बुर्ज ख़लीफ़ा (Burj Khalifa)
बुर्ज ख़लीफ़ा दुबई में आठ अरब डॉलर की लागत से छह साल में निर्मित 828 मीटर (2717 फीट) ऊंची 168 मंज़िला दुनिया की सबसे ऊंची इमारत है। 4 जनवरी 2010 में जब दुनिया की सबसे ऊँची इमारत बुर्ज दुबई का अनावरण हुआ तो अंतिम क्षणों में इसका नाम बुर्ज खलीफा कर दिया गया। ये नाम अबू धाबी के शाही परिवार का संकेत दे रहा था जिसने अपने पड़ोसी को बीस अरब डॉलर कर्ज की मदद दी थी। दुबई के शासक मुहम्मद बिन राशिद अल मखतूम ने इस ऊंची इमारता उदघाटन किया। बिन राशिद अल मखतूम ने संयुक्त अरब अमीरात के राष्ट्रपति के सम्मान में इसका नाम बुर्ज ख़लीफ़ा रखा।
इसमें स्वीमिंग पूल, मॉल्स, दफ्तर, सिनेमा हॉल सहित सारी सुविधाएं मौजूद है। इसकी 76वीं मंजिल पर एक मस्जिद भी बनाई गई है। इसे 96 किलोमीटर दूर से भी साफ साफ देखा जा सकता है। इसमें लगाई गई लिफ्ट दुनिया की सबसे तेज चलने वाली लिफ्ट है। इस भवन को बनवाया है बिल्डर एमार प्रॉपर्टीज ने। इसके चेयरमैन हैं मुहम्मज अलब्बार। इमारत को बनाने में लगभग 1.5 अरब डॉलर (एक लाख करोड़) खर्च किये गये हैं। दो सौ मंजिली इस इमारत में 163 मंजिलों पर लोग रह सकते हैं। यह इमारत 56 लाख 70 हज़ार वर्गफुट में फैली है। इनमें से 18 लाख 50 हज़ार वर्गफुट में रिहायशी इलाका है। 3 लाख वर्गफुट में सिर्फ कार्यालय बने है। यहां विश्व का सबसे ऊंचा तरणताल, लिफ्ट, रेस्टोरेंट और फ़व्वारा भी मौजूद है। यह इमारत इतनी ऊंची है कि सबसे ऊपर की मंजिल पर के तापमान और सबसे नीचे की मंजिल के तापमान में करीब 10 डिग्री का अंतर होगा।
दुबई में आर्थिक संकट के कुछ ही हफ्तों बाद इस इमारत के सुखद अनावरण का बहुत ही बुरा वक्त था। इस गगनचुंबी होटल की इमारत में 900 विलासितापूर्ण अपार्टमेंट और 37 मंजिलें दफ्तरों के लिए थीं। आज इस भव्य इमारत के सभी कमरे पूरी तरह से खाड़ी के देशों और कुछ अन्य जगहों के मेहमानों से भरे हुए हैं।
पर्यटक इस इमारत की 124वीं मंजिल पर भ्रमण के लिए चार सौ दिरहम यानी करीब 108 डॉलर तक खर्च करने से नहीं हिचकिचाते। दरअसल, यहां से रेगिस्तान का अद्भत नजारा और शायद टॉम क्रूज की मिशन इंपॉसिबल फिल्म सरीखी तस्वीरें लेने का रोमांच पर्यटकों को बहुत लुभाता है।
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