रविवार, 5 अप्रैल 2020

एमोर्फोफैलस टाइटेनम (Amorphophallus titanum)

एमोर्फोफैलस टाइटेनम (Amorphophallus titanum)

एक फूल खिलने में लेता है 9 साल

धरती पर वनस्पतियों की बहुत अधिक विविधता पायी जाती है और यही कारण है कि यहां विभिन्न फूलों के पौधों की विभिन्न प्रजातियां देखने को मिलती हैं। इन प्रजातियों में कॉर्प्स (Corpse) फूल का पौधा भी एक है जोकि भारत में भी उगता है। इस फूल को वैज्ञानिक तौर पर अमोर्फोफ़ैलस टायटेनम (Amorphophallus titanum) के नाम से जाना जाता है। अमोर्फोफ्लस टिटानम, जिसे टाइटन अरुम के रूप में भी जाना जाता है, एक फूल वाला पौधा है, जो दुनिया में सबसे बड़ा असंबद्ध पुष्पक्रम है।

एक हफ्ते तक खिलने वाला यह दुनिया का सबसे खूबसूरत और सबसे दुर्लभ फूल है। केरल (उत्तरी वायांड में परिया के नजदीक स्थित अलाट्टिल के गुरुकुल बोटैनिकल सैंक्चुअरी) में यह फूल 9 सालों (7 से 10 साल) बाद खिला है, जिसे दुनिया के सबसे बड़े फूल का दर्जा दिया हुआ है। यह मुख्य रूप से पश्चिमी सुमात्रा (इंडोनेशिया और मलेशिया) और पश्चिमी जावा का पौधा है जहाँ यह वर्षावनों में उगता है।

यह खास फूल इन दिनों कनाडा के टोरांटो चिड़ियाघर में खिला हुआ है, जिसे देखने के लिए जनता भारी संख्या में पहुंच रही है।

ऐसा माना जाता है कि यह फूल भारत का सबसे लम्बा फूल है। यदि इसके व्यास की बात की जाए तो इसका व्यास भी अन्य फूलों की अपेक्षा सबसे अधिक है। यह पौधा लगभग 3-4.6 मीटर (10-15 फीट) तक बढ़ता है जोकि इसकी विशेषता है। इसके पुष्पक्रम की ऊंचाई 3 मीटर (10 फीट) तक पहुंच सकती है। इसकी पत्ती की संरचना 6 मीटर (20 फीट) तक लंबी और 5 मीटर (16 फीट) तक पहुंच सकती है। इसका वजन 50 किलो तक हो सकता है।

इस फूल की विशेष बात यह है कि ये फूल 9 साल में केवल एक बार खिलता है। ये रात ही में खिलता है और खिलने के 48 घंटे तक ही जीवित रह सकता है। एक विशेषज्ञ सैडी बार्बर कहती हैं कि यह बिल्कुल बच्चे को जन्म देने की तरह है, आपको ठीक-ठीक नहीं पता होता कि यह कब होगा। इसकी सबसे बड़ी खराबी है कि ये बदबू बहुत करता है। इसे नाक बंद करके देखना होता है।

मरे हुए जानवर की बदबू की तरह

खिले हुए फूल में से सड़े हुए मांस के समान दुर्गंध उत्पन्न होती है। यह दुर्गंध किसी जानवर या मानव मांस के समान हो सकती है। गंध सड़े हुए मांस के समान होने के कारण कई मांस खाने वाले भृंग और मक्खियां इससे आकर्षित होते हैं। चूंकि पुष्पक्रम का रंग भी गहरा लाल होता है और इसकी बनावट भी मांस के समान होती है इसलिए यह कीटों को और भी अधिक भ्रमित करता है। मांस जैसी दुर्गंध के कारण ही इसे कॉर्प्स (अर्थात लाश) नाम दिया गया है। इस दुर्गंध और भ्रम के कारण कीट परागकण क्रिया में सहायता करते हैं।

नर और मादा दोनों फूल एक ही पुष्पक्रम में उगते हैं। पहले मादा फूल खिलते हैं जिसके एक या दो दिन बाद नर फूल खिलते हैं। यह प्रक्रिया आमतौर पर फूल को आत्म-परागण से बचाती है।

टाइटन परागणकर्ताओं को आकर्षित करने के लिए मांस को सड़ने की गंध का उत्सर्जन करता है। तकनीकी रूप से, टाइटन अरम एक फूल नहीं है। यह कई छोटे फूलों का एक समूह है, जिसे पुष्पक्रम कहा जाता है। टाइटन अरुम में सभी फूलों वाले पौधों का सबसे बड़ा असंक्रमित पुष्पक्रम है।

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