राजस्थान के नाथवाड़ा में शिव
राजस्थान के श्रीनाथद्वारा में भगवान शिव की सबसे ऊंची प्रतिमा बनाई जा रही है। 351 फीट ऊंची बन रही यह प्रतिमा 20 किमी दूर से ही नजर आएगी। इसका निर्माण उदयपुर से करीब 50 किलोमीटर की दूरी पर श्रीनाथद्वारा के गणेश टेकरी में किया जा रहा है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस वक्त दुनिया में शिव की सबसे ऊंची प्रतिमा कहां है? दिलचस्प है कि वह भारत में नहीं है।
भगवान शिव की ऊंची प्रतिमाएं भारत के अलावा नेपाल और मॉरिशस जैसे देशों में भी बनी हुई हैं। लेकिन जब बात सबसे ऊंची प्रतिमा की आती है, तो फिलहाल यह तमगा नेपाल के पास है।
कैलाशनाथ महादेव, सांगा, जिला भक्तापुर (नेपाल) = ऊंचाई 45 मीटर, लगभग 143 फुट (फीट)
विश्व में शिव की सबसे ऊंची मूर्ति नेपाल के चित्तपोल सांगा जिला भक्तापुर में स्थित है। खड़ी मुद्रा में इस मूर्ति का निर्माण कार्य 2004 में शुरू हुआ था और 2010 में यह मूर्ति बनकर तैयार हुई और 21 जून 2011 को इस मूर्ति का अनावरण किया गया। इस प्रतिमा को बनाने में 6 साल लगा।
इस मूर्ति को धनराज जैन परिवार ने लगभग 11 करोड़ की लागत से बनवाया था। श्री मनुराम वर्मा और नरेश कुमार वर्मा मूर्तिकार थे। इस मंदिर की विशालता को देखना बहुत अद्भुत है।
शिव मूर्ति, मुरुदेश्वरा (कर्नाटक, भारत) = ऊंचाई 37 मीटर, लगभग 123 फुट
विश्व की दूसरे नंबर की शिव मूर्ति अरब सागर के तट पर स्थित है। इस संपूर्ण क्षेत्र को मुरुदेश्वरा कहते हैं। आसमान को छूती इस प्रतिमा में भगवान शिव पद्मासन (बैठी हुई) की मुद्रा में ध्यान लगाकर बैठे हैं। मुरुदेश्वर मंदिर के बाहर स्थापित शिव की इस मूर्ति की ऊंचाई 37 मीटर अर्थात लगभग 123 फुट है।
मुरुदेश्वर दक्षिण भारत के कर्नाटक राज्य में उत्तर कन्नड़ जिले के भटकल तहसील में अरब सागर के तट पर स्थित एक कस्बा है। कंदुका पहाड़ी पर तीन ओर से पानी से घिरा यह मुरुदेश्वर मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। यहां भगवान शिव का आत्मलिंग स्थापित है जिसका संबंध रामायण काल से है।
मान्यता के अनुसार अमरता पाने हेतु रावण जब शिवजी को प्रसन्न करके उनका आत्मलिंग अपने साथ लंका ले जा रहा था तब रास्ते में इस स्थान पर आत्मलिंग को धरती पर रख दिए जाने के कारण स्थापित हो गया था।
गुजरात के बड़ोदरा में शिव
भारत के गुजरात राज्य के बड़ोदरा शहर में बड़ोदरा झील में भगवान शिव की विशाल प्रतिमा बनी है। यह प्रतिमा झील के बीचोंबीच स्थित है और इसकी ऊंचाई 120 फीट है। वरद मुद्रा में खड़े भगवान शिव की यह मूर्ति ऐसी है जैसे वह भक्तों को वरदान दे रहे हों।
तमिलनाडु, आदियोग मंदिर
तमिलनाडु के कोयंबटूर में 112 फीट ऊंची भगवान शिव की मूर्ति है और यह मूर्ति सेंटर ऑफ अट्रैक्शन है। इस मूर्ति को देखने के लिए यहां हजारों लोगों की भीड़ उमड़ती हैं। यह भारत की पहली और इकलौती ऐसी प्रतिमा है, जोकि आधी बनी हुई है।
मंगल महादेव (मॉरीशस) = ऊंचाई 33 मीटर, लगभग 108 फुट
शिव की यह अनोखी प्रतिमा मॉरीशस के गंगा झील के पास खड़ी मुद्रा में स्थापित की गई है। यह मूर्ति 108 फीट ऊंची है।
गंगा तालाब या झील को ग्रांड बेसिन भी कहा जाता है। यह मॉरीशस के मध्य में सावने जिले के दूरस्थ पर्वतीय इलाके में झीलनुमा गड्ढे के रूप में स्थित है। यह समुद्र तल से 1,800 फुट ऊपर है। गंगा तालाब जाने वाला तीर्थयात्रियों का पहला समूह त्रिओलेत गांव से था और इसका नेतृत्व 1898 में टेरे राउज के पंडित गिरि गोसाईं ने किया था।
इसे मॉरीशस का सर्वाधिक पवित्र स्थल माना जाता है और भगवान शिव का मंदिर झील के किनारे स्थित है। शिवरात्रि पर मॉरीशस में बहुत से श्रद्धालु अपने घरों से नंगे पैरों से पैदल चलकर झील तक पहुंचते हैं।
शिव प्रतिमा (इलाहबाद, उत्तर प्रदेश) ऊंचाई- लगभग 108 फीट
संगम नगरी इलाहबाद भारत की सबसे पवित्र जगहों में से एक है, क्योंकि यहां पर हर 12 साल में कुंभ का मेला लगता है। इलाहबाद की गंगा नदी के तट पर भगवान शिव की ये विशाल मूर्ति स्थापित है। इस मूर्ति में भगवान शिव अपने वाहन नंदी पर विराजित दिखाई देते हैं। इलाहाबाद की यह मूर्ति बैठक मुद्रा में है। वाघबंर पर बनाई गई शिव की यह मूर्ति भी दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा मानी जाती है।
नामची शिव प्रतिमा (सिक्किम) ऊंचाई- लगभग 108 फीट
भारतीय राज्य सिक्किम के गंगटोक जिला मुख्यालय से 92 किलोमीटर की दूरी पर नामची शहर में पहाड़ी पर चारधाम यानी बद्रीनाथ, द्वारका, रामेश्वरम और पुरी के मंदिरों का प्रतिरूप बनाया गया है। साथ ही 12 ज्योतिर्लिंगों को भी मंदिर में दर्शाया गया है। यहां बनी शिव की मूर्ति 108 फीट ऊंची है। जिसे सिद्धेश्वर धाम और किरातेश्वर महादेव के नाम से जाना जाता है।
हरियाणा में शिव की विशाल प्रतिमा
दिल्ली से सटे राज्य हरियाणा के गांव गंगतान में मंगल महादेव की विशाल मूर्ति स्थापित है। इस मूर्ति की ऊंचाई करीब 101 फीट है।
हर की पौड़ी, हरिद्वार (उत्तराखंड, भारत) = ऊंचाई 30.5 मीटर, लगभग 100 फुट
यह मूर्ति हरिद्वार स्थित गंगा नदी के तट पर हर की पौड़ी के पास स्थापित की गई है। गंगा के किनारे से भक्त इस मूर्ति के दर्शन कर सकते हैं। इस प्रतिमा की ऊंचाई 100 फीट है। यह मूर्ति खड़ी मुद्रा में है जबकि हरिद्वार के पास ऋषिकेश की मूर्ति बैठक मुद्रा में है। बताया जाता है कि बाढ़ के कारण ऋषिकेश की मूर्ति पानी में बह गई।
हर की पौड़ी भारत के सबसे पवित्र घाटों में एक है। कहा जाता है कि यह घाट विक्रमादित्य ने अपने भाई भतृहरि की याद में बनवाया था। यहीं पर हर शाम हजारों दीपकों के साथ गंगा की आरती की जाती है। हर की पौड़ी के पीछे के बलवा पर्वत की चोटी पर मनसादेवी का मंदिर बना है। मंदिर तक जाने के लिए पैदल रास्ता है। मंदिर जाने के लिए रोप-वे भी है।
शिवगिरि महादेव, बीजापुर, शिवपुर (कर्नाटक) = ऊंचाई 26 मीटर, लगभग 85 फुट
कर्नाटक राज्य के बीजापुर जिले के शिवपुर में शिव की महिमा बतलाता भव्य शिवमंदिर शिवगिरी है। इस मंदिर में स्थित भगवान शिव की विशालकाय मूर्ति 85 फीट ऊंची है। इश प्रतिमा में शिव को योगेश्वर रूप में दिखाया गया है। शिवजी पद्मासन लगाकर बैठे हैं और उनके दोनों हाथ जप मुद्रा में हैं। यह प्रतिमा 2011 में स्थापित की गई है।
नागेश्वर महादेव, दारुकावन (गुजरात) = ऊंचाई 25 मीटर, 82 फुट
12 ज्योतिर्लिंगों में से गुजरात में 2 ज्योतिर्लिंग हैं- एक सोमनाथ महादेव और दूसरे नागेश्वर महादेव। यह मंदिर पहले बहुत छोटा था लेकिन बाद में इस मंदिर को भव्य रूप दिया टी सीरिज के निर्माता गुलशन कुमार ने।
गुजरात के द्वारका में दारूका वन में भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक ज्योतिर्लिंग विराजमान है जिन्हें नागेश्वर ज्योतिर्लिंग के नाम से जाना जाता है। मंदिर प्रांगण के बाहर भगवान शिव की विशालकाय मूर्ति भूतल से 82 फुट ऊंची और चौड़ाई में 25 फुट चौड़ी है। यह जगह भगवान शिव की सबसे खास जगहों में गिनी जाती हैं। शिवजी को निहारने के लिए आपको अपना पूरा गर्दन उठाना होता है तब शिवजी की छवि सामने से दिखती है। यहां शिवजी का एक हाथ जप मुद्रा में और दूसरा हाथ वरद मुद्रा में है।
ओंकारेश्वर, मध्य प्रदेश- 82 फीट
भगवान शिव के बारह ज्योंतिर्लिंगों में से 1 लिंग मध्यप्रदेश के ओंकारेश्वर में नर्मदा नदी के तट पर भगवान शिव की 82 फीट ऊंची मूर्ति स्थापित है। यहीं पर ममलेश्वर महादेव का मंदिर भी है।
कचनार महादेव, जबलपुर (मध्यप्रदेश) = ऊंचाई 76 फुट
मध्यप्रदेश राज्य के जबलपुर जिले के कचनार शहर में शिव मंदिर के पास स्थापित इस मूर्ति की ऊंचाई 76 फुट है। यहां भगवान शिव कर्पूर गौरं रूप में पद्मासन की मुद्रा ध्यान करते हुए दिखते हैं। भगवान शिव का सौम्य रूप भक्तों का मन मोह लेता है। यहां 12 ज्योतिर्लिंगों की प्रतिकृतियां भी बनाई गई हैं। जबलपुर भेड़ाघाट वॉटर फाल, 64 योगिनी मंदिर और कान्हा नेशनल पार्क के लिए प्रसिद्ध है।
कैम्प फोर्ट शिव मूर्ति, एयरपोर्ट रोड, बेंगलुरु (कर्नाटक) = ऊंचाई 65 फुट
कर्नाटक राज्य की राजधानी बेंगलुरु में केंफोर्ट शिव मंदिर स्थित है। इस मंदिर में भगवान शिव की 65 फीट ऊंची प्रतिमा विराजमान है। इस प्रतिमा में शिवजी कैलास पर्वत पर ध्यान मुद्रा में दर्शाए गए हैं। इस मूर्ति में भगवान शिव पद्मासन की अवस्था में विराजमान हैं। इस मूर्ति की पृष्ठभूमि में कैलाश पर्वत, भगवान शिव का निवास स्थल तथा प्रवाहित हो रही गंगा नदी है। इस शिव मूर्ति की स्थापना 1995 में हुई थी।
बेलीश्वर महादेव, भंजनगर, जिला गंजम (ओडिशा) = ऊंचाई 61 फुट
भारतीय राज्य उड़ीसा (ओडिशा) के गंजाम जिले के भंजनगर में स्थित चंद्रशेखर महादेव मंदिर में 61 फीट ऊंची भगवान शिव की प्रतिमा है। इस विशाल प्रतिमा में शिव व्याघ्र चर्म पर विश्राम मुद्रा में बैठे नजर आते हैं। इस मूर्ति का अनावरण 6 मार्च 2013 को किया गया था।
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