श्री स्वामीनारायण मंदिर
श्री स्वामीनारायण मंदिर का पुननिर्माण संगमरमर और सोने से किया गया, जिसकी चमक देखकर आपकी आँखें खुली की खुली रह जायेंगी। स्वामी नारायण मंदिर शहर से थोड़ी दूरी पर भुज में रामकुंड बावड़ी के पास में स्थित है, जिसके चलते आप यहां एक असीम शांति का एहसास कर सकते हैं।
माना जाता है कि स्वामीनारायण संप्रदाय के संस्थापक स्वामीनारायण जब भुज आए तो उन्होंने यहीं स्थानीय साधुओं के साथ बैठक की। इस मंदिर में खास तरह की चमकीले रंगों वाली लकड़ी की नक्काशी की। यह रामकुंड बावड़ी से सड़क के ठीक नीचे स्थित है। मंदिर मूल रूप से 1822 में बनाया गया था और कई स्वामीनारायण संप्रदाय मंदिरों में से पहला था।
स्वामीनारायण मंदिर
स्वामी नारायण मंदिर का निर्माण स्वामीनारायण संप्रदाय ने कराया था, जो भुज में लोकप्रिय है। नया मंदिर पुराने मंदिर के बहुत करीब है, और इसमें स्वामीनारायण सहित कई मूर्तियां है।
स्वामीनारायण का सिंहासन
स्वामीनारायण का सिंहासन, मंदिर के गुंबद और यहां तक कि दरवाजे तक सोने से बने हैं, जबकि मंदिर के स्तंभ और छत संगमरमर में बने हैं। वर्ष 2001 में भूकम्प ने मंदिर को पूरी तरह बर्बाद कर दिया था, लेकिन बाद में इसे पुननिर्माण कराकर नये मंदिर में मूर्तियों को स्थापित किया गया।
5 एकड़ में फैला
मंदिर परिसर 5 एकड़ जमीन में फैला हुआ है। झिलमिलाता ढांचे और एक मुख्य गुंबद के साथ 7 शिखर हैं, 25 छोटे गुंबद और शुद्ध संगमरमर से बने 258 नक्काशीदार खंभे हैं। मंदिर में राधा कृष्ण, गणेश और अन्य देवताओं की विभिन्न रंगीन लकड़ी की मूर्तियां भी हैं।
मुख्य मंदिर के अलावा, अन्य आकर्षण
मुख्य परिसर के अंदर, एक छोटे से मंदिर का निर्माण किया गया है जिसमें केवल महिलाएं ही जा सकती हैं। संत निवास संतों के लिए एक ध्यान कक्ष हैं। यहां स्थित भोजन हॉल में एक बार में करीबन 2000 व्यक्ति भोजन कर सकते हैं। एक सभा मंडप है, जहां धार्मिक प्रवचन और कीर्तन होते हैं।
गुजरात के सबसे महंगे और आकर्षक मन्दिर
स्वामी नारायण मंदिर गुजरात के सबसे महंगे और आकर्षक मन्दिरों में से एक है। मंदिर के पुननिर्माण में करीबन 600 मूर्तिकारों ने इस प्रोजेक्ट को करीबन 7 साल में पूरा किया।
कब आयें
गर्मी के दौरान यहां की यात्रा से बचना चाहिए क्योंकि गर्मी के दौरान यहां का तापमान काफी अधिक रहता है। सर्दियों (अक्टूबर-मार्च) के दौरान यहां की यात्रा करना सुखद रहता है।
मंदिर का समय
मंदिर भक्तों के लिए 6 बजे से शाम 7 बजे तक खुला रहता है।
मंदिर तक कैसे पहुंचे
गुजरात के किसी भी हिस्से से भुज आसानी से पहुंचा जा सकता है। शहर तक पहुंचने के लिए गाड़ियों, बसों और यहां तक कि उड़ानें उपलब्ध हैं।
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