बुधवार, 5 फ़रवरी 2020

लीप ईयर (अधिवर्ष) - 29 फ़रवरी

लीप ईयर (Leap Year) (अधिवर्ष)

हर चार साल में मनाया जाने वाला लीप ईयर कई लोगों के लिए खास मायने रखता है। जैसे, बर्थडे या वेडिंग एनिवर्सरी। लोग इन खास ईवेंट को यादगार बनाने के लिए 29 फरवरी को शादी, बच्चे की डिलवरी आदि रखते हैं।

क्या होता है लीप ईयर (अधिवर्ष)

लीप ईयर उसे कहते हैं जिसमें साल के 366 दिन होते हैं। सामान्‍य रूप से साल में 365 दिन होते हैं लेकिन लीप ईयर में एक दिन अतिरिक्‍त होता है। यह हर चार साल में एक बार आता है। इस साल को ‘लीप यीअर’ और इस दिन को ‘लीप डे’ कहते हैं। फरवरी में वैसे तो 28 दिन होते हैं लेकिन लीप ईयर में 29 दिन होते हैं। ये अतिरिक्त दिन ग्रेगोरियन कैलेंडर में लीप वर्ष का 60वाँ दिन बनता है अर्थात 29 फ़रवरी। फ़रवरी साल का सबसे छोटा महिना है, इसमें सिर्फ 28 दिन होते है, इसलिए इस लीप डे को इस महीने में जोड़ा गया है।

क्‍यों होता है ऐसा - वैज्ञानिक कारण

हर 4 साल पर आने वाले लीप ईयर के पीछे एक खगोलीय वजह है। पृथ्वी को अपनी धुरी पर सूर्य का एक चक्कर लगाने में 365 दिन 5 घंटे 48 मिनट और 45.51 सेकंड (365.242 दिन) जो कि लगभग 365 दिन और 6 घंटे का वक्त है। अर्थात एक कैलेंडर वर्ष से चौथाई दिन अधिक।

खगोलीय घटना में इसे सोलर ईयर कहते हैं। ऐसे में हर सोलर ईयर कैलेंडर में 6 घंटा बढ़ जाता है। इन घंटों को हर चौथे साल में जोड़कर लीप ईयर बनाया जाता है। इसी वजह से हर 4 साल पर फरवरी 29 दिन का हो जाता है।

चूंकि ये 6 घंटे का अतिरिक्‍त समय दर्ज नहीं होता है इसलिए हर चार साल में एक दिन ज्‍यादा हो जाता है। 24 घंटे का एक दिन होता है। 6 घंटे प्रति वर्ष के हिसाब से चार साल में पूरा एक दिन बनता है। ऐसे में प्रत्‍येक चार साल बाद फरवरी के महीने में इस एक अतिरिक्‍त दिन को जोड़कर इसका संतुलन बनाया जाता है।

यदि 29 फ़रवरी की व्यवस्था न हो तो हम प्रत्येक वर्ष प्रकृति के कैलेंडर से लगभग छह घंटे आगे निकल जाएँगे, यानि एक सदी में 24 दिन आगे।

यदि ऐसा होता तो मौसम को महीने से जोड़ कर रखना मुश्किल हो जाता। यदि लीप वर्ष की व्यवस्था ख़त्म कर दें तो आजकल जिसे मई-जून की सड़ी हुई गर्मी कहते हैं वैसी स्थिति 500 साल बाद दिसंबर में आएगी। ग्रेगोरियन कैलेंडर के साथ सौर प्रणाली को समान रखने के लिए इस लीप डे को फ़रवरी में जोड़ा गया था।

यह जो 6 घंटे का अंतर है, अगर हम उसे नजरअंदाज करते हैं तो 4 साल में देश के 42 हजार से ज्यादा बच्चों (देश में हर दिन 42,400 बच्चों का जन्म होता है) का जन्मदिन मिस हो सकता है और हमारा एक दिन।

दूसरे कैलेंडर में ‘लीप ईयर’ मॉडर्न ईरानी कैलेंडर में 33 सालों में 8 बार लीप ईयर डे आता है। इसी तरह भारतीय पंचांग का लीप ईयर भी 29 फरवरी के आसपास ही आता है।

कैसे पता करते हैं लीप ईयर, क्‍या है नियम
लीप इयर कैसे देखा जाता है? (How to calculate leap year)

जूलियस सीजर ने लीप इयर की शुरुवात की थी, लेकिन उन्होंने सिर्फ एक ही रूल रखा था। उनके अनुसार अगर कोई साल 4 से विभाजित हो जाये तो वो लीप इयर होगा। इस रूल के अनुसार कई लीप इयर हो जाते लेकिन वे सौर स्थिती के अनुसार सही नहीं थे। फिर ग्रेगोरियन कैलेंडर ने लगभग 200 साल बाद लीप इयर के लिए नए रुल निकले, जिसके बाद सही लीप इयर का पता चल पाया।

किसी भी साल को लीप ईयर होने के लिए इन दो कंडीशन को पूरा करना जरूरी होता है। पहला यह कि उस वर्ष विशेष को चार की संख्‍या से भाग दिया जा सकता है। जैसे 2000 को 4 से डिवाइड किया जा सकता है। इसी तरह 2004, 2008, 2012, 2016 और 2020 भी इसी क्रम में शामिल है। दूसरी बात यह कि अगर कोई (सेंचूरी ईयर) वर्ष 100 की संख्‍या से डिवाइड हो जाए तो वह लीप ईयर नहीं है लेकिन अगर वही वर्ष पूरी तरह से 400 की संख्‍या से विभाजित हो जाता है तो वह लीप ईयर कहलाएगा। उदाहरण के लिए, 1300 की संख्‍या 100 से तो विभाजित हो जाती है लेकिन यह 400 से विभाजित नहीं हो सकती है। इसी तरह 2000 को 100 से डिवाइड किया जा सकता है लेकिन यह 400 से भी पूरी तरह डिवाइड हो जाता है, इसलिए यह लीप ईयर कहलाएगा।

तो जब हर चार साल में एक दिन जोड़ा जाता है तब हम एक छोटे से अंतर से अधिक सही संशोधन करते है।

इसलिए हर सौवे साल पर हम एक दिन साल में से हटा देते है, इसी कारण शताब्दी साल जैसे 1700, 1800, 1900, 2100, 2200, 2300 और 2500 आदि शताब्दी साल लीप साल नहीं माने जाते।

फ़रवरी में 28 दिन क्यों होते है? (Why February has 28 days) –

सबसे पहले कैलेंडर रोमन लोगों ने बनाया था, वे लोग बहुत व्यावहारिक हुआ करते थे। रोमन लोगों ने चन्द्र की स्थिती के अनुसार इस कैलेंडर को बनाया था। उनका कैलेंडर मार्च से दिसम्बर तक का होता था, जिसमें 304 दिन ही होते थे। वैसे रोमन लोगों ने इसे मार्च से दिसम्बर के बीच का क्यूँ बनाया, इसके बारे में अधिक जानकारी तो नहीं है, लेकिन कहा जाता है कि रोम में जनवरी फ़रवरी में अधिक ठण्ड पड़ती थी, तो यह समय रोमन के लिए महत्वपूर्ण नहीं होता था। जिस वजह से इसे कैलेंडर में शामिल ही नहीं किया गया। दिसम्बर के आखिर से ही मौसम बदलने लगता, जो मार्च की शुरुवात में भी रहता था। कैलेंडर को एक सही क्रम की जरूरत थी।

कुछ समय बाद राजा नुमा आया, जिसने सोचा की कैलेंडर को एक सही क्रम की बहुत आवश्कता है। उन्होंने जनवरी और फरवरी महीने को साल में जोड़ा। भगवान् जानूस के नाम पर जनवरी महीने का नाम रखा गया। उस समय भी मार्च से नया साल शुरू होता था। लगभग 7 दशक बाद जूलियस ने जनवरी को साल का पहला महिना बोला और तब से इस महीने से नया साल शुरू हुआ। फ़रवरी में 23-24 दिन रखे गए, जबकि बाकि महीनों में 29 या 31 दिन हुआ करते थे।

जूलियन कैलेंडर –

आज से करीब 2000 ईसापूर्व की है, जब इटली पर जूलियस सीजर का राज हुआ करता था। BC पहली शताब्दी में रोम में जूलियन द्वारा लीप डे लाया गया था। एक समय यह भी था जब रोम में लोग 355 दिन साल के मानते थे, जिससे हर 2 साल में 22 दिन अलग से बच जाते थे। 45 BC में जूलियस सीजर इस समस्या से बहुत परेशान हो कर अपने ज्योतिषी से ऐसी व्यवस्था करने को कहा जिससे कालक्रम गड़बड़ हुए बगैर ही इस समस्या का निदान हो जाए। खगोलशास्त्री ने इसे चन्द्र की जगह सूर्य की स्थिती के अनुकूल बनाने का प्रयास शुरू किया। खगोलशास्त्री 365 दिन का एक साल बनाया, जिसमें बचे हुए समय से हर चौथे साल में एक दिन फरवरी में जोड़ा गया। फरवरी का महिना सबसे छोटा था, जिस वजह से लीप इयर में लीप डे फरवरी में जोड़ा गया। इसके अलावा फ़रवरी को उस समय आखिरी महिना मानते थे, इसलिए भी इस दिन को साल के आखरी दिन के रूप में फ़रवरी में जोड़ा गया।

एक कारण यह भी था कि 28 नंबर रोमन लोग अच्छा नहीं मानते थे, लेकिन इसे कैलेंडर में जोड़ना जरुरी था, इसलिए इसे छोटे महीने के रूप में ही रखा गया। फ़रवरी का महिना उनकी दृष्टि में अच्छा नहीं हुआ करता था। इस महीने में रोमन लोग अपने पुरखों का श्राद्ध, तर्पण किया करते थे, एक यह भी वजह है ये महीना उनके लिए अच्छा नहीं था। इस महीने में कोई भी शुभ काम नहीं हुआ करते थे। इसलिए लीप इयर में इसमें एक दिन जोड़ कर इसे 29 दिन का बना दिया गया।

कुछ लोग का कहना है कि पहले फ़रवरी में 30 दिन हुआ करते थे, और अगस्त में 29 दिन हुआ करते थे। लेकिन जब सीज़र ऑगस्टस शासक बने, तब उन्होंने अपने नाम के महीने में फ़रवरी से 2 दिन कम करके अगस्त में जोड़ दिए, जिससे अगस्त में भी जुलाई के बराबर 31 दिन हो सकें।

29 फरवरी को लीप ईयर कहे जाने के पीछे है एक रोचक कहानी

इसके बाद भी इस कालक्रम में कई बदलाव और सुधार हुए, इस बार ये सुधार करने वाले थे पोप ग्रेगरी 13। उन्होंने ही 29 दिनों के साल को लीप ईयर का नाम दे दिया। आज हम जिस ग्रेगेरियन कैलेंडर का अनुसरण करते हैं वो पोप ग्रेगेरी के नाम पर ही रखा गया है।

कौन थे पोप ग्रेगरी 13?

7 जनवरी सन् 1502 में पोप राज्य बोलोग्ना में जन्में पोप ग्रेगरी का वास्तविक नाम यूगो बोनकोनपागनी था। नजदीकी शहर में ही अपनी पढ़ाई की दीक्षा लेने वाले पोप ने कानून की डिग्री भी हासिल की थी।

28 वर्ष की उम्र ही वे एक कानून विश्वविद्यालय के प्रोफेसर भी बन गए थे, लेकिन बौद्धिक क्षमता के धनी पोप की दिलचस्पी हमेशा धार्मिक मसलों पर ही होती थी। वे एक विचारशील कैथोलिक थे। 13 मई, 1572 में यूगो को 13वां पोप बनाया गया, जिसके बाद उनका नाम पड़ा पोप ग्रेगरी 13।

हमारा वैश्विक इतिहास उन्हें ग्रेगेरियन कैलेंडर के निर्माण को लेकर जानता है। गौरतलब है कि 83 वर्ष की आयु में पोप ग्रेगरी की मृत्यु 10 अप्रैल, 1585 को हुई।

हमारी जिंदगी पर पड़ता है यह असर

जिन लोगों का जन्‍म 29 फरवरी को आता है, वे अपना वास्‍तविक जन्‍मदिन 4 साल में ही एक बार मना पाते हैं। हालांकि सांकेतिक रूप से वे 28 फरवरी को अपना जन्‍मदिन मना लेते हैं लेकिन सरकारी कागजों में, कानूनी दस्‍तावेजों में तो यह 29 फरवरी ही आधिकारिक तिथि के रूप में दर्ज होती है। मजे की बात यह है कि 29 फरवरी को जन्‍मे व्‍यक्ति को अपना वास्‍तविक 25वां जन्‍मदिन मनाने के लिए पूरे 100 साल का होना पड़ेगा। इसी तरह हर साल 28 फरवरी तक काम करके पूरे महीने का वेतन लेने वाले कर्मचारियों को इस महीने एक दिन अतिरिक्‍त काम करना होता है। हालांकि यह 30 और 31 दिनों के महीनों की तुलना में फिर भी एक दिन कम ही होता है।

लीप ईयर में जन्‍मे ये प्रसिद्ध लोग

1. मोरारजी देसाई
भारत के पूर्व प्रधानमंत्री स्‍व. मोरारजी देसाई लीप ईयर में जन्‍मे थे। उनका जन्‍म 29 फरवरी 1896 को हुआ था। वे जनता पार्टी की सरकार में वर्ष 1977 से 1979 तक प्रधानमंत्री रहे। संयोग की बात है कि वे लीप ईयर में जन्‍मे थे, जो चार साल में आता है और देश के प्रधानमंत्री बनने वाले भी वे चौथे ही व्‍यक्ति थे।

2. सुपरमैन
हम किसी एक्‍टर की बात नहीं कर रहे हैं, यह वास्‍तविक किरदार है जो लीप ईयर में जन्‍मा था। सुपरमैन एक ऐसा पात्र है अपने सुपर पॉवर के लिए पूरी दुनिया में ख्‍यात है। लेखक जैरी सीगल के मुताबिक यह कैरेक्‍टर 1938 में आए लीप ईयर में ही कॉमिक्‍स में लाया गया था।

3. रुक्‍मिणी देवी अरुंदाले
रुक्‍मिणी देवी भारत एक प्रसिद्ध नृत्‍यांगना थीं। उनका जन्‍म 29 फरवरी 1904 को मदुरै में हुआ था। उन्‍होंने कलाक्षेत्र नामक संस्‍था की स्‍थापना की थी। वे भरतनाट्यम की शास्त्रीय नृत्‍यांगना और प्रशिक्षक थीं। पशु अधिकारों और कल्याण के लिए भी वे बतौर एक्टिविस्‍ट काम करती थीं। वे भारतीय इतिहास की पहली महिला थीं जिन्हें राज्यसभा का सदस्य नामित किया गया था। 24 फरवरी 1986 को चेन्‍नई में उनका निधन हो गया।

* ऑस्ट्रेलिया के तस्मानिया राज्य के पूर्व शीर्ष नेता सर जेम्स विल्सन का जन्म भी 29 फरवरी 1812 को हुआ था। यह विचित्र संयोग है कि उनका निधन भी 29 फरवरी को ही 1880 में हुआ था। संभवतः विल्सन पहली शख्सियत हैं जिनका जन्म और निधन दोनों ही 29 फरवरी को हुआ।

* 29 फरवरी को जन्म लेने वाले मशहूर अभिनेता या अभिनेत्रियों में भारतीय अभिनेत्री वर्षा उसगांवकार, डैनिस फैरिना जारूल, केन फोरे, शॉल विलियम्स, फिलिस फ्रेलिस (अमेरिका), ऐलैक्स रौको, एंटोनियो सबैटो जूनियर इटली, फ्रैंक वुडले, जोनाथन कोलमैन ऑस्ट्रेलिया, जॉस ऑकलैंड, वेंडी पीटर्स इंग्लैंड, नॉको इलिजीमा जापान, मिशेल मार्गन, फ्रांस शामिल है। डिन शोर (मशहूर अमेरिकी गायक :1916)

* विश्व में कई जानी माने खिलाड़ी है जिन्होंने 29 फरवरी को जन्म लिया है। ऐसी ही कुछ महत्वपूर्ण हस्तियों में कई हॉकी खिलाड़ी है। इनमें भारतीय खिलाड़ी एडम सिंक्लेयर, कनाडा के खिलाड़ी कैम वार्ड, हेनरी रिचर्ड, लैडन बायर्स, सिमौन गैगने, बॉबी सैनग्यूनएटी, अमेरिका शामिल है।

* विश्व के सर्वाधिक लोकप्रिय खेल फुटबॉल खेलने वाले कई ऐसे खिलाड़ी है जिनका जन्म भी 29 फरवरी का है। इनमें ब्राइस पौप अमेरिका, बेनेडिकिट होउडेस जर्मनी, डैरेन एम्ब्राज स्कॉट गॉल बाउन, ब्रिटिश खिलाड़ी क्लिंटन टुपी न्यूजीलैंड आदि। 

* इस दिन जन्‍में लोगों में अल रोसेन (अमेरिकन बेसबॉल प्लेयर :1924), सी.एच.रोमेरो. अल सलेवेडोर के राष्ट्रपति, क्रिस कोनेली अमेरिकी संगीतकार, डैनिस वाल्गर जर्मनी रग्बी खिलाड़ी, जेरी फ्राई अमेरिकन बेसबॉल खिलाड़ी, जीरो आकागावा जापानी उपन्यासकार, मर्वेन वारेन अमेरिकी संगीतकार, टेलर वेलमैन अमेरिकी फुटबॉल खिलाड़ी और टैरेन्स लांग अमेरिकी बेसबॉल खिलाड़ी शामिल हैं।

* ईसाइयों के धर्मगुरू पॉप पॉल-3 का जन्म भी वर्ष 1468 में इसी दिन हुआ था। इसी तरह कई जानी-मानी शख्सियत हैं जिनका जन्म 29 फरवरी को हुआ था। 

चीन का लीप ईयर 3 साल का

चीन में लीप ईयर को लेकर कुछ अलग मान्‍यताएं हैं। एक तरफ जबकि आधुनिक ग्रेगोरियन कैलेंडर 29 फरवरी को लगभग हर चार साल में केवल एक लीप दिन जोड़ता है, वहीं चीनी लोग लगभग तीन वर्षों के बाद पूरे लीप की अवधि के महीने को जोड़ते हैं। यहां लीप के महीने का नाम पिछले लुनार मंथ यानी चंद्रमा के महीने के नाम के समान ही होता है। यह लीप महीना चीनी कैलेंडर में शामिल किया जाता है। यहां लगभग हर तीन साल (19 साल में 7 बार), चीनी कैलेंडर में एक लीप महीना जोड़ा जाता है। यह पता करने के लिए एक वर्ष में 11वें महीने और अगले वर्ष में 11वें महीने के बीच नए चंद्रमाओं की संख्या पता करना होती है।

29 फरवरी से जुड़ी है ये खास बातें
लीप वर्ष के विषय में अंधविश्वास –

* 29 फरवरी को अमेरिका में छुट्टी मनाने की मांग की जा रही है। जिसकी वजह इस दिन काम करने पर अधि‍क सैलरी न दिए जाना है।
* 29 फरवरी को पैदा होने वाले लोगों को लीपिंग और लीपर (लीपलिंग्स या लीपर्स) कहते हैं। एक बच्चे का लीप डे में पैदा होने का चांस 1461 में एक होता है। पूरी दुनिया में लगभग 5 मिलियन लीपलिंग्स है।
* कुछ अन्धविश्वासीयों का मानना है, जो बच्चे इस दिन पैदा होते है वे असामान्य प्रतिभा, महान व्यक्तित्व, यहाँ तक की विशेष शक्तियों के मालिक होते है। वे लोग अपना जन्म दिन 28 फ़रवरी या 1 मार्च को मनाते है।
* इटली में लोग मानते हैं कि लीप ईयर में महिलाएं वीयर्ड बिहेव करती हैं।
* ग्रीस में लीप ईयर में पांच में से एक कपल लीप ईयर में शादी से परहेज करता है। लोग लीप ईयर को अशुभ मानते हैं। वहां लोग इस साल शादी करना अवॉयड करते है।
* लीप ईयर पर डेनमार्क में अगर कोई पुरुष, महिला को ठुकराता है तो उसे 12 जोड़े ग्लव्स देने पड़ते हैं।
* रूस में लीप इयर को मौसम के हिसाब से बुरा माना जाता है. उनका मानना है, मौसम ख़राब होने की वजह से इस साल मृत्यु दर बढ़ जाती है। उनका यह भी मानना होता है कि लीप वर्ष में अगर मटर और बीन्स बोया जाता है तो वे अच्छी फसल नहीं देते है।
* जेरुसलम के ए‍क होटल ने 29 फरवरी को आने वाले मेहमानों के लिए खास पैकेज के ऑफर निकाले हैं। इसके लिए आपको अपने पार्टनर के साथ वहां ठहरना होगा और अगर महिला इस तारीख को होटल में कंसीव करती है तो वे आपको कई सर्विस मुफ्त देंगे। हालांकि ऐसा बेबी होने के बाद ही होगा।
* चांस की बात है कि हर लीप ईयर में अमेरिका में प्र‍ेजिडेंट पद के चुनाव होते हैं।
* क्रिकेट वर्ल्ड कप हर चार साल में आयोजित कराया जाता है और एक तरह से यह भी लीप ईयर में ही होता है।
* देश का यूनियन बजट 2016 वित्‍त मंत्री अरुण जेटली ने लीप ईयर के दिन पेश किया है।
* 29 फरवरी को पैदा होने की संभावना 1,461 से एक हैं। दुनिया में करीब 50 लाख लोग इस दिन पैदा हुए हैं।
* 29 फरवरी को महिलाएं प्रपोज करती हैं!! फरवरी तो यूँ भी प्यार का महीना है, मगर कहा जाता है कि 29 फरवरी को महिलाएं प्रपोज करती हैं। इसका कारण यह है कि महिलाएं अपने पार्टनर को ढूंढने के लिए काफी लंबा इंतजार करती हैं। इसी तरह 29 फरवरी के लिए भी काफी लंबा इंतजार होता है। इसका संबंध 1288 के स्कॉटिश कानून से भी है। इस दिन कुंवारी महिलाएँ अपनी पसंद के पुरूष को प्रपोज करती थीं। जो पुरुष इसे नकार देते थे, उन पर जुर्माना लगाया जाता था। इस तरह यूरोप में इस दिन महिलाओं के प्रपोजल को रिजेक्ट करने वालों के लिए अलग-अलग जुर्माना है। इसके साथ ही यह पुरूष द्वारा प्रपोज करने की प्रथा को तोड़ता है।
* कई पश्चिमी देशों में लोगों का मानना है कि अगर कोई प्यार में बार-बार असफल हो जाता है और इजहार करने के बाद भी महबूब घास नहीं देता है तो उसे 29 फरवरी को अपने प्यार का इजहार करना चाहिए। उसकी यह कोशिश बेकार नहीं जाएगी। 

लीप ईयर : एक नज़र

* चार साल में एक बार आने वाले विशेष वर्ष को लीप ईयर कहते हैं।
* लीप ईयर में साल के 366 दिन होते हैं। यह पिछले 3 वर्षों के मुकाबले एक दिन ज्‍यादा बड़ा होता है।
* लीप ईयर केवल फरवरी से ही पहचाना जाता है। इसमें फरवरी 29 दिनों की होती है जो सामान्‍य रूप से 28 दिनों की होती है।
* इसकी गणना खगोलीय घटनाक्रम के आधार पर होती है।
* पृथ्‍वी सूर्य का चक्‍कर 365 दिन 6 घंटे में पूरा करती है। ये 6 एक्‍स्‍ट्रा घंटे 4 बार मिलाकर 24 घंटे, यानी एक दिन होते हैं। इसे ही लीप ईयर में जोड़ा जाता है।
* 29 फरवरी को जन्‍मे लोग अपना वास्‍तविक जन्‍मदिन 4 साल में एक बार मना पाते हैं।
* इस दिन पैदा हुए लोगों को 25 साल पूरे करने के लिए शतायु यानी सौ वर्ष का होना जरूरी है।
* सदी के पहले लीप ईयर 2000 में जो व्‍यक्ति जन्‍मा होगा, वह इस साल अपना चौथा जन्‍मदिन मनाएगा। यानी कहने को वह 20 साल का युवा होगा लेकिन उसकी उम्र महज 4 वर्ष ही आंकी जाएगी।

इस सदी के अगले लीप ईयर

2024, 2028, 2032, 2036, 2040, 2044, 2048, 2052, 2056, 2060, 2064, 2068, 2072, 2076, 2080, 2084, 2088, 2092, 2096, 3000

ज्योतिष की नजर से 29 फरवरी

कई लोग 29 फरवरी को अशुभ मानते हैं, लेकिन ज्योतिष के मुताबिक 29 फरवरी को पैदा होने वाले बच्चे पराक्रमी होते हैं। ज्योतिष के मुताबिक इस दिन जन्में बच्चे विलक्षण प्रतिभा वाले होते हैं। वो बच्चे पराक्रम की दृष्टि से अद्भुत होते हैं।

लीप ईयर का कंप्यूटर पर बेअसर

तकनीकी विशेषज्ञों के अनुसार, लीप वर्ष का असर हमारे कंप्यूटर के आंकड़ों पर इसलिए नहीं पड़ेगा, क्योंकि जिस समय पहले कंप्यूटर का निर्माण हुआ था, उसी समय लीप वर्ष से ऊपजी समस्या का निदान निकाल लिया गया था और बाद में समय-समय पर इसमें संशोधन किया जाता रहा। वर्ष 2000 में वाई2के की समस्या जरूर आई थी और इसपर दुनिया भर में काफी हंगामा भी मचा था, लेकिन कंप्यूटर विशेषज्ञों ने उसका भी हल निकाल लिया था।

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