AI द्वारा त्रेता युग से निकली गयी भगवान श्री राम की 11 हजार साल पुरानी तस्वीर, 21 साल की उम्र में भगवान राम ऐसे दीखते थे (Lord Shri Ram AI Generated photo)
हम रोज भगवान राम को देखते हैं, उनकी पूजा करते हैं, मगर प्रभु की जैसी छवि आप देखते है क्या वो वास्तव में वैसी ही है। इसका जबाब तो कलयुग में जन्मे किसी भी जीव के पास नहीं है लेकिन इन दिनों सोशल मीडिया पर भगवान श्री राम की कुछ अद्भुत-अलौकिक तस्वीरें छाई हुई है। एक भगवान की सामान्य तस्वीर है, जबकि एक अन्य तस्वीर में वो मुस्कुराते हुए नजर आ रहे हैं। ये दोनों ही तस्वीरें सोशल मीडिया पर काफी पसंद की जा रही हैं।
क्या कहना है यूजर्स का तस्वीरों पर
भगवान राम की मनमोहक तस्वीर देख लोगों का कहना है कि इतना हैंडसम कोई आज तक धरती पर जन्म नहीं हुआ है। और जब आर्टिफिशल तस्वीर में प्रभु राम इतने प्यारे दिखाई दे रहे हैं तो रियल में कैसे होंगे? वहीं एक अन्य यूजर ने कहा - जितना सुंदर नाम उतने ही सुंदर हमारे राम। बता दें कि वायरल हो रही इन दोनों तस्वीर को किस आर्टिस्ट ने बनाया है अभी इसकी जानकारी नहीं मिल पाई है। लेकिन इन मनमोहक तस्वीरों की लोग कलाकार की सराहना कर रहे हैं।
तस्वीर को लेकर दावा किया गया है कि 21 साल की उम्र में भगवान राम ऐसे दिखते थे। यह तस्वीर एआई ने बनाई है। तस्वीर सोशल मीडिया पर शेयर करते हुए दावा किया जा रहा है कि वाल्मीकि रामायण, रामचरितमानस सहित तमाम ग्रंथों में भगवान राम कैसे दिखते थे इसका विवरण दिया गया है, इन ग्रंथों में उनकी कद-काठी और नैन नक्श-कैसे थे इसका विस्तार से वर्णन मिलता है, जिसके आधार पर उनकी ये तस्वीर एआई (AI) (आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस) ने जनरेट की है। सोशल मीडिया पर लोग जमकर इस तस्वीर की तारीफ कर रहे हैं। लेकिन कई लोग इसे भ्रम और गलत बता रहे हैं।
हम सबने श्री राम जी की अलग-अलग तस्वीरें देखी हैं। सभी तस्वीरों में उनकी शक्ल अलग ही होती है। बस एक परिकल्पना के आधार पर वह सारी तस्वीरें बनाई जाती हैं। वास्तव में श्री राम की असली फोटो किसी ने भी नहीं देखी होगी। हम बस रामायण में श्री राम के चरित्र के बारे में पढ़कर ही उनकी छवि अपने दिमाग में बना लेते हैं। AI भी ठीक वैसा ही काम करता है। AI को जितनी जानकारी उपलब्ध कराई जाएगी वह उस जानकारी के आधार पर तस्वीर बना देता है। इसी के तहत AI ने हाल में ही श्री राम जी की तस्वीरें बनाई है। जो सोशल मीडिया पर धड़ल्ले से शेयर की जा रही है।
आइए जानते हैं तुलसीदास और वाल्मीकि द्वारा लिखी गई रामायण के आधार पर भगवान राम का स्वरूप कैसा दिखता था।
वाल्मीकि रामायण के आधार पर भगवान राम का स्वरुप
महर्षि वाल्मीकि ने रामायण में बताया है कि, भगवान श्री राम का चेहरा एकदम चंद्रमा की तरह चमकीला, सौम्य, कोमल और सुंदर था। उनकी आंखे कमल की भांति खबसूरत और बड़ी थी। उनकी नाक उनके चेहरे की तरह ही लंबी और सुडौल थी। उनके होठों का रंग सूर्य के रंग की तरह लाल था और उनके दोनों होठ समान थे। उनके कान बड़े थे और उनके कानों में कुंडल बहुत ही शोभा देते थे। उनके हाथ लंबे घुटने तक थे। जिस वजह से उन्हें आजानुभुज कहा जाता है। उनका शरीर एकदम सामान था। ना ही ज्यादा बड़ा और ना ही ज्यादा छोटा। उनके केस भी बहुत घने, सुंदर और लंबे थे।
रामचरित्र मानस के आधार पर कैसा है भगवान राम का स्वरुप
रामचरित्र मानस में भगवान राम का स्वरूप कुछ इस तरह बताया गया है। रामचरित्र मानस के अनुसार, भगवान राम की आंखें खिले कमल की तरह थी। भगवान राम के मुंख, हाथ और पैर का रंग भी लाल रंग के कमल की तरह हैं। चेहरे पर तेज और सूर्य की तरह आभा है। उनके तन का रंग नीले जलपूर्ण बादल की तरह सुंदर है। उनका रंग मेघ के समान प्रकाश लिए हुए है। भगवान राम के माथे पर तिलक है और उनके शरीर पर मनोहर आभूषण शोभायमान हैं।
अब भगवान राम के स्वरूप को लेकर आपके मन में जो छवि बन रही है आप उसी छवि में राम का ध्यान कीजिए क्योंकि तुलसीदासजी ने लिखा है। "जाकी रही भावना जैसी प्रभु मूरत देखी तिन तैसी।" भगवान राम की छवि को इस एक दोहे में तुलसीदासजी ने व्यक्त कर दिया है और कह दिया है कि प्रभु की छवि तो मनुष्य के मन के अनुरूप है। जो जिस भावना से उन्हें देखता है उसी रूप में प्रभु उसे नजर आते हैं।
अयोध्या के हनुमानगढ़ी के महंत राजू दास (Raju Das) ने भगवान राम की एक तस्वीर सोशल मीडिया पर शेयर की है। इस तस्वीर को शेयर करते हुए लिखा है कि 'रामचरितमानस और अन्य भाषाओं के प्राचीन रामायण ग्रंथो के आधार पर प्रभु श्री रामचन्द्रजी की यह तस्वीर बनाई गई है जब वह 21 वर्ष के थे'। उन्होंने आगे लिखते हुए कहा कि 'भगवान राम की तस्वीर मनमोहक, अलौकिक, अद्वितीय एवं नयनाभिराम रूप का दर्शन करके मन को तृप्ति मिल गई, जय श्रीराम।
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