देश का पहला ओम आकृति का शिवमंदिर
ओम विश्वदीप गुरुकुल स्वामी महेश्वरानंद आश्रम (Om Gurukul Ashram Jadan)
करीब 250 एकड़ में फैले आश्रम के बीचोंबीच निर्माणाधीन है लगभग आधा किमी दायरे में ओम आकृति का शिवमंदिर। यह 4 खंडों में बना है। इसमें से एक पूरा खंड जमीन के अंदर है और तीन जमीन के ऊपर। वर्ष 1995 में इसका निर्माण शुरू हुआ जो अब पूर्णता की ओर है। इसमें अलग-अलग 1008 शिवजी की प्रतिमाएं स्थापित की गई हैं।
इस मंदिर के नीचे ही 2 लाख लीटर की टंकी बनी है
भवन में 108 कक्ष हैं। इसका शिखर 135 फीट ऊंचा है। बीच में गुरु माधवानंद महाराज की समाधि है। इसके ऊपर वाले भाग में महादेव का शिवलिंग है। सबसे ऊपर ब्रह्मांड की आकृति बनी हुई है। नागर श्रेणी में बने इस भवन के पत्थर बंशी पहाड़ धौलपुर से लाए गए हैं। इसके साथ ही नो मंजिला चंद्रबिंदु बना है। जिसके सबसे ऊपर भगवान सूर्य का मंदिर है। इस मंदिर के नीचे ही 2 लाख लीटर की टंकी बनी है। भवन में एक काॅन्फ्रेंस हॉल का भी निर्माण कराया गया है। स्वामी महेश्वरानंद का दावा है कि यह भूमंडल पर ओम के आकृति की पहली इमारत है।
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