काले रंग का सेब (ब्लैक डायमंड एप्पल) / हुआ निय / Black Apple / बैंगनी रंग का सेब
हमारी दुनिया में अभी भी ऐसी कई चीजें हैं जिनके बारे में हम आज तक नहीं जान पाए। अभी तक के जीवन में आपने सेब तो खाया ही होगा। मार्केट में कितने वैरायटी के सेब आते हैं। दुनिया के 20 से ज्यादा देशों से अब तक 200 से ज्यादा किस्म के सेब उगाए जा चुके हैं।
फुजी एप्पल, ग्रीन एप्पल जैसे इतनी वैरायटी है जिनके नाम गिनते-गिनते रात हो जाए। ज्यादातर सेब लाल, हरा या हल्के पीले रंग के होते हैं लेकिन क्या आपको पता है सेब काले रंग के भी होते हैं। ये सेब पूरी तरह काला नहीं होता बल्कि गहरा बैगनी रंग का होता है पर दूर से देखने से यह काला ही लगता है। गहरे बैगनी रंग के इस सेब को ब्लैक डायमंड एप्पल भी कहा जाता है।
तिब्बत की पहाड़ियों पर होती है खेती
यह सेब का एक दुर्लभ प्रकार है, जो बहुत कम पाया जाता है। सिर्फ तिब्बत की पहाड़ियों (भूटान की पहाड़ियों) पर उगाया जाने वाला यह सेब अद्भुत है। यहां इसे 'हुआ नियु' के नाम से जाना जाता है। इसे चाइनीज रेड डिलिसियस भी कहते हैं। समुद्र तल से 3100 मीटर की ऊंचाई पर इसकी खेती की जाती है। यह इस तरह के सेब के लिए सबसे आर्दश जगह है। सेब उगाने वाले किसानों के लिए ब्लैक डायमंड सेब किसी रहस्य से कम नहीं है।
सिर्फ 30 फीसदी पेड़ों से लगे हैं फल
आमतौर पर सेब के पेड़ को बढ़ने में 4 से 5 साल लगते हैं और काले सेब के पेड़ को बढ़ने में 8 साल का समय लगता है और एक पेड़ में एक बार में 25 फल ही लगते हैं। एक बाग में केवल 30 फीसदी पेड़ों पर ही फल लगते हैं।
इन कारणों से कहते हैं ब्लैक डायमंड
इस सेब के अनोखे गहरे बैगनी रंग के पीछे तिब्बत के नाइंग-ची क्षेत्र की भौगोलिक स्थिति है। बता दें कि, जितनी ऊंचाई पर इसे उगाया जाता है वहां का तापमान दिन और रात में अलग-अलग होता है। दिन में सूर्य के तीव्र प्रकाश और पराबैंगनी प्रकाश / अल्ट्रा वॉयलट किरणें (UV Rays) उन्हें मिलती हैं। अल्ट्रा वॉयलट किरणों की वजह से ही इनका रंग गहरे लाल से गहरे बैंगनी रंग में बदल जाता है।
2015 से शुरू हुई है खेती
कला सेब बाहर से इतना चिकना और खूबसूरत होता है जिससे उसकी चमक दूर तक दिखती है। ब्लैक एप्पल के ताज़े फल को देखने पर ऐसा लगता है जैसे उस पर मोम (वैक्स) लगाया गया हो। इसका टेक्सचर देखने में बेहद आकर्षक होता है। ऐसा नहीं है इस किस्म के सेब की खेती बहुत दिनों से हो रही है। नाइंग-ची बगान में साल 2015 से इस सेब की खेती शुरू हुई है। तीन साल में अभी तक इसकी खेती बहुत बढिया नहीं हुई। बता दें कि चुनिंदा पेड़ों पर ही यह फल लग रहे हैं।
ये सेब हर जगह नहीं मिलता। क्योंकि इनका उत्पादन बहुत सीमित होता है। कंपनी की मार्केट डायरेक्टर यू वेंजिन कहती हैं। चीन की कंपनी Dandong Tianluo Sheng Nong E-Commerce Trade Co.(कंपनी दन्डोंग टिआलुओ शेंग नोंग ई-कॉमर्स ट्रेड) 50 हेक्टेयर जमीन में इसकी खेती करती है। इन सेबों की सबसे अधिक खपत बीजिंग, शंघाई, गुआंगजौ और शेन्जेन के सुपरमार्केट्स में 6-7 के गिफ्ट पैक में बेचा जाता है। यहाँ पर सेब किलो के हिसाब से नहीं, बल्कि प्रति सेब के हिसाब से मिलते हैं। ‘टेंसेंट न्यूज’ के मुताबिक, एक ब्लैक डायमंड सेब की कीमत 50 युआन है। यानी करीब 500 रुपये। बहुत कम उत्पादन की वजह से काले सेब का निर्यात बहुत मुश्किल होता है, जिससे इनको बहुत कम लोग ही चख पाते हैं।
बाकी दुनिया के लिए अभी भी रहस्य जैसा
ब्लैक डायमंड सेब इस फल के दूसरे खेतीहरों के लिए रहस्य की तरह है। कुछ बगान मालिकों का मानना है कि ऐसे सेब होते ही नहीं हैं। जबकि कुछ का कहना है कि सोशल मीडिया पर वायरल हो रही इन सेबों की तस्वीर असल में फोटोशॉप्ड है।
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