मंगलवार, 14 अप्रैल 2020

तनह लोट मंदिर, बाली


तनह लोट मंदिर, बाली (Tanah Lot Temple)

भारतीय संस्कृति और धर्म का प्रभाव न केवल भारत में बल्कि पूरे विश्व में दिखाई देता है। वहीं इंडोनेशिया में हिंदू परंपराओं और मंदिरों की काफी महत्ता है। इंडोनेशिया (Indonesia) में कई प्रसिद्ध मंदिर है, जो हर किसी को अपनी ओर आकर्षित करते है। आज हम आपको इंडोनेशिया एक ऐसे प्रसिद्ध मंदिर के बारे में बताने जा रहे है, जिसकी गिनती विश्व के अत्यधिक खूबसूरत मंदिरों में होती है।

इंडोनेशिया का तनह लोट मंदिर, बाली

अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए प्रसिद्ध भगवान विष्णु को समर्पित यह मंदिर इंडोनेशिया के बाली में एक विशाल समुद्री चट्टान पर बना हुआ है। 600 साल पुराने यह मंदिर बाली द्वीप के हिन्दुओं की आस्था का बड़ा केंद्र माना जाता है। तनाह लोत का बाली भाषा में अर्थ समुद्री भूमि (समुद्र में जमीन) होता है।

समंदर के सात मंदिरों में से ये एक मंदिर है। यहां सातों मंदिर एक के बाद एक बने हुए है। बता दें कि ये मंदिर देनपसार (Denpasar) से लगभग 20 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है और तबानन रीजेंसी का एक हिस्सा है। और बाली के दक्षिणी-पश्चिमी तट पर एक बड़े से चट्टान पर इस मंदिर को बनाया गया है।

इस चट्टान की चोटी पर पर्यटकों के लिए रेस्तरां बनाये गए हैं। बताया जाता है कि तट पर स्थित इस मंदिर को हजांरो वर्षों के दौरान समुद्री पानी के ज्वार से हुए क्षरण के फलस्वरूप यह आकृति प्राप्त हुई है, जो इस मंदिर को और भी खूबसूरत बनाए हुए है।

मंदिर का इतिहास

माना जाता है पुरा तनाह लोत का निर्माण 15-16वीं शताब्दी में पुजारी निरर्थ ने कराया था, वो दक्षिणी तट के किनारे किनारे चलते हुये इस स्थान पर पहुंचे और उन्हें इस स्थान की सुन्दरता ने मोह लिया। कुछ मछुआरों ने उन्हें देखा और उन्हें उपहार प्रदान किए। निरर्थ ने फिर रात इस शिला पर बिताई। उन्होनें मछुआरों से इस स्थान पर बाली के समुद्री देवता के मंदिर के निर्माण का आग्रह किया। इस मंदिर में पुजारी निरर्थ की भी पूजा होती है। इसके साथ ही बाली के बारे में प्रचलित पौराणिक कथाओं का वर्णन इस मंदिर में मिलता है।

सैलानियों के बीच लोकप्रिय इन मंदिरों पर हिन्दु मिथकों का स्पष्ट प्रभाव देखा जा सकता है। माना जाता है कि बुरी आत्माओं और घुसपैठियों से इस मंदिर की सुरक्षा इसकी शिला के नीचे रहने वाले विषैले सर्प (venomous snake) करते हैं। एक कथा के अनुसार निरर्थ के दुपट्टे से बना एक विशाल समुद्री सर्प इस मंदिर की आज भी सुरक्षा करता है।

जीर्णोद्धार

1980 में मंदिर की शिला भुरभुरी होकर झडने लगी थी और मंदिर और इसके आसपास के क्षेत्र को खतरनाक घोषित कर दिया गया था। तब जापान की सरकार ने इंडोनेशिया की सरकार को इस मंदिर के बचाने के लिए 800 अरब इंडोनेशियाई रुपियाह का ऋण दिया था) इसके फलस्वरूप तनाह लोत की चट्टान के लगभग एक तिहाई हिस्से को कृत्रिम चट्टान से ढककर एक नया रूप दिया गया है जिसका पर्यवेक्षण जापानियों द्वारा स्वयं किया गया है।

पर्यटन

तनाह लोत के आसपास का क्षेत्र अत्यधिक रूप से व्यवसायिक है और लोगों को इस क्षेत्र में प्रवेश के लिए भुगतान करना पड़ता हैं। मंदिर तक पहुँचने के लिए, आगंतुकों को बाली लोगों के एक बाजार से होकर गुजरना पडता है जो यादगार वस्तुयें बेचते हैं। चट्टान की चोटी पर, पर्यटकों के लिए रेस्तरां बनाये गये हैं।

बाली में जो भी घूमने आते हैं वो इस मंदिर में आना नहीं भूलते क्योंकि इस मंदिर का नज़ारा वाकई में बेहद खुबसूरत है और इसकी सुंदरता के चलते हर साल लाखों पर्यटक यहां आते हैं। तनह लोट मंदिर इंडोनेशिया के मुख्य पर्यटन स्थलों में से एक है।

खासकर सूर्यास्त के समय यहां का नज़ारा दिल को छू लेने वाली होती है। ये मंदिर एक ऐसे इलाके में है जहां कई तरह की पक्षियों के साथ हिरण देखने को मिल जाते हैं और अगर किस्मत अच्छी हो तो भालू और भेडि़ए भी आपको अपना दर्शन दे सकते हैं। इन्ही सारी वजहों से आज इस मंदिर की गिनती विश्व के अत्यधिक खूबसूरत मंदिरों में होती है।

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