वियरवुल्फ सिंड्रोम
आपको ज्यादातर महिलाओं को लेकर यह सुनने को मिलता होगा कि आपको भगवान ने बड़ी फुर्सत से बनाया होगा, यह सच है। किसी को ऐसा बना देते हैं कि हर कोई देखने को बेचैन रहता है, लेकिन किसी के साथ इस तरह की नाइंसाफी करते हैं कि लोग अपनी सूरत से नफ़रत करने लगते हैं।
ऐसा ही एक उदाहरण महाराष्ट्र के पुणे के एक गाँव में दखने को मिला है। पुणे के एक गांव की तीन बहनें हैं सविता, मोनीषा और सावित्री हैं, जिनके शरीर पर इतने ज्यादा बाल हैं कि इनमें और मर्दों में कोई फर्क नहीं रह गया। अब इसे ईश्वर की नाइंसाफी कहें या फिर कुछ और। इतना जरुर है कि तीनों बहनों को समाज में लोगों की बातें सुननी पड़ती है। इनके जीवन का सबसे दुखद पहलू है कि इनको यह आशा नहीं है कोई इनसे शादी करेगा। पिता से मिली आनुवांशिक बीमारी के कारण उनके चेहरे पर घने बाल हैं। कोई उन्हें चुड़ैल कहता है तो किसी की नजरों में वे जानवर हैं।
अगर इस बारे में डाक्टरों की माने तो यह एक बीमारी है इसे हाईपरट्रिकोसिस यूनिवर्सालिस डिसओर्डर कहते हैं, इसके अलावा इसे वियरवुल्फ सिंड्रोम भी कहते हैं। कहते हैं कि इस बीमारी में सिर से पैर तक पूरे शरीर में हद से ज्यादा बाल उग आते हैं। डाक्टरों के मुताबिक, ये बीमारी सौ करोड़ लोगों मे से किसी एक को होती है। इन्हें इस बीमारी के प्रभाव को कम करने के लिए रोज क्रीम लगाना पड़ता है। 23 वर्षीय सविता, 18 वर्षीय मोनीषा और 16 वर्षीय सावित्री का कसूर सिर्फ इतना है कि उन्हें अपने पिता से एक अनुवांशिक बीमारी विरासत में मिली है।
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