया था, जिसमे करीबन 15000 लोग शामिल हुए थे। इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथी शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे थे। इनके अतिरिक्त अभिनेता और राजनेता राज ठाकरे, कांग्रेस प्रमुख कृपा शंकर सिंह और अभिनेता रवि शंकर ने भी इस आयोजन में शिरकत की थी।

ये राज्य मनाते हैं अपना स्थापना दिवस

यूपी पहली बार अपना स्थापना दिवस मना रहा है। इससे पहले नगालैंड, मध्य प्रदेश,  छत्तीसगढ़, बिहार, राजस्थान, ओडिशा, तमिलनाडु, पंजाब, हरियाणा, उत्तराखंड, गोवा, सिक्किम, हिमाचल प्रदेश, दिल्ली,  झारखंड और तेलंगाना राज्य अपना स्थापना दिवस मनाते हैं।

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