रविवार, 22 मार्च 2020

रेफ्लेशिया अर्नोल्डी (Rafflesia Arnoldii)

रेफ्लीसिया
Rafflesia Arnoldii (रेफ्लेशिया अर्नोल्डी) : Largest (Biggest) Flower in the World

रैफलेसिया अर्नोल्डी या "कैडवेरी लिली"

रेफ्लीसिया एक आश्चर्यजनक परजीवी पौधा है, जिसका फूल वनस्पति जगत के सभी पौंधों के फूलों से बड़ा (विशालकाय) लगभग 1 मीटर (3 फीट) व्यास का होता हैं और इसका वजन 10 किलोग्राम (15 पाउंड) तक हो सकता है। इसकी सबसे छोटी प्रजाति (Rafflesia baletai) 20 सेमी व्यास की पाई गई है। अब तक इसकी 30 प्रजातियां खोजी जा चुकी है। जिनमें से 4 का नामकरण स्पष्ट रूप से नहीं हुआ है।

इस फूल की सभी प्रजातियों की त्वचा को छूने या स्पर्श करने पर मांस की तरह प्रतीत होता है और फूल का मेनसिंग ओपन माउथ, सड़ती हुई लाश (मांस) के समान एक दुर्गंधयुक्त गंध (बदबू) का उत्सर्जन करता है, इसीलिए इसे लाश फूल (कोर्पस्‌ फ्लावर / Corpse Flower) या मीट (मांस) फ्लावर भी कहा जाता है। इसे 'स्टिंकिंग कॉर्प्स लिली' भी कहते हैं, यानी, सड़ी लाश वाली कुमुदनी कहते हैं। रेफ्लेशिया फूल की दुर्गंध इस पौधे का एडेप्टेशन है। इस गंध से कुछ विशेष कीड़े-मकोड़े (कीट पतंग) (मक्खियों और कैरियन बीटल) आकर्षित होते हैं, जो फूल के परागित (पोलीनेशन) में सहायक होते हैं।

इससे काफी दुर्गंध आती है, क्योंकि यह कीड़े-मकौड़े खाता है। इसकी प्यालीनुमा पुष्पनाल में मौजूद गंध कीटपतंगों को आकर्षित करता है। जैसे ही कीटपतंग फूल के अंदर घुसते हैं तो गिर कर मर जाते हैं। फिर उसकी शरीर से निकलने वाली बदबू फूल से आने वाली गंध से मिल जाती है। 

ये फूल युनिसेक्शुअल होते हैं यानी नर और मादा फूल अलग-अलग होते हैं, इसलिए ये फूल पोलिनेशन के लिए दूसरे जीवों पर निर्भर होता है।

कैसे पड़ा रेफ्लीसिया (Rafflesia) नाम

इसकी खोज सर्वप्रथम 1791 - 1794 के मध्य लुईस डेसचैंप्स (Louis Deschamps) के द्वारा माना जाता है। परंतु  इस की खोज के बारे मे सबसे पहले 1803 इंडोनेशिया के वर्षा वनों में रिकार्ड किया गया, जब सर्वप्रथम डाक्टर जोसेफ अर्नाल्ड (Dr. Josheph Arnold) के एक स्थानीय गाइड ने इसे देखा। इसका नामकरण उसी खोजी दल के नेता सर थॉमस स्टैमफोर्ड रेफ्लस (Sir Thomas Stamford Raffles) के नाम पर Rafflesia Arnoldii हुआ। 

रेफ्लीसिया मुख्यतः दक्षिण-पुर्वी एसिया, मलेशिया, इंडोनेशिया, सुमात्रा, जावा (जावा के उत्तरी जंगलों), थाईलैंड, बोर्नियो और फिलीपींस के वर्षावनों में पाया जाता है। यह फूल काफी दुर्लभ है और लुप्त होने की कगार पर है।

इसका उपयोग पारम्परिक औषधि में किया जाता है और दक्षिणी पूर्वी एशिया के जीव विषमता को बढ़ावा देने के लिए इसका उपयोग पोस्टेज स्टेम में भी किया जाता है।

यह मलेशिया के सबाह राज्य का राजकीय फुल है। रेफ्लेसिया (Rafflesia arnoldii or Puspa langka) इंडोनेसिया (Indonesia) के राष्ट्रीय फूलों (National Flowers) मे सम्मिल है। इंडोनेशिया में आमतौर पर ‘पदम् रक्षसा’ और ‘बूंगा बंगाकाई’ के नाम से भी जाना जाता है।

रेफ्लेशिया पृथ्वी पर मौजूद सबसे दुर्लभ पौधों में से एक है। यह फूल गर्म एवं आद्र जलवायु या यूँ कहें कि, उष्णकटिबंधीय वर्ष वन में पैदा होते हैं। रेफ्लेशिया का फूल वर्षा (बारिश) के मौसम में रात्री के समय खिलते हैं।

कैसे पनपता है रेफ्लीसिया (Rafflesia) का पौधा

रेफ्लेशिया के फूलों को किसी प्रकार की मिटटी की आवश्यकता नहीं होती है चुकिं यह एक परजीवी (पैरेसाइट) पौधा होता है, जो अपने भोजन-पानी के लिए अन्य पौधों पर आश्रित रहता है। इसका जन्म किसी संक्रमित पेड़ की जड़ से होता है। पहले एक गाँठ सी बनती है और जब यह 4 दिन के अंदर बड़ी होकर एक बंदगोभी के आकार की हो जाती है तब चार दिनों के अंदर इसकी पंखुड़ियाँ खुल जाती हैं और पूरा फूल आकार ले लेता है। इस पौधे में केवल फूल ही एक ऐसा भाग है जो जमीन के ऊपर रहता है शेष सब भाग कवक जाल की भांति पतले-पतले होते हैं और जमीन के अन्दर ही धागों के रूप में फैले रहते हैं। यह दूसरे पौधे की जड़ों से भोजन चूसते हैं।

रेफ्लेशिया अर्नोल्डी पौधे ज्यादातर टेट्रास्टिग्मा जीनस के वाईन (टेटरा स्टिग्मा नाम झाडी) के पौधों पर (जरुरी खनिज और पानी के लिए) बढ़ते हैं। जब तक इनके फूल न खिलें, यह पौधे अदृश्य होते हैं, क्योंकि न तो इसका तना होता है और न ही पत्तियां। हां, इस पौधे की जड़ें ज़रूर होती हैं, लेकिन वो भी वाईन के टिशू में काफी गहराई में होती हैं।

रेफ्लेशिया पौधे की मौजूदगी तभी पता चलती है, जब वाईन पर इसकी कली आती है। इस कली को खिलने में नौ से बारह महीने का समय लगता है। बस, इस दौरान ही रेफ्लेशिया की मौजूदगी मालूम की जा सकती है। इस फूल की एक और रोचक बात यह है कि इसकी कली फूल बनने के पहले एक बड़े पत्तागोभी के आकार में बढ़ती है।

रेफ्लेशिया के फूल लाल रंग के होते हैं। फूल की पांच पंखुड़ियां चमकीली और धब्बेदार होती हैं।

रेफ्लेशिया का फूल बीच में से कुएं की तरह होता है। इस कुएं में एक उभरी हुई सेंट्रल डिस्क होती है, जिस पर वर्टिकली कई कांटें लगे होते हैं।

इस फूल से आती है सड़े मांस की दुर्गंध

रेफ्लीसिया (Rafflesia) का तना सफेद रंग का होता है, जो भूमि की ऊपरी सतह पर कुछ दूर जाकर फूल का रूप धारण करता है। इस फूल में पत्तियां नहीं होती। इस फूल के खिलने की शुरुआत अक्टूबर से होती है और अगले साल मार्च तक पूरी तरह से खिल जाता हैैं। यह फूल केसिरया आसमानी और सफेद रंग का होता है। नर और मादा फूलों की संरचना लगभग एक जैसी ही होती है। पूरा फूल दल चक्रों के पांच खंडों में होता है। दल चक्र के बीच में प्यालीनुमा पुष्पनाल होती है जो आधार पर अंडाशय से जुड़ी होती है। नर फूल में पुष्पमाल एक ठोस रचना होती है जिसके ऊपरी सिरे पर एक चौड़ी कोर प्लेट होती है। प्लेट के किनारे पर परागकोष होते हैं। रेफ्लेशिया का फूल लगभग 5-7 दिनों तक ही खिला रहता है, इसके बाद ये काला पड़कर सड़ने लगता है। रेफ्लीसिया फूल से सड़े मांस की सी दुर्गंध आती है। इसकी उम्र 65 दिन होती है।

वैज्ञानिकों ने सिर्फ इंडोनेशिया के जंगल में दुनिया के सबसे बड़े फूलों में से एक पाया

इंडोनेशिया के पश्चिम मध्य सुमात्रा के जंगलों में दुनिया का सबसे बड़ा खिला फूल (largest flower in the world) मिला है। वैज्ञानिकों के मुताबिक, इसका नाम Rafflesia (रैफ्लेशिया) है। 4 वर्गफीट में फैला फूल अब तक दर्ज रिकॉर्ड रैफ्लेशिया फूलों में सबसे बड़ा है। इससे पहले 2017 में 3 फीट चौड़ा 12 किलो वजनी फूल मिला था।

रैफ्लेशिया पौधे को अक्सर इसके परजीवी गुणों और दमनकारी स्टार्च के लिए “राक्षस फूल” के रूप में जाना जाता है। इंडोनेशियाई वन्यजीव अधिकारियों के अनुसार यह फूल उन सभी राक्षसी फूल में सबसे बड़े आकार का हो सकता है।

रेफ्लेसिया प्रजाति के निम्न प्रजातिओ - Rafflesia arnoldii, Rafflesia aurantia, Rafflesia azlanii, Rafflesia baletei, Rafflesia bengkuluensis, Rafflesia cantleyi,
Rafflesia consueloae, Rafflesia gadutensis, Rafflesia hasseltii, Rafflesia keithii, Rafflesia kerrii, Rafflesia leonardi, Rafflesia lobata, Rafflesia manillana, Rafflesia micropylora, Rafflesia mira, Rafflesia patma, Rafflesia philippensis, Rafflesia pricei,  Rafflesia rochussenii, Rafflesia schadenbergiana, Rafflesia speciosa, Rafflesia tengku-adlinii, Rafflesia tuan-mudae, Rafflesia verrucosa आदि की वेरिफाइड स्पिसीजस है।

जबकि Rafflesia borneensis, Rafflesia ciliata, Rafflesia titan Rafflesia witkampii, Unverified species है।

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