स्टेच्यू ऑफ बिलीफ की इस प्रतिमा को 90 इंजीनियरों और 900 कारीगरों की मदद से 10 साल में तैयार किया गया है। प्रतिमा प्रांगण में 25 फीट ऊंचे और 37 फीट चौड़े नंदी भी हैं। इस प्रतिमा का 250 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली आंधी और ओले भी कुछ नहीं बिगाड़ पाएंगे। इस प्रतिमा का ऑस्ट्रेलिया की लैब में भी परीक्षण किया गया है। इसमें 2600 टन स्टील, 2601 टन लोहा और 26618 क्यूबिक मीटर सीमेंट कंक्रीट का उपयोग किया गया है।
250 वर्ष तक सार संभाल की जरुरत नहीं है
30×25 मीटर की इस प्रतिमा का आधार का 10 फीट का हिस्सा जमीन के अंदर है। करीब 250 वर्ष तक इस प्रतिमा को किसी तरह के रखरखाव की आवश्यकता नहीं होगी। क्योंकि इसे कोर वाल तकनीक से तैयार किया गया है। इसके दर्शनों के लिए 60 लोग एक बार में अंदर जा सकेंगे। इस प्रतिमा के दर्शन के लिए 700 लोगों की एक दिन में एंट्री हो सकेगी। 10-10 लोगों के बैच प्रतिमा के अलग-अलग स्थानों पर दर्शन कर सकेंगे।
30×25 मीटर की इस प्रतिमा का आधार का 10 फीट का हिस्सा जमीन के अंदर है। करीब 250 वर्ष तक इस प्रतिमा को किसी तरह के रखरखाव की आवश्यकता नहीं होगी। क्योंकि इसे कोर वाल तकनीक से तैयार किया गया है। इसके दर्शनों के लिए 60 लोग एक बार में अंदर जा सकेंगे। इस प्रतिमा के दर्शन के लिए 700 लोगों की एक दिन में एंट्री हो सकेगी। 10-10 लोगों के बैच प्रतिमा के अलग-अलग स्थानों पर दर्शन कर सकेंगे।
चार लिफ्ट और एलिवेटर लगाए गए हैं
इसमें ऊपर तक जाने के लिए चार लिफ्ट और एलिवेटर लगाए गए हैं। इनके माध्यम से भगवान शिव के कंधे के नजदीक लगे त्रिशूल के दर्शन भी आप कर सकेंगे। इसके साथ ही ऊपर जलाभिषेक की व्यवस्था भी होगी। मूर्ति के सिर में पानी के दो बड़े टैंक बनाए गए हैं। इनमें एक टैंक का इस्तेमाल भगवान शिव की जटाओं से गंगा जल निकालने के लिए किया जा रहा। दूसरे टैंक के पानी को आपातकाल के लिए रखा जाएगा। यह अपने आप में भव्य प्रतिमा है।
इसमें ऊपर तक जाने के लिए चार लिफ्ट और एलिवेटर लगाए गए हैं। इनके माध्यम से भगवान शिव के कंधे के नजदीक लगे त्रिशूल के दर्शन भी आप कर सकेंगे। इसके साथ ही ऊपर जलाभिषेक की व्यवस्था भी होगी। मूर्ति के सिर में पानी के दो बड़े टैंक बनाए गए हैं। इनमें एक टैंक का इस्तेमाल भगवान शिव की जटाओं से गंगा जल निकालने के लिए किया जा रहा। दूसरे टैंक के पानी को आपातकाल के लिए रखा जाएगा। यह अपने आप में भव्य प्रतिमा है।
<script async src="https://pagead2.googlesyndication.com/pagead/js/adsbygoogle.js?client=ca-pub-6926452651079910"
crossorigin="anonymous"></script>
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें