शुक्रवार, 26 अक्तूबर 2012

जसपाल भट्टी (Jaspal Bhatti)

कमीडियन जसपाल भट्टी (Jaspal Bhatti)

सिक्खी स्वरूप और अलग-अलग पहनावों में फिल्मी दुनिया में हलचल मचाने वाले हास्य कलाकार जसपाल भट्टी का जन्म गुरू की नगरी अमृतसर में 3 मार्च 1955 को हुआ था। भट्टी ने अपनी इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में ग्रैजुएशन की डिग्री पंजाब इंजीनियरिंग कालेज चण्डीगढ़ से हासिल की थी और फिर इलैक्ट्रिकल इंजीनियर के तौर पर सेवा भी निभाई। जसपाल ने 24 मार्च 1985 को सविता भट्टी के साथ विवाह कर लिया, जिससे उनके घर एक पुत्र जसराज भट्टी और बेटी राबिया भट्टी ने जन्म लिया।

दिल से कमीडियन
भट्टी कॉलेज के दिनों से ही हास्य और अभिनय में रूचि रखते थे इसीलिए उन्होंने कॉलेज के दिनों से ही स्ट्रीट प्लेस करना शुरू कर दिया था। कुछ समय के लिए जसपाल भट्टी ने चंडीगढ़ से प्रकाशित होने वाले अंग्रेजी के अखबार 'द ट्रिब्‍यून' के लिए कार्टूनिस्ट के तौर पर भी काम किया। उनके कार्टून भी लोगों को खूब गुदगुदाते रहे। इसके बाद उन्होंने अपना रुख दूरदर्शन की तरफ किया, जहां 1990 के दशक में उन्होंने ‘उल्टा-पुलटा’, 'लोटपोट' और ‘फ्लाप शो’ जैसे टीवी सीरियल बना कर हंगामा मचा दिया। ‘उल्टा-पुल्टा’ में जसपाल भट्टी ने मुख्य भूमिका निभाई थी जिससे उनको पहचान मिली। इसे दूरदर्शन की पहली कॉमेडी सीरीज कहा जाए तो गलत नहीं होगा। ‘फ्लॉप शो’ में उनकी पत्नी सविता भट्टी ने ही उनकी वाइफ का रोल अदा किया था। सिर्फ 10 एपिसोड वाला यह सीरियल बेहद लोकप्रिय हुआ जिसे आज भी याद किया जाता है। उल्टा-पुल्टा के अलावा टीवी सीरीज फ्लॉप शो, थैंक्यू जीजाजी, फुल टेंशन और हाय जिंदगी-बाय जिंदगी ने भी लोगों को खूब हंसाया। जसपाल भट्टी के नुक्‍कड़ नाटक और रोड शो भी लोगों को खूब भाते थे।

कॉलेज के दिनों में बनाया 'नॉनसेंस क्‍लब'
जसपाल भट्टी ने चंडीगढ़ में अपने साथी विवेक शौक, पत्नी सविता भट्टी और बी. एन. शर्मा के साथ मिल कर एक नाटक मंडली ‘नानसेंस क्लब’ की स्थापना भी की, जो लगातार भ्रष्टाचार और अन्य कुरीतियों, बुराईओं के साथ-साथ सरकार पर भी व्यंग्य के बाण चलाती रही। ‘नॉनसेंस क्लब’ नामक संस्था की स्थापना के बाद हास्य में उनका हस्तक्षेप इतना बढ़ा कि इंजीनियरिंग छोड़ हास्य अभिनय को उन्होंने अपना करियर बना लिया। अपने काम की खुशी के अलावा उन्हें विवेक शौक की सफलता पर भी बहुत खुशी होती थी। ‘नॉनसेंस क्लब’ से शुरुआत करते हुए विवेक ने दर्जनों हिंदी फिल्मों में सन्नी दयोल और अक्षय कुमार जैसे नायकों के साथ काम किया।

फिल्मों में भी काम किया
दूरदर्शन से मिली भारी सफलता के बाद जसपाल भट्टी ने फिल्मी पर्दे पर दस्तक दी और दर्जनों फिल्मों में भरपूर सफलता हासिल की। उन्होंने 20 से भी अधिक फिल्मों में किरदार निभाए। वह आमिर के साथ फिल्म 'फ़ना' में जॉलीगुड सिंह के रूप में नजर आए थे। उन्होंने कुछ ना कहो, तुझे मेरी कसम, जानी दुश्मन, कोई मेरे दिल से पूछे, शक्ति - द पावर, ये है जलवा, कुछ मीठा हो जाए, हमारा दिल आपके पास है, कारतूस, आ अब लौट चलें, खौफ़, काला साम्राज्य, इकबाल, जानम समझा करो सहित कुल 25 फिल्मों में अभिनय के जादू से दर्शकों का खूब मनोरंजन किया।

भट्टी ने 1999 में बनाई व्यंग्यात्मक पंजाबी फिल्म ‘माहौल ठीक है’ के साथ पंजाबी सिनेमों में तहलका मचा दिया। इस फिल्म ने जहां भ्रष्टाचार को बेनकाब किया, वहां पंजाब पुलिस की ज़्यादतिओं और कारगुजारियों का भांडा भी सरेआम फोड़ दिया। इस के साथ ही भट्टी की तरफ से ‘कोई मेरे दिल से पूछे’ में निभाए गए कालेज प्रिंसिपल के हंसाने वाले अंदाज को भी दर्शक कभी नहीं भुला सकेंगे। ‘सब टीवी’ पर पेश किये गए कॉमेडी शो ‘कॉमेडी का किंग कौन’ में जसपाल भट्टी ने अभिनेत्री दिव्या दत्ता के साथ मिल कर एक शानदार कार्यक्रम दिया। ‘स्टार प्लस’ के ‘नच्च बलिए’ में भी भट्टी ने पत्नी सविता के साथ धमाकेदार परफॉरमेंस दी और दर्शकों का भरपूर मनोरंजन किया। इस बहुपक्षीय कलाकार को जब बॉलीवुड के निर्माताओं की तरफ से एक कॉमेडियन के तौर पर बहुत सी पेशकशें आईं तो उस ने अपना ध्यान पूरी तरह अभिनय पर केंद्रित कर दिया। थोड़ा समय पहले जसपाल भट्टी ने चंडीगढ़ में अभिनय प्रशिक्षण स्कूल और मोहाली के नजदीक ‘जोंक फैक्ट्री’ नामक एक स्टूडियो भी शुरू किया था। ‘सब टीवी’ पर भट्टी के 52 किश्तों के सिरियल ‘थैंक यू जीजा जी’ ने नये रिकार्ड कायम किए।

कॉमेडी के जरिए विरोध
भट्टी अपने कटाक्ष के कारण मशहूर थे। वह अपने व्यंग्य को नाटकीय रूप प्रस्तुत करना जानते थे। सब्जियों, दालों और अन्य वस्तुओं की दिन-ब-दिन बढ़ती कीमतों पर व्यंग्य करने के लिए जसपाल भट्टी अक्सर इन वस्तुओं के स्टाल लगा कर प्रदर्शन करते थे। भ्रूण हत्या के बारे में भट्टी की तरफ से बनाई एनिमेशन फिल्म को भारत सरकार से 2009 में विशेष पुरस्कार हासिल हुआ था, जबकि इस फिल्म को मुंबई में भी आई. डी. पी. ए. - 2008 अवार्ड हासिल हुआ था। शानदार प्राप्तियों के लिए जसपाल भट्टी को ‘लाईफ टाईम अचीवमेंट अवार्ड’ से सम्मानित किया गया।

आम आदमी की समस्‍याओं से सरोकार
वह आम आदमी की जिंदगी की हर समस्या में कॉमेडी खोजने के लिए फेमस थे। बात महंगाई की हो या करप्शन की, अपने उल्टे-पुल्टे तरीके के साथ वह सड़कों पर उतर जाते थे। जसपाल भट्टी आम आदमी की समस्‍याओं पर बहुत गहराई से विचार करते थे और उसे कॉमेडी के अंदाज में समाज के सामने बेहद धारदाज अंदाज में पेश करते थे। यही वजह है कि आम और खास, हर तरह के लोग उन्‍हें बेहद पसंद करते थे।

कमीडियन जसपाल भट्टी का निधन
कला की दुनिया का यह चमकता सितारा 57 साल की उम्र में 24 अक्तूबर 2012 को शाहकोट (जालंधर) के नजदीक गुरुवार तड़के करीब तीन बजे हुए एक सड़क दुर्घटना के दौरान सब को सदा-सदा के लिए अलविदा कह गए। गौरतलब है कि जालंधर से अभिनय कला का सफर शुरू करने वाले भट्टी के जीवन सफर की समाप्ति भी जालंधर में ही हुई।

पुलिस के मुताबिक जसपाल भट्टी अपनी फिल्म 'पावर कट' के प्रमोशन के लिए भठिंडा से जालंधर जा रहे थे। होंडा अकॉर्ड कार से वह अपनी टीम के साथ थे। फिल्म में उनका बेटा जसराज भट्टी मुख्य किरदार निभा रहा है। ऐक्ट्रेस सुरीली गौतम हैं, जो विकी डोनर की ऐक्ट्रेस यमी गौतम की बहन हैं। तड़के करीब तीन बजे नकोदर इलाके में उनकी कार की एक ट्रॉली से टक्कर हो गई, जिसमें जसपाल भट्टी गंभीर रूप से घायल हो गए। भट्टी को जालंधर के एक प्राइवेट अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।




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