मंगलवार, 19 मार्च 2019

बोरिस्का किप्रियानोविच (Boriska Kipriyanovich)

रूस के एक युवक बोरिस्का किप्रियानोविच का दावा है कि वह मंगल ग्रह से धरती पर इसे बचाने के लिए आया है। उसने कभी सौर मंडल के बारे में किसी से कोई ज्ञान हासिल नहीं किया है, लेकिन इसके बावजूद उसने जो जानकारियां बताई हैं, उसे सुनकर वैज्ञानिकं और खगोलशास्त्रि भी दंग हैं।

मां ने कहा स्पेशल है यह बच्चा

बोरिस्का का जन्म 12 जनवरी 1996 में रूस के एक शहर Bolshevik में हुआ था। 
बोरिस्का प्रतिभाशाली बच्चा माना जाता है। उनकी मां पेशे से एक डॉक्टर हैं। बोरिस्का की माता बताती है कि वो कमल आसन में बैठकर उन्हें मंगल ग्रह, ग्रह प्रणाली, रहस्यमयी सभ्यताओं और अंतरिक्ष से जुड़े बाकी कई सारे रहस्यों के बारे में बताने लगता था। ये सब बातें उन्हें हैरान कर देती थी और वे सोचते थे कि आखिर इतनी छोटी उम्र में बोरिस्का को इन सब बातों का कैसे पता चला।

उन्होंने बताया कि वह जन्म के दो सप्ताह बाद ही बिना किसी मदद के अपने सिर को ऊपर उठाने लगा था। बोरिस्का की मां ने कहा कि वो एक साल की उम्र में अख़बार की हेडलाइंस पढ़ लेता था, 2 साल की उम्र में पढ़-लिख लेता था और ढाई साल की उम्र तक वो पेंटिंग करने लगा था।

दो साल की उम्र में जब वह किंडरगार्टेन में जाता था, तो उसके शिक्षक उसकी आश्चर्यजनक लेखन, भाषा की प्रतिभाओं और याददाश्त को देखकर दंग थे। वोरिस्का का दावा है कि वह पहले मंगल ग्रह का एक पायलट था, जो पृथ्वी पर भी आया था। बोरिस्का की मां और पिता का दावा है कि उन्होंने अपने बेटे को बच्चे को अंतरिक्ष के बारे में कुछ भी नहीं बताया या सिखाया है।

मगर, वह अक्सर मंगल ग्रह, ग्रहों की व्यवस्था और विदेशी सभ्यताओं के बारे में बैठकर बात करता था। उन्होंने बताया कि अंतरिक्ष के बारे में उसका इंट्रेस्ट सबसे अधिक था और वह जल्द ही वह यह दावा करने लगा था कि वह मगंल ग्रह पर पैदा हुआ था। शोधकर्ताओं ने कहा कि वह औसत बुद्धि से अधिक का शर्मीला युवक था। ग्रहों की प्रणालियों के बारे में उसके उत्कृष्ट ज्ञान को जानकर दुनिया भर के विशेषज्ञ हैरान हैं।

धरती को बचाने के लिए आया है

रूस के वोल्गोग्राड शहर में रहने वाले बोरिस्का का दावा है कि हजारों साल पहले हुए न्यूक्लियर डिजास्टर (परमाणु युद्ध) के बाद मंगल में जीवन खत्म हो गया है। मगर, अभी भी वहां कुछ लोग जिंदा बचे हैं, जो जमीन के अंदर रह रहे हैं। उसका कहना है कि धरती को बचाने के लिए उसे भेजा गया है। धरती भी उसी तरह के न्यूक्लियर डिजास्टर की तरफ आगे बढ़ रही है।

बोरिस्का की चिंता ऐसे समय में सामने आई है, जब उत्तर कोरिया और अमेरिका में तनाव बढ़ता जा रहा है। उसने कहा कि यदि उसकी चेतावनी पर ध्यान नहीं दिया गया, तो जल्द ही धरती का भी वैसा ही अंजाम होगा, जैसा मंगल ग्रह पर रहने वाले लोगों का हुआ था। उसने आगे कहा कि मंगल ग्रह के लोग जीवित रहने के लिए ऑक्सीजन नहीं बल्कि कार्बन डाई ऑक्साइड गैस का इस्तेमाल करते हैं।

अपने एक इंटरव्यू में भी उसने कई रहसयमयी और अकल्पनीय बातों का खुलासा किया, जैसे उसने बताया कि मंगलयात्री समय यात्रा कर सकते थे और ब्रह्माण्ड के किसी भी कोने में आसानी से जा सकते थे। लेकिन जैसे जैसे मंगल ग्रह विकसित होता गया और कॉलोनियां बनती गयी वैसे वैसे वहाँ सबमे मतभेद होते गये और बात परमाणु युद्ध तक आ पहुंची, जिसके कारण पुरे मंगल ग्रह ने अपना वातावरण खो दिया।

मंगल ग्रह पर युद्ध कि बात Sir John Brandenburg की Conspiracy Theory को सच करती है क्योकि उन्होंने भी अपनी थ्योरी में यही बताया था कि मंगल ग्रह पर कभी बहुत सी उन्नत सभ्यताएं रहती थी लेकिन उनमे परमाणु युद्ध के कारण मंगल ग्रह पर जीवन खत्म हो गया। यही नहीं Brandenburg को तो मंगल ग्रह पर युद्ध के कई साबुत भी मिले है।

और भी लोग आए हैं धरती पर

उनका दावा है कि वे सभी पुनर्जन्म हैं और उन्हें "इंडिगो बच्चों" कहा जाता है, जिनके पास अलौकिक क्षमता है और वे मंगल ग्रह में हुए युद्ध के बाद बच गए हैं। बोरिस्का का कहना है कि वह अकेला नहीं है, जो मंगल ग्रह से धरती पर एक खास मिशन पर आया है। उसके जैसे कुछ और लोग मंगल ग्रह से धरती पर जन्म ले चुके हैं।

मंगल ग्रह पर रहते हैं लोग

युवक का दावा है कि मंगल में रहने वाले कई लोग अमर हैं और 35 साल की उम्र के बाद उनके वृद्ध होने की रफ्तार बंद हो जाती है। यानी वे बूढ़े नहीं होते हैं। बोरिस्का के मुताबिक, लगभग 7 फ़ुट लंबे Martians आज भी मंगल ग्रह पर रहते हैं और वे जमीन के नीचे रहते हैं। वे लोग हमेशा युद्ध में लगे रहते थे। ये लोग ब्रह्माण्ड का चक्कर लगाने में भी सक्षम हैं। उसने कहा कि उसे याद है कि जब वह 14 साल का था, तो अक्सर अपने दोस्त के साथ हवाई छापेमारी में करता था।

उसका कहना है कि मंगल ग्रह पर तकनीकी काफी उन्नत है और दूसरे ग्रहों की यात्रा भी करते हैं। उसका दावा है, 'मुझे उनके नाम नहीं याद हैं। मगल ग्रह के निवासी दूसरी आकाश गंगा और ग्रहों पर भी गए हैं।'

उसका कहना है कि मंगल के अंतरिक्ष यान परतों वाले यानी लेयर्ड होते हैं और किसी भी दिशा में उड़ सकते हैं। उनके पास शानदार और पावरफुल टेक्नॉलजी है। उनके पास कई तरह के शिप और प्लेन हैं जिससे वहा के लोग अंतरिक्ष में यात्रा करते हैं।

हम समय में पीछे कहीं भी जा सकते हैं और अंतरिक्ष में किसी भी जगह गोलाकार स्पेसशिप से जा सकते हैं। मगर, हमने धरती पर जीवन को त्रिकोणीय विमानों से देखा था। मंगल ग्रह के अंतरिक्ष यान काफी जटिल संरचना के बने होते हैं।

जब एक वीडियो क्लिप में उससे सौर मंडल के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा, मैंने उन्हें (मंगल ग्रह के लोगों को) अंतरिक्ष यान से देखा था। आप उन्हें मंगल ग्रह से नहीं देख सकते हैं। जब मैं अंतरिक्ष में उड़ रहा था और जब मैं मंगल पर रहता था, तो मैंने उन्हें देखा था।

कुछ विशेषज्ञों ने बोरिस्का से सवाल किया कि जब धरती से मंगल ग्रह पर अंतरिक्ष यान भेजी जाते है तो वो अचानक दुर्घटनाग्रस्त कैसे हो जाते है। इसपर बोरिस्का ने बताया कि जब भी कोई हानिकारक रेडिएशन वाली चीज मंगल ग्रह की तरफ बढती है तो मंगलवासी उसकी तरफ एक विशेष संकेत भेजकर उन्हें नष्ट कर देते है।

बोरिस्का की हर कहानी में एक बात कॉमन होती थी और वो था अंतरिक्ष। एक दिन उसने बताया कि वो पहले मंगल ग्रह पर रहता था, लेकिन मंगल ग्रह पर एक विशाल तबाही होने के कारण मंगल ग्रह का वातावरण नष्ट हो गया। जिसकी वजह से आज भी मंगल ग्रह के लोगों को उन्ही के ग्रह पर अंडरग्राउंड होकर रहना पड़ रहा है।

लेमुरियन (Lemurians) सभ्यता

यही नहीं उसने बताया कि The Lemurians सभ्यता के समय वो मंगल ग्रह से धरती पर कई बार शोध कार्यों के लिए आया था और उसने एक अंतरिक्ष यान भी बनाया था। बोरिस्का ने लेमुरियन सभ्यता के पतन के बारे में इतने विस्तार से बताया कि मानो उनका पतन उसने खुद अपनी आँखों से देखा हो। उसने बताया कि लेमुरियन के पतन की सबसे बड़ी वजह थी कि उसने अपना आध्यात्मिक विकास बंद कर दिया था और उनकी एकता भी खत्म हो गयी थी। इसके अलावा भी उसने लेमुरियनस के बारे में कई बातें बतायी।

अब चौकाने वाली बात ये है कि जब बोरिस्का की माँ ने लेमुरियन के बारे में सर्च किया तो उसने पाया कि लेमुरियन 70 हजार साल पहले धरती पर रहते थे और उनकी लम्बाई करीब 9 मीटर की होती थी। फिर उसकी माँ ने बोरिस्का से पूछा कि उसे इन सब बातों के बारे में किसने बताया। इसपर बोरिस्का ने जवाब दिया कि उसे ये किसी ने बताया नहीं बल्कि उसने ये सब खुद अपनी आँखों से देखा है।

गीजा के पिरामिड में छिपा है रहस्य (Sphinx of Giza)

बोरिस्का ने जोर देकर कहा का गीजा के पिरामिड में काफी कुछ खोजा जाना बाकी है। उसने कहा कि मंगल ग्रह के लोगों का प्राचीन मिस्र के साथ एक मजबूत संबंध है। उसने कहा कि इनमें कई बड़े रहस्य छिपे हुए हैं। उसने कहा कि गीजा के महान स्फिंक्स में मानव जीवन के बारे में बड़ा रहस्य छिपा हुआ है। मगर, वह क्या है यह मुझे याद नहीं है। जब स्फिंक्स को खोला जाएगा, तो मानव जीवन बदल जाएगा। बताते चलें कि ग्रीक सभ्यता में स्फिंक्स एक ऐसी बड़ी पत्थर की आकृति है, जिसका सिर इंसानों के जैसा है और धड़ शेर का है। कई बार इसके धड़ में पंक्षियों के पंख भी लगे हुए देखने को मिलते हैं।

बोरिसका ने कहा, मैं इजिप्ट के पिरामिडों के बीच बने विशालकाय स्टेच्यु (Sphinx) को खोलने का राज भी जानता हूं। यह उसके कान के पीछे कहीं मौजूद है और उसके खुलते ही दुनिया पूरी तरह बदल जाएगी।

एक बार बोरिस्का की माँ ने बोरिस्का को In Search of Ancient Gods नाम की एक बुक दिखाई, पहले तो बोरिस्का ने उस बुक के चित्रों को कुछ घंटों तक देखा और फिर उन चित्रों के बारे में बताना शुरू किया। उसने दावा किया कि आज मानव The Great Pyramid of Giza और Egypt के रहस्यों के बारे में जानने की कोशिश कर रहा है लेकिन उसे गिज़ा से कुछ नहीं मिलने वाला बल्कि पिरामिड और मनुष्यों के असली रहस्यों की जानकारियाँ तो किसी दुसरे पिरामिड में छिपी हुई है।

स्कूल टाइम में भी कर चुका है दावा

The Sun की रिपोर्ट्स के मुताबिक बोरिसका जब स्कूल में था तब भी उसने यह दावा किया था कि मंगल ग्रह का इजिप्ट के पिरामिडों से संबंध है और आने वाले भविष्य में ये सबके सामने आ जाएगा।

बोरिस्का ने एक और रोचक बात ये बताई कि भविष्य में मनुष्य Jupiter पर एक कैप्सूल से अटैक करेंगे, जिससे ज्यूपिटर एक आग के गोले में बदल जाएगा और मनुष्य को उनका दुसरा आर्टिफीसियल सूरज मिलेगा। एक हैरान कर देने वाली बात ये है कि हाल ही में नासा की एक गोपनीय रिपोर्ट लीक हुई थी जिसमे नासा ज्यूपिटर पर कैप्सूल से अटैक करने वाला था। इसके अलावा एक महान भविष्यवक्ता माने जाने वाले बाबा वेंगा ने भी ये भविष्यवाणी की हुई है कि एक समय ऐसा आएगा जब धरती के पास दो सूरज होंगे।

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